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डीएम ने की स्वास्थ्य योजनाओं की समीक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं में बाधा पहुंचाने पर आशा को चिह्नित कर एफआईआर दर्ज करने के डीएम ने दिए निर्देश।


सारस न्यूज, किशनगंज


जिले में निर्धारित मानकों के अनुरूप स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी सभी योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु मासिक समीक्षात्मक बैठक समाहरणालय सभागार में आयोजित की गयी।
जिलाधिकारी-सह- अध्यक्ष, जिला स्वास्थ्य समिति श्रीकान्त शास्त्री की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में स्वास्थ्य संबंधी विभिन्न योजनाओं की गहन समीक्षा की गयी। स्वास्थ्य संबंधी मामलों की अद्यतन स्थिति की समीक्षा में मैटरनल हेल्थ, चाइल्ड हेल्थ, इंफ्रास्ट्रक्चर, इम्युनाइजेशन, टीबी ट्रीटमेन्ट व एफआरयू से जुड़ी सेवाओं में निर्धारित मानकों में जिले का प्रदर्शन बेहतर रहा है।
जिले की आशा व आशा फैसिलिटेटरों की अपनी विभिन्न मांगों के समर्थन में अनिश्चितकालीन हड़ताल के क्रम में विरोधस्वरूप आशा कार्यकर्ताओं द्वारा स्वास्थ्य संबंधी कार्यों को बाधित करने का मामला सामने आ रहा है। इससे जरूरी इलाज से मरीज को वंचित होना पड़ रहा है। संबंधित मामले को लेकर जिला प्रशासन सख्त है। जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री ने आशा कर्मियों के इस कृत्य को हाईकोर्ट के आदेश की अवमानना बताते हुए संबंधित मामले में दोषी आशा कार्यकर्ताओं के खिलाफ सख्त विभागीय कार्रवाई सुनिश्चित कराने का आदेश संबंधित स्वास्थ्य अधिकारियों को दिया है। जिलाधिकारी ने अश्विन पोर्टल के अनुरूप कार्य में लापरवाही बरतने व स्वास्थ्य सेवाओं को बाधित करने के मामले में दोषी आशा कार्यकर्ताओं को चिह्नित करते हुए उनके विरुद्ध संबंधित थाना में प्राथमिकी दर्ज कराते हुए उन्हें चयनमुक्त करने का आदेश दिया है। संबंधित मामले में जिलाधिकारी ने सिविल सर्जन व सभी एमओआईसी को जरूरी कार्रवाई सुनिश्चित कराने को कहा है। 
जिलाधिकारी के द्वारा बैठक में स्वास्थ्य एवं आईसीडीएस विभाग को आपसी समन्वय स्थापित करते हुए ग्रामीण स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस मनाने का निर्देश दिया गया है।
बैठक में मातृत्व-शिशु सुरक्षा से संबंधित कार्यक्रम को अधिक प्रभावी बनाने की रणनीति पर विचार किया गया। सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने कहा कि बीते कुछ माह के दौरान एएनसी जांच और प्रसव संबंधी जटिल मामलों को चिह्नित करने की प्रक्रिया में तेजी आयी है। हर माह इसमें 10 प्रतिशत बढ़ोतरी का लक्ष्य निर्धारित है। प्रथम तिमाही के दौरान गर्भवती महिलाओं का पंजीकरण, प्रसव काल के दौरान चार या इससे अधिक बार एएनसी व हीमोग्लोबिन की जांच के साथ-साथ संस्थागत प्रसव में बढ़ोतरी व जन्म के उपरांत 2.5 किलो से कम वजन वाले नवजात को चिह्नित कर उनका समुचित उपचार तथा डायरिया प्रबंधन को लेकर प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं।
सिविल सर्जन ने कहा कि जिलाधिकारी के निर्देश पर हर स्वास्थ्य ईकाइयों का अनुश्रवण अस्पताल में सफाई व्यवस्था में सुधार, नियमित रूप से ओपीडी व आपातकालीन सेवाओं का संचालन, निर्धारित रोस्टर के मुताबिक कर्मियों की सेवा सुनिश्चित कराने के साथ-साथ अपने कर्तव्य व जिम्मेदारियों के प्रति लापरवाह स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ सख्त विभागीय कार्रवाई सुनिश्चित कराने का निर्देश उन्होंने स्वास्थ्य अधिकारियों को दिया। साथ ही 80 प्रतिशत से कम टीकाकरण वाले क्षेत्रों का नियमित अनुश्रवन का निर्देश पदाधिकारियों को दिया गया है।
बैठक में सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ देवेंद्र कुमार, जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी, संचारी रोग पदाधिकारी , भीवीडीसीओ, डीपीओ आईसीडीएस, सदर अस्पताल उपाधीक्षक, डीपीएम, सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंन्धक सहित अन्य मौजूद थे।

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