मातृत्व-शिशु सुरक्षा उपायों की बेहतरी व कोविड टीकाकरण में तेजी का निर्देश।
किशनगंज जिले में संक्रमण के दौर में निर्धारित मानकों के अनुरूप स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी कई योजनाओं का क्रियान्वयन प्रभावित हुआ है। इसे फिर बेहतर ढंग से संचालित किये जाने की जरूरत है। महत्वपूर्ण स्वास्थ्य मानकों में सुधार को लेकर जरूरी प्रयास किये जा रहे हैं इन्ही बातो को लेकर स्वास्थ्य संबंधी मामलों की मासिक समीक्षात्मक बैठक सोमवार को समाहरणालय सभागार में आयोजित की गयी। जिलाधिकारी-सह-अध्यक्ष, जिला स्वास्थ्य समिति श्रीकान्त शास्त्री की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में स्वास्थ्य संबंधी विभिन्न योजनाओं की गहन समीक्षा की गयी।उन्होंने कहा स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले में पिछड़े जिलों में गिने जाने वाले किशनगंज में अब स्वास्थ्य सुविधाएं पहले से काफी बेहतर हुई हैं। स्वास्थ्य संबंधी मामलों की अद्यतन स्थिति की समीक्षा करते हुए कहा कि मैटरनल हेल्थ, चाइल्ड हेल्थ, इंफ्रास्ट्रक्चर, इम्युनाइजेशन, टीबी ट्रीटमेन्ट व एफआरयू से जुड़ी सेवाओं में निर्धारित मानकों में महामारी के दौर में जिले का प्रदर्शन बेहतर रहा है। बैठक में सिविल सर्जन, डॉ कौशल किशोर, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ देवेन्द्र कुमार, डीपीएम डॉ मुनाजिम, एस एम सी एजाज एहमद, एसएम्ओ डॉ अनिशुर रहमान, सीफार के जिला समन्वयक ,सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंन्धक सहित अन्य मौजूद थे।
ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य और पोषण दिवस को सुदृढ करने का लिया गया निर्णय:-
जिलाधिकारी के द्वारा बैठक में स्वास्थ्य एवं आई सी डी एस विभाग को आपसी समनवय स्थापित करते हुए ग्रामीण स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस मनाने का निर्देश दिया गया है ग्रामीण स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस यानी वीएचएसएनडी आम लोगों तक जरूरी स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच आसान बनाता है। वीएचएसएनडी स्वास्थ्य संबंधी जरूरी परामर्श के साथ महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दों पर लोगों के व्यवहार परिवर्तन के लिए जागरूक करने का मंच भी है।इसके साथ-साथ प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा जैसे टीकाकरण, प्रसव पूर्व देखभाल, पोषण वृद्धि निगरानी तथा प्रारंभिक शिशु विकास संबंधी सेवाएं प्रदान करने का बेहतर जरिया है। हर सप्ताह बुधवार व शुक्रवार को सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर वीएचएसएनडी का आयोजन किया जाता है। इसी क्रम में मंगलवार को सभी चिकित्सा संस्थानों में आयोजित एएनएम की सप्ताहिक समीक्षात्मक बैठक में विस्तृत को लेकर जरूरी दिशा निर्देश भी दिये गये।
सूबे में कोविड टीकाकरण में 12 से 14 वर्ष के प्रथम डोज में 02 रे एवं दूसरे डोज में भी 02सरे नंबर पर जिला: डीएम
समीक्षा बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने बताया ज़िले में 91.8 % प्रथम एवं 92.3 % दूसरा डोज दिया गया l वहीं 12-14 वर्ष के किशोरों के कुल लक्ष्य 95 हजार 566 में से 98071 को व्यक्ति को शतप्रतिशत प्रथम डोज दी गयी है। 15-17 वर्ष के किशोरों के कुल लक्ष्य 1.46 लाख में से 1.50 लाख को प्रथम, 1.40 लाख को दूसरा डोज दिया गया है। 95 जहर से अधिक लोगों को प्रीकॉशन डोज दी गयी है। डीएम ने यह भी बताया टीकाकरण के लक्ष्य को शत-प्रतिशत हासिल करने के लिए जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयासरत है।
मातृत्व-शिशु स्वास्थ्य संबंधी कार्यक्रम को बनाएं बेहतर:-
बैठक में मातृत्व-शिशु सुरक्षा से संबंधित कार्यक्रम को अधिक प्रभावी बनाने की रणनीति पर विचार किया गया। सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने कहा कि बीते कुछ माह के दौरान एएनसी जांच और प्रसव संबंधी जटिल मामलों को चिह्नित करने की प्रक्रिया में तेजी आयी है।हर माह इसमें 10 प्रतिशत बढ़ोतरी का लक्ष्य निर्धारित है। प्रथम तिमाही के दौरान गर्भवती महिलाओं का पंजीकरण, प्रसव काल के दौरान चार या इससे अधिक बार एएनसी व हेमोग्लोबिन की जांच के साथ-साथ संस्थागत प्रसव में बढ़ोतरी व जन्म के उपरांत 2.5 किलो से कम वजन वाले नवजात को चिह्नित कर उनका समुचित उपचार तथा डायरिया प्रबंधन को लेकर प्रभावी कदम उठाने का निर्देश उन्होंने दिया। एएनसी जांच मामले में शत प्रतिशत उपलब्धि को लेकर अधिकारियों को निरंतर क्षेत्र भ्रमण करते हुए संबंधित क्षेत्र की आशा, आंगनाबड़ी कार्यकर्ता व एएनएम को खास तौर पर इसके लिेय प्रेरित करने का निर्देश उन्होंने दिया।
लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ उठायें सख्त कदम:-
सिविल सर्जन ने कहा कि जिलाधिकारी के निर्देश पर हर बुधवार व गुरुवार को स्वास्थ्य इकाईयों का अनुश्रवण किया जा रहा है। इसलिये अस्पताल में सफाई व्यवस्था में सुधार, नियमित रूप से ओपीडी व आपातकालीन सेवाओं का संचालन, निर्धारित रोस्टर के मुताबिक कर्मियों की सेवा सुनिश्चित कराने के साथ-साथ अपने कर्तव्य व जिम्मेदारियों के प्रति लापरवाह स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ सख्त विभागीय कार्रवाई सुनिश्चित कराने का निर्देश उन्होंने स्वास्थ्य अधिकारियों को दिया।
सारस न्यूज़ टीम, सारस न्यूज़।
मातृत्व-शिशु सुरक्षा उपायों की बेहतरी व कोविड टीकाकरण में तेजी का निर्देश।
किशनगंज जिले में संक्रमण के दौर में निर्धारित मानकों के अनुरूप स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी कई योजनाओं का क्रियान्वयन प्रभावित हुआ है। इसे फिर बेहतर ढंग से संचालित किये जाने की जरूरत है। महत्वपूर्ण स्वास्थ्य मानकों में सुधार को लेकर जरूरी प्रयास किये जा रहे हैं इन्ही बातो को लेकर स्वास्थ्य संबंधी मामलों की मासिक समीक्षात्मक बैठक सोमवार को समाहरणालय सभागार में आयोजित की गयी। जिलाधिकारी-सह-अध्यक्ष, जिला स्वास्थ्य समिति श्रीकान्त शास्त्री की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में स्वास्थ्य संबंधी विभिन्न योजनाओं की गहन समीक्षा की गयी।उन्होंने कहा स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले में पिछड़े जिलों में गिने जाने वाले किशनगंज में अब स्वास्थ्य सुविधाएं पहले से काफी बेहतर हुई हैं। स्वास्थ्य संबंधी मामलों की अद्यतन स्थिति की समीक्षा करते हुए कहा कि मैटरनल हेल्थ, चाइल्ड हेल्थ, इंफ्रास्ट्रक्चर, इम्युनाइजेशन, टीबी ट्रीटमेन्ट व एफआरयू से जुड़ी सेवाओं में निर्धारित मानकों में महामारी के दौर में जिले का प्रदर्शन बेहतर रहा है। बैठक में सिविल सर्जन, डॉ कौशल किशोर, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ देवेन्द्र कुमार, डीपीएम डॉ मुनाजिम, एस एम सी एजाज एहमद, एसएम्ओ डॉ अनिशुर रहमान, सीफार के जिला समन्वयक ,सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंन्धक सहित अन्य मौजूद थे।
ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य और पोषण दिवस को सुदृढ करने का लिया गया निर्णय:-
जिलाधिकारी के द्वारा बैठक में स्वास्थ्य एवं आई सी डी एस विभाग को आपसी समनवय स्थापित करते हुए ग्रामीण स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस मनाने का निर्देश दिया गया है ग्रामीण स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस यानी वीएचएसएनडी आम लोगों तक जरूरी स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच आसान बनाता है। वीएचएसएनडी स्वास्थ्य संबंधी जरूरी परामर्श के साथ महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दों पर लोगों के व्यवहार परिवर्तन के लिए जागरूक करने का मंच भी है।इसके साथ-साथ प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा जैसे टीकाकरण, प्रसव पूर्व देखभाल, पोषण वृद्धि निगरानी तथा प्रारंभिक शिशु विकास संबंधी सेवाएं प्रदान करने का बेहतर जरिया है। हर सप्ताह बुधवार व शुक्रवार को सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर वीएचएसएनडी का आयोजन किया जाता है। इसी क्रम में मंगलवार को सभी चिकित्सा संस्थानों में आयोजित एएनएम की सप्ताहिक समीक्षात्मक बैठक में विस्तृत को लेकर जरूरी दिशा निर्देश भी दिये गये।
सूबे में कोविड टीकाकरण में 12 से 14 वर्ष के प्रथम डोज में 02 रे एवं दूसरे डोज में भी 02सरे नंबर पर जिला: डीएम
समीक्षा बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने बताया ज़िले में 91.8 % प्रथम एवं 92.3 % दूसरा डोज दिया गया l वहीं 12-14 वर्ष के किशोरों के कुल लक्ष्य 95 हजार 566 में से 98071 को व्यक्ति को शतप्रतिशत प्रथम डोज दी गयी है। 15-17 वर्ष के किशोरों के कुल लक्ष्य 1.46 लाख में से 1.50 लाख को प्रथम, 1.40 लाख को दूसरा डोज दिया गया है। 95 जहर से अधिक लोगों को प्रीकॉशन डोज दी गयी है। डीएम ने यह भी बताया टीकाकरण के लक्ष्य को शत-प्रतिशत हासिल करने के लिए जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयासरत है।
मातृत्व-शिशु स्वास्थ्य संबंधी कार्यक्रम को बनाएं बेहतर:-
बैठक में मातृत्व-शिशु सुरक्षा से संबंधित कार्यक्रम को अधिक प्रभावी बनाने की रणनीति पर विचार किया गया। सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने कहा कि बीते कुछ माह के दौरान एएनसी जांच और प्रसव संबंधी जटिल मामलों को चिह्नित करने की प्रक्रिया में तेजी आयी है।हर माह इसमें 10 प्रतिशत बढ़ोतरी का लक्ष्य निर्धारित है। प्रथम तिमाही के दौरान गर्भवती महिलाओं का पंजीकरण, प्रसव काल के दौरान चार या इससे अधिक बार एएनसी व हेमोग्लोबिन की जांच के साथ-साथ संस्थागत प्रसव में बढ़ोतरी व जन्म के उपरांत 2.5 किलो से कम वजन वाले नवजात को चिह्नित कर उनका समुचित उपचार तथा डायरिया प्रबंधन को लेकर प्रभावी कदम उठाने का निर्देश उन्होंने दिया। एएनसी जांच मामले में शत प्रतिशत उपलब्धि को लेकर अधिकारियों को निरंतर क्षेत्र भ्रमण करते हुए संबंधित क्षेत्र की आशा, आंगनाबड़ी कार्यकर्ता व एएनएम को खास तौर पर इसके लिेय प्रेरित करने का निर्देश उन्होंने दिया।
लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ उठायें सख्त कदम:-
सिविल सर्जन ने कहा कि जिलाधिकारी के निर्देश पर हर बुधवार व गुरुवार को स्वास्थ्य इकाईयों का अनुश्रवण किया जा रहा है। इसलिये अस्पताल में सफाई व्यवस्था में सुधार, नियमित रूप से ओपीडी व आपातकालीन सेवाओं का संचालन, निर्धारित रोस्टर के मुताबिक कर्मियों की सेवा सुनिश्चित कराने के साथ-साथ अपने कर्तव्य व जिम्मेदारियों के प्रति लापरवाह स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ सख्त विभागीय कार्रवाई सुनिश्चित कराने का निर्देश उन्होंने स्वास्थ्य अधिकारियों को दिया।