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डीएम श्रीकांत शास्त्री ने की स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक, स्वास्थ्य संस्थानों में निर्धारित रोस्टर का अनुपालन का दिया निर्देश।

सारस न्यूज, किशनगंज।

ज़िले में स्वास्थ्य सुविधा को सुलभ रूप से मुहैया करने के लिए जिला प्रशासन काफी गंभीर है। इसको ले सोमवार को जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक समाहरणालय सभागार में आयोजित की गई। समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा की हमलोगों को जिले के आखिरी व्यक्ति तक अपने स्वास्थ्य सुविधा पहुचाने की जरुरत है, इसके लिए स्वास्थ्य विभाग एवं जिला प्रशासन सदैव तत्पर है। गर्भवती महिलाओं की एएनसी जांच, संस्थागत प्रसव, नियमित व कोविड टीकाकरण, एनीमिया प्रबंधन को लेकर किये जा रहे विभागीय प्रयासों के अद्यतन स्थिति की समीक्षा की गई। जिलाधिकारी-सह-अध्यक्ष जिला स्वास्थ्य समिति, श्रीकान्त शास्त्री की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में स्वास्थ्य संबंधी विभिन्न योजनाओं की गहन समीक्षा की गयी। स्वास्थ्य संबंधी मामलों की अद्यतन स्थिति की समीक्षा करते हुए कहा कि मैटरनल हेल्थ, चाइल्ड हेल्थ, इंफ्रास्ट्रक्चर, इम्युनाइजेशन, टीबी ट्रीटमेन्ट व एफआरयू से जुड़ी सेवा, एनसीडी स्क्रीनिंग, एनीमिया मुक्त भारत अभियान सहित विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों की समीक्षा करते हुए डीएम ने स्वास्थ्य अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश दिये। उन्होंने सभी मरीजो सफल स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने के लिए अस्पताल में साफ-सफाई, लाइट एवं शुद्ध भोजन की व्यवस्था करना सर्वोपरि है। इस कार्य कोताही बर्दास्त नहीं की जाएगी। कार्य में असंतोष पाए जाने पर आउटसोर्सिंग एजेंसी पर कार्यवाही करना सुनिश्चित करें। बैठक में सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ देवेन्द्र कुमार, डीपीएम डॉ मुनाजिम, डीपीसी विश्वजीत कुमार, एसएमसी एजाज एहमद, सदर अस्पताल उपाधीक्षक, सीफार के जिला समन्वयक, सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंन्धक सहित अन्य मौजूद थे।

निर्धारित रोस्टर का अनुपालन करायें सुनिश्चित-डीएम:-
जिलाधिकारी, श्रीकांत शास्त्री के लगातार क्षेत्र भ्रमण के दौरान विभिन्न अस्पतालों के संचालन से जुड़ी खामियों को इंगित करते हुए सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को इसमें सुधार को लेकर कड़े निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि सदर अस्पताल सहित अन्य अस्पतालों में निर्धारित रोस्टर का अनुपालन सख्तीपूर्वक सुनिश्चित कराया जाये। वेलनेस सेंटर पर ओपीडी सेवाओं को ज्यादा कारगर व प्रभावी बनाया जाए। उन्होंने कहा कि जिम्मेदारी पूर्वक अपने कर्तव्यों का निवर्हन नहीं करने वाले चिकित्सक व कर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

विभागीय स्तर पर आपसे समन्वय को बनायें बेहतर:-
डीएम श्रीकांत शास्त्री ने सभी चिकित्सा केंद्रों पर ओपीडी सेवाओं के साथ-साथ एनसीडी स्क्रीनिंग सेवाओं के प्रभावी क्रियान्वयन का निर्देश उन्होंने दिया। उन्होंने स्वास्थ्य अधिकारियों को संबोधित करते हुए कमतर प्रदर्शन करने वाले प्रखंडों को इसमें सुधार को लेकर जरूरी दिशा निर्देश दिये। अपने कर्तव्य व जिम्मेदारियों के प्रति ईमानदार रवैया अपनाते हुए उन्होंने आम लोगों तक बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया साथ ही उन्होंने कहा कि कार्य व जिम्मेदारी के प्रति लापरवाह अधिकारी व कर्मी अगर अपने रवैये में बदलाव नहीं करते तो मजबूरन उन्हें कड़े कदम उठाने होंगे। जिला कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ मुनाजिम ने कहा कि स्वास्थ्य संबंधी मामलों में हमारे प्रदर्शन में सुधार निरंतर जारी है। हर कदम बढ़ते कदम अभियान इस दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो रहा है। इसके अगले चरण में एनसीडी सेवाओं को बेहतर व प्रभावी बनाने की रणनीति है। जरूरतमंद हर एक व्यक्ति तक बेहतर सेवाओं का लाभ पहुंचाने के लिये स्वास्थ्य कर्मियों का समर्पण व सामूहिक प्रयास जरूरी है।

बजट के अनुसार प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में खर्च अवश्य करें:-
सिविल सर्जन ने समीक्षा बैठक में डीएम के समक्ष प्रखंडवार बजट पर मातृत्व स्वास्थ्य, शिशु स्वास्थ्य, परिवार कल्याण, किशोर-किशोरी कार्यक्रम, वेक्टर जनित रोग, टीबी नियत्रंण, अंधापन, गैर संचारी रोग, एएनसी जांच, टीकाकरण, संस्थागत प्रसव एवं अस्पताल में प्रसव से जुड़ी सेवाओं पर बजट की समीक्षा की। बैठक में परिवार कल्याण कार्यक्रम को बढ़ावा देने, प्रसव कक्ष की बेहतरी सहित अन्य योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की गई। सिविल सर्जन, डॉ किशोर ने कहा जिले में स्वास्थ्य विभाग की ओर से चलाई जा रही विभिन्न प्रकार की योजनाओं का लाभ जरूरतमंद लोगों को हर हाल में मिलना चाहिए। गर्भवती माताओं एवं नवजात शिशुओं के लिए चलाया जा रहे टीकाकरण अभियान का अनुपालन शत-प्रतिशत होना चाहिए। विदित हो कि जिले के सभी चिकित्सा केन्द्रों में प्रतिदिन दर्जनों की संख्या में गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच की जाती है। जिले में मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने, डिलीवरी के दौरान व इसके तत्काल बाद जच्चा-बच्चा को बेहतर स्वास्थ्य देखभाल की सुविधा दी जा रही है। वही जननी बाल सुरक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत उन्हें राशि ससमय प्रदान करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में सभी बीमारियों की दवा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। आवश्यकतानुसार दवा का उठाव सुनिश्चित करें। उन्होंने बजट के अनुसार प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को खर्च हेतु दी गई राशि के खर्च की समीक्षा भी की।

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