डीपीई उत्तीर्ण करने वाले ऐसे शिक्षक जो किसी कारणवश सम्वर्द्धन नहीं कर सके थे, उनके लिए सम्वर्द्धन कोर्स की व्यवस्था कराने को लेकर प्रारम्भिक शिक्षक कल्याण संघ, बिहार प्रदेश की ओर से अपर मुख्य सचिव एवं निदेशक प्राथमिक शिक्षा बिहार से मांग की गयी है। यह जानकारी देते हुए ठाकुरगंज के शिक्षक नेता चन्द्रशेखर ने बताया कि पंचायत राज संस्थानों में कार्यरत प्रारम्भिक शिक्षकों को राज्य सरकार के निर्देश पर सेवाकालीन प्रशिक्षण इग्नू के डीपीई पाठ्यक्रम द्वारा कराया गया था। जिसके बाद डीपीई उत्तीर्ण शिक्षकों को सम्वर्द्धन कोर्स कराया गया था। परन्तु कुछ शिक्षक विभिन्न कारणों से सम्वर्द्धन कोर्स से वंचित रह गए थे या भाग नहीं ले सके थे। वर्त्तमान में उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसी स्थिति में वैसे शिक्षकों के लिए विभाग द्वारा विशेष पहल करते हुए एक वार सम्वर्द्धन कोर्स के प्रशिक्षण की व्यवस्था कराया जाना आवश्यक है। शिक्षक नेता चन्द्रशेखर ने बताया कि किशनगंज जिले में भी ऐसे दर्जन भर नियोजित शिक्षक-शिक्षिकायें हैं जो किसी कारणवश विलम्ब से अपना-अपना डीपीई पाठ्यक्रम इंदिरा गांधी मुक्त विश्वविद्यालय से पूर्ण कर सके थे। विदित हो कि उक्त कार्यक्रम शिक्षा विभाग, बिहार के सौजन्य से अप्रशिक्षित प्रारंभिक शिक्षक-शिक्षिकाओं हेतु इग्नू से समझौता कर चलवाया गया था। किंतु आगे चलकर एनसीटीई दिल्ली द्वारा इस पाठ्यक्रम को मान्यता देने के शर्त्त में 06 माह का अतिरिक्त सम्वर्धन कोर्स पूर्ण करने की बाध्यता जोड़ दिया। इसके बाद प्रत्येक जिले में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (सर्व शिक्षा) द्वारा संवर्द्धन कोर्स पूर्ण करवाने का व्यवस्था किया गया। किन्तु जिन शिक्षक-शिक्षिकायें ने अपना-अपना डीपीई पाठ्यक्रम विलम्ब से पूर्ण किया, उनके लिए अतिरिक्त 06 माह का सम्वर्द्धन कोर्स करवाने के प्रति बरती जा रही उदासीनता का खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ रहा है। ऐसे प्रभावित शिक्षकों का वेतन निर्धारण न केवल बाधित है बल्कि इन्हें वेतन भुगतान रुकने का भी डर सता रहा है। इस संबंध में शिक्षक संघ ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एवं निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा से गुहार लगाई है।
सारस न्यूज, किशनगंज।
डीपीई उत्तीर्ण करने वाले ऐसे शिक्षक जो किसी कारणवश सम्वर्द्धन नहीं कर सके थे, उनके लिए सम्वर्द्धन कोर्स की व्यवस्था कराने को लेकर प्रारम्भिक शिक्षक कल्याण संघ, बिहार प्रदेश की ओर से अपर मुख्य सचिव एवं निदेशक प्राथमिक शिक्षा बिहार से मांग की गयी है। यह जानकारी देते हुए ठाकुरगंज के शिक्षक नेता चन्द्रशेखर ने बताया कि पंचायत राज संस्थानों में कार्यरत प्रारम्भिक शिक्षकों को राज्य सरकार के निर्देश पर सेवाकालीन प्रशिक्षण इग्नू के डीपीई पाठ्यक्रम द्वारा कराया गया था। जिसके बाद डीपीई उत्तीर्ण शिक्षकों को सम्वर्द्धन कोर्स कराया गया था। परन्तु कुछ शिक्षक विभिन्न कारणों से सम्वर्द्धन कोर्स से वंचित रह गए थे या भाग नहीं ले सके थे। वर्त्तमान में उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसी स्थिति में वैसे शिक्षकों के लिए विभाग द्वारा विशेष पहल करते हुए एक वार सम्वर्द्धन कोर्स के प्रशिक्षण की व्यवस्था कराया जाना आवश्यक है। शिक्षक नेता चन्द्रशेखर ने बताया कि किशनगंज जिले में भी ऐसे दर्जन भर नियोजित शिक्षक-शिक्षिकायें हैं जो किसी कारणवश विलम्ब से अपना-अपना डीपीई पाठ्यक्रम इंदिरा गांधी मुक्त विश्वविद्यालय से पूर्ण कर सके थे। विदित हो कि उक्त कार्यक्रम शिक्षा विभाग, बिहार के सौजन्य से अप्रशिक्षित प्रारंभिक शिक्षक-शिक्षिकाओं हेतु इग्नू से समझौता कर चलवाया गया था। किंतु आगे चलकर एनसीटीई दिल्ली द्वारा इस पाठ्यक्रम को मान्यता देने के शर्त्त में 06 माह का अतिरिक्त सम्वर्धन कोर्स पूर्ण करने की बाध्यता जोड़ दिया। इसके बाद प्रत्येक जिले में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (सर्व शिक्षा) द्वारा संवर्द्धन कोर्स पूर्ण करवाने का व्यवस्था किया गया। किन्तु जिन शिक्षक-शिक्षिकायें ने अपना-अपना डीपीई पाठ्यक्रम विलम्ब से पूर्ण किया, उनके लिए अतिरिक्त 06 माह का सम्वर्द्धन कोर्स करवाने के प्रति बरती जा रही उदासीनता का खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ रहा है। ऐसे प्रभावित शिक्षकों का वेतन निर्धारण न केवल बाधित है बल्कि इन्हें वेतन भुगतान रुकने का भी डर सता रहा है। इस संबंध में शिक्षक संघ ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एवं निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा से गुहार लगाई है।
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