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डेंगू मरीजों का रखें विशेष ख्याल व वार्डों की साफ-सफाई पर दें ध्यान : अपर निदेशक।

राहुल कुमार, सारस न्यूज, किशनगंज।

अपर निदेशक ने किया सदर अस्पताल के डेंगू वार्ड का निरीक्षण।

बारिश के मौसम में डेंगू का भी खतरा बढ़ने लगता है। वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार ने जिले के  सदर अस्पताल स्थित डेंगू वार्ड का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान सदर अस्पताल में ड़ेंगू वार्ड, महिला प्रसव वार्ड, जेनरल वार्ड, ओपीडी, इमरजेंसी वार्ड का स्टोर रूम, अस्पताल की साफ-सफाई व रंग-रोगन सहित दवा भंडार कक्ष  का जायजा लिया। इस दौरान अपर निदेशक ने जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यालय में सिविल सर्जन और जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी सहित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और कर्मी के साथ डेंगू रोग की रोकथाम एवं बचाव से सम्बंधित समीक्षा बैठक भी की । उक्त निरीक्षण कार्यक्रम के दौरान  उपस्थित स्वास्थ्य कर्मियों को इलाज हेतु उचित परामर्श व निर्देश दिया। साथ ही डेंगू से पीड़ित मरीजों पर विशेष ध्यान देने की बात कही। मौके पर सिविल सर्जन ने उपस्थित पदाधिकारियों को अस्पताल के साथ अन्य स्थलों की साफ-सफाई के साथ ही कर्मियों को ससमय उपस्थित रहने के आदेश दिए। निरीक्षण के क्रम में सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर, भीबीडीसीओ डॉ मंजर आलम, डीपीएम डॉ मुनाजिम, भीबीडीसी सलाहकार अभिनाश रॉय , स्वास्थ्य प्रबंधक जुल्ले अशरफ एवं अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्त्ता उपस्थित हुए।

डेंगू जैसी बीमारी से घबराने की नहीं बल्कि बचाव और सुरक्षित रहने की जरूरत: अपर निदेशक।

अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार ने बताया कि डेंगू एक गंभीर बीमारी है। जो एडीज एजिप्टी नामक प्रजाति के मच्छरों से फैलता है। इसके कारण प्रत्येक वर्ष बहुत लोगों की मृत्यु हो जाती है। जब कोई मच्छर डेंगू बुखार से ग्रस्त किसी रोगी को काटता  और फिर वही मच्छर जब किसी स्वस्थ व्यक्ति को काट लेता, तो उसका वायरस स्वस्थ व्यक्ति के खून में पहुंच जाता है। जिस कारण स्वस्थ व्यक्ति को भी डेंगू बुखार हो जाता है। मच्छर के एक बार काटने से भी डेंगू होने की संभावना प्रबल रहती है। इन सभी बीमारियों से बचाव और सुरक्षित रहने के लिए विशेष रूप से सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। डेंगू से घबराने की जरूरत नहीं बल्कि इससे बचने की जरूरत है। डेंगू के लक्षण की जानकारी अधिकांश लोगों को नहीं रहती है। जिस कारण समय रहते उसका उपचार नहीं हो पाता है। नजदीकी स्वास्थ्य संस्थानों के चिकित्सकों से चिकित्सीय परामर्श लेकर इससे बचाव किया जा सकता है।

सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करना स्वास्थ्य या संक्रमित बीमारियों के लिए बेहतर: डॉ मंजर आलम।

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ मंजर आलम  ने बताया कि जिले में अब तक डेंगू के कुल 13 मरीज मिले हैं। जिसमें 12 ठीक हो गये हैं। वहीं एक मरीज का घर पर ही उपचार चल रहा है। उन्होंने बताया कि डेंगू से बचने के लिए दिन में भी सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करना स्वास्थ्य या संक्रमित बीमारियों के लिए बेहतर साबित होता है। मच्छर भगाने वाली क्रीम या दवा का प्रयोग दिन में करना स्वास्थ्य के लिए कारगर उपाय होता है। पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनना चाहिए। घर के सभी कमरों की ठीक से सफाई, टूटे-फूटे बर्तनों, कूलर, एसी, फ्रीज में पानी जमा नहीं होने देना, पानी टंकी और घर के आसपास अन्य जगहों पर भी पानी नहीं होना, घर के आसपास साफ-सफाई का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए और कीटनाशक दवा का इस्तेमाल करने से डेंगू जैसी बीमारियों से बचा जा सकता है।

पहले डेंगू हो चुके व्यक्तियों को ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत: सिविल सर्जन।

सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर  ने बताया कि बरसात के दिनों में डेंगू एवं चिकनगुनिया के मरीज की संख्या बढ़ जाती है। डेंगू या अन्य बीमारियों से संक्रमित करने वाले मच्छर दिन में ही काटते और स्थिर एवं साफ पानी में पनपते हैं। अगर किसी भी व्यक्ति के शरीर में तेज बुखार, बदन, सिर एवं जोड़ों में दर्द और आंखों के पीछे दर्द हो तो सतर्क हो जाएं। इतना ही नहीं बल्कि आपके त्वचा पर लाल धब्बे या चकते का निशान, नाक- मसूढ़ों से या उल्टी के साथ रक्तस्राव होना और काला पखाना होना डेंगू के लक्षण हैं। इन लक्षणों के साथ यदि तेज बुखार हो तो तत्काल नजदीकी अस्पताल जाएं और अपना इलाज करवाएं। यदि किसी व्यक्ति को पहले डेंगू हो चुका है तो उसे ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। ऐसे व्यक्ति दोबारा डेंगू बुखार की आशंका होने पर सरकारी अस्पताल या फिर चिकित्सकों से संपर्क करें।

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