सारस न्यूज टीम, किशनगंज।
बरसात के मौसम में डेंगू का खतरा बढ़ जाता है। विशेषज्ञ के अनुसार डेंगू एवं कोविड का लक्षण में काफी समानता है। इसलिए शुरुआत में ही इसकी पहचान आवश्यक है। डेंगू व कोविड संक्रमण की पहचान नहीं होने से खतरा का बढ़ना स्वभाविक है। जिला मलेरिया पदाधिकारी डॉक्टर मंजर आलम ने लोगों से सतर्क रहने की अपील करते हुए कहा कि सामान्य लक्षण दिखने पर इसकी जांच अवश्य कराएं। सदर अस्पताल सहित सभी पीएचसी में जांच व उपचार की सुविधा उपलब्ध है।
जांच के बाद ही कोविड या डेंगू है इसकी पहचान हो सकेगी। बिना जांच के इलाज चुनौती बन सकती है। डॉक्टर मंजर आलम ने कहा कि डेंगू मच्छर जनित बीमारी है। इसको फैलने से रोकने के लिए साफ-सफाई पर विशेष ध्यान आवश्यक है। खासकर डेंगू मच्छर कूलर, पुराने टायर, गमले आदि में जमा पानी में पनपता है। उन्होंने सलाह दिया है कि ऐसे पानी को बदलते रहें। रात में सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करे।
बुखार होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सकीय परामर्श के बाद दवा लेना सुनिश्चित करें। डेंगू के इलाज का जिले में है समुचित इंतजाम : जिले में डेंगू के इलाज का समुचित इंतजाम उपलब्ध है। डॉक्टर मंजर आलम ने कहा कि जिले के सभी पीएचसी में इसकी सुविधा है। सदर अस्पताल में अलग से डेंगू वार्ड बनाया गया है। डेंगू मच्छर में डेंगू हेमोरेजिक फीवर सबसे अधिक खतरनाक होता है।
इसमें प्लेटलेट्स की संख्या बहुत गिर जाती है। इसमें दांत, मुंह, शरीर के अंदर, मल के माध्यम से खून बाहर आना शुरू हो जाता है। ऐसे मरीजों को तत्काल प्लेटलेट्स चढ़ाने की जरूरत होती है। प्लेटलेट्स की सुविधा पूर्णिया व भागलपुर मेडिकल कॉलेज में उपलब्ध है। ऐसे मरीजों को फ्री एंबुलेंस सुविधा उपलब्ध करायी जाती है।