सारस न्यूज़, गलगलिया।
निगरानी टीम गिरफ्तार कार्यपालक अभियंता को बुधवार की रात अपने साथ लेकर पटना रवाना हो गई है। भवन निर्माण विभाग के गिरफ्तार प्रभारी कार्यपालक अभियंता प्रवीण कुमार को निगरानी विभाग के डीएसपी विकास कुमार श्रीवास्तव के नेतृत्व में टीम बुधवार की रात अपने साथ पटना लेकर रवाना हो गई। रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार प्रभारी कार्यपालक अभियंता को गुरुवार को पटना से भागलपुर विशेष न्यायालय निगरानी में प्रस्तुत किया किया गया। बुधवार को भवन निर्माण विभाग के प्रभारी कार्यपालक अभियंता के विरुद्ध कार्रवाई की भनक लगते ही जिले के कई ऑफिस के अधिकारी व कर्मी कार्यालय से गायब हो चुके थे। खासकर अभियंत्रण विभाग से जुड़े कार्यालय में सन्नाटा पसरा हुआ था। कार्रवाई की जानकारी पहले कईयों को मोबाइल के माध्यम से मिली थी। जानकारी मिलते ही कई अपने ऑफिस से निकलने लगे थे। हालांकि निगरानी टीम के द्वारा केवल भवन निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता के विरुद्ध ही कार्रवाई की गई है। हालांकि टीम अन्य किसी कार्यालय में नहीं पहुंची थी। जानकारी के अनुसार भवन निर्माण के कार्यालय से जुड़ा कुछ कार्य खगड़ा स्थित निरीक्षण भवन में भी चलता था। निगरानी विभाग के द्वारा की गई कार्रवाई की चर्चा दूसरे दिन गुरुवार को भी शहर में होती रही। विशेष रूप से संवेदकों के बीच कार्रवाई की चर्चा होती रही। संवेदकों की माने तो छोटे ठीकेदार सबसे ज्यादा परेशान रहते थे। बताते चलें कि बुधवार को पटना से आयी निगरानी विभाग की 10 सदस्यीय टीम ने निगरानी विभाग के डीएसपी विकास कुमार श्रीवास्तव के नेतृत्व में खगड़ा स्थित निरीक्षण भवन से भवन निर्माण विभाग के प्रभारी कार्यपालक अभियंता को 01 लाख 10 हजार रुपये घुस लेते हुए गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार कार्यपालक अभियंता प्रवीण कुमार 06 जुलाई 2022 को सहायक अभियंता के पद पर किशनगंज भवन निर्माण विभाग में फारबिसगंज से स्थांतरण होकर आये थे और किशनगंज भवन निर्माण विभाग में सहायक अभियंता के पद पर तैनात थे। फिलहाल विभाग में प्रभारी कार्यपालक अभियंता के रूप में कार्य कर रहे थे।वे मूल रूप से पूर्णिया शहर के बंसत कुंज सिपाही टोला के रहने वाले है। गिरफ्तार अभियंता भवन प्रमंडल किशनगंज में सहायक अभियंता पद पर पदस्थापित थे और उन्हें भवन निर्माण विभाग में कार्यपालक अभियंता का प्रभार मिला हुआ था। गिरफ्तार अभियंता प्रवीण कुमार वर्ष 2014 में बतौर अभियंता के रूप में भवन निर्माण विभाग मे नौकरी शुरू किया था और महज 09 साल में प्रभारी कार्यपालक अभियंता की कुर्सी मिलते ही रिश्वत की मोटी रकम लेना शुरू कर दिया। वह भी विभाग के कोई भी ठेका के बदले ठेकेदार से 25% रकम की मांग करने लगे। अब तक आधे दर्जन से अधिक ठेकेदारों से अवैध तौर पर रुपया वसूल कर चुके हैं। कार्यपालक अभियंता प्रवीण कुमार किशनगंज से पूर्व फारबिसगंज में पदस्थापित थे। वहां भी काम के बदले रकम ठेकेदारों से लेते थे। घूसखोरी का ऐसा नशा लगा की अभियंता सभी ठेकेदारों से काम के बदले सीधे घुस की बात करते थे। निगरानी टीम ने कहा भवन निर्माण विभाग के और कई कनीय अभियंता है जिसकी शिकायत भी विभाग को मिली है, साक्ष्य मिलते ही उनपर कारवाई की जायेगी।