परिवार नियोजन कार्यक्रम में किशनगंज जिला को राज्य में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। राज्य स्वास्थ्य समिति स्थित परिवार कल्याण भवन पटना में परिवार नियोजन कार्यक्रम पर एक दिवसीय कार्यशाला सह समीक्षा कार्यक्रम के दौरान जिले को परिवार नियोजन में प्रथम स्थान प्राप्त करने के लिए पुरस्कृत किया गया है। इस कार्यक्रम में जिला के तरफ से अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डा. सुरेश प्रसाद और प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक कौशल कुमार शामिल हुए। पुरस्कार प्राप्त करने के बाद अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डा. सुरेश प्रसाद ने बताया कि पुरुष नसबंदी एवं महिला बंध्याकरण से काफी आसान और सुविधाजनक होता है। पुरुष नसबंदी को लेकर पुरुषों में अभी भी भ्रम फैला हुआ है कि नसबंदी कराने से कमजोरी आती और स्वास्थ्य पर असर पड़ता है। जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं है। उन्होंने बताया कि पुरुष नसबंदी के बाद पुरुषों में किसी प्रकार की कमजोरी नहीं आती है। वे लोग सामान्य जिदगी जी सकते हैं। पुरुष नसबंदी काफी सुविधाजनक हो गया है। नसबंदी के आधे से एक घंटे के भीतर पुरुष को अस्पताल से छुट्टी मिल जाती है। एसीएमओ ने बताया कि पुरुषों को नसबंदी के बाद महिलाओं से अधिक प्रोत्साहन राशि भी प्रदान किया जाता है। अब पुरुष नसबंदी को लेकर आगे आ रहे हैं। इसकी मुख्य वजह भ्रामक बातों से दूरी और जागरूकता को माना जा सकता है। उन्होंने बताया कि परिवार नियोजन समय की जरूरत है और इसके साधनों को अपनाकर छोटा और सीमित परिवार अपनाकर ही सबके लिए आर्थिक प्रगति और विकास का मार्ग खुलेगा।
सारस न्यूज, किशनगंज।
परिवार नियोजन कार्यक्रम में किशनगंज जिला को राज्य में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। राज्य स्वास्थ्य समिति स्थित परिवार कल्याण भवन पटना में परिवार नियोजन कार्यक्रम पर एक दिवसीय कार्यशाला सह समीक्षा कार्यक्रम के दौरान जिले को परिवार नियोजन में प्रथम स्थान प्राप्त करने के लिए पुरस्कृत किया गया है। इस कार्यक्रम में जिला के तरफ से अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डा. सुरेश प्रसाद और प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक कौशल कुमार शामिल हुए। पुरस्कार प्राप्त करने के बाद अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डा. सुरेश प्रसाद ने बताया कि पुरुष नसबंदी एवं महिला बंध्याकरण से काफी आसान और सुविधाजनक होता है। पुरुष नसबंदी को लेकर पुरुषों में अभी भी भ्रम फैला हुआ है कि नसबंदी कराने से कमजोरी आती और स्वास्थ्य पर असर पड़ता है। जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं है। उन्होंने बताया कि पुरुष नसबंदी के बाद पुरुषों में किसी प्रकार की कमजोरी नहीं आती है। वे लोग सामान्य जिदगी जी सकते हैं। पुरुष नसबंदी काफी सुविधाजनक हो गया है। नसबंदी के आधे से एक घंटे के भीतर पुरुष को अस्पताल से छुट्टी मिल जाती है। एसीएमओ ने बताया कि पुरुषों को नसबंदी के बाद महिलाओं से अधिक प्रोत्साहन राशि भी प्रदान किया जाता है। अब पुरुष नसबंदी को लेकर आगे आ रहे हैं। इसकी मुख्य वजह भ्रामक बातों से दूरी और जागरूकता को माना जा सकता है। उन्होंने बताया कि परिवार नियोजन समय की जरूरत है और इसके साधनों को अपनाकर छोटा और सीमित परिवार अपनाकर ही सबके लिए आर्थिक प्रगति और विकास का मार्ग खुलेगा।
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