सारस न्यूज टीम, किशनगंज/रूपौली।
प्रखंड क्षेत्र से गुजरने वाले विजय कोसी नदी का कटाव तेज हो गया है। कोसी अब धीरे-धीरे अपना रौद्र रूप दिखाने लगी है। नदी से हो रही तेज कटाव के कारण से मोहनपुर से अंझड़ी होते हुए टोपरा जाने वाली मुख्य सड़क किसी भी क्षण नदी में विलीन हो सकती है। हालांकि सड़क को बचाने के लिए बचाव कार्य में जुटे कटाव निरोधात्मक दस्ते के साथ कंधे से कंधे मिलाकर ग्रामीण भी रात दिन जुटे हुए हैं। सड़क को बचाने के लिए ग्रामीण बांस भी उपलब्ध करवा रहे हैं।
ताकि समय से बंबू पाइलिंग कर किसी तरह सड़क को बचाया जा सके। ग्रामीणों की चिंता है। कि अगर सड़क कटी तो टोपरा गांव तक कोसी के तेज कटाव को पहुंचने में देर नहीं लगेगी। यदि सड़क कट जाती है। तो टोपरा गांव के आठ सौ परिवारों को एक साथ दोहरी मार झेलनी पड़ेगी। एक तो घर द्वार कोसी में विलीन हो जाएगा। दूसरी तरफ गांव का सड़क संपर्क भी खत्म हो जाएगा। ग्रामीणों को लगता है कि अगर सड़क कोसी के तेज बहाव में बह गई उन्हें फिर से दूसरे जगह बसने के लिए जमीन ढूंढना पड़ेगा।
सरकार से किसी भी प्रकार की मदद की उम्मीद ग्रामीणों का खत्म हो गई है। ग्रामीण कहते हैं जब तीन साल पूर्व उनके बगल के बिन्दु टोली का चार सौ परिवार कटाव के कारण बेघर होकर विस्थापित हुआ आज तक उनका सुधि लेने वाला कोई नहीं है तो हमलोग तो आठ सौ परिवार हैं। इतनी आबादी के विस्थापित होने पर सरकार कहां बसायेगी।
अगर विभाग सतर्क होता तो बच सकती थी सड़क
टोपरा गांव के ग्रामीण बताते हैं सरकार के निर्देश पर जिले से लेकर अंचल तक के अधिकारी बाढ़ पूर्व तैयारी की बैठक करने का ढिंढोरा पीट रही है। कभी जिला से तो कभी राजधानी से विभाग से जुड़े अधिकारी बाढ़ पूर्व तैयारी का जायजा लेने पहुंचते रहे। सीओ सह अंचल आपदा पदाधिकारी रूपौली को कटाव के बारे में बताया जाता रहा। जब कटाव तेज हो गया तो अधिकारी नींद से जागे। कटाव निरोधात्मक कार्य शुरू भी करवाया गया, जहां कटाव निरोधात्मक कार्य कटाव की तीव्रता को देखते हुए हाथी पांव विधि से बंबू पाइलिंग करके होना था। खामियाजा स्थानीय लोग भुगत रहे है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर समय रहते विभागीय अधिकारी ग्रामीणों की बातों को तवज्जो देता तो आज यह नौबत नहीं आती।
आठ साल से चल रहा है कटाव का सिलसिला
ग्रामीण बताते हैं कि पिछले आठ साल से विजय कोसी नदी से कटाव का सिलसिला बदस्तूर जारी है।पहले तो जोत की जमीन को लील लिया बाद के तीन साल में दो किलोमीटर का सफर तय कर कोसी बिन्दु टोली गांव के चार सौ लोगों को बेघर कर दिया।अब कोसी की तेज धार के कटाव से टोपरा गांव के आठ सौ परिवार भी खौफजदा है। क्योंकि कुछ वर्ष पूर्व अपने पड़ोस के गांव बिन्दु टोली को अपनी नजरों के सामने कोसी में समाते हुए देखा है। आपदा विभाग से हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी कटाव निरोधात्मक कार्य तब कर रहा है, जब कोसी ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है।

ग्रामीणों काे सता रहा घर के कटाव का डर
ग्रामीणों का सरकार के साथ ही स्थानीय जनप्रतिनिधि के खिलाफ नाराजगी है। ग्रामीणों का कहना है कि जब विजय कोसी नदी के कटाव से बिन्दु टोली के चार सौ विस्थापित परिवारों को आज तक सरकार बास की जमीन ढूंढ कर नहीं दे पाई तो टोपरा के आठ सौ परिवार जब कटाव से विस्थापित हो जाएंगे तो उन्हें सरकार कहां बसायेगी। ग्रामीणों को डर सता रहा है कि कही उन्हें भी बिन्दु टोली वासियों की तरह सड़क किनारे अपने परिवार के साथ खानाबदोश की जिंदगी जीने को विवश न होना पड़े।
आरोप लगाना उचित नहीं
ग्रामीणों की सूचना पर वरीय अधिकारियों के साथ ही फ्लड कंट्रोल डिपार्टमेंट को अवगत करवा दिया गया था। काम शुरू भी हुआ। अधिक लंबाई में कटाव होने के कारण फ्लड कंट्रोल विभाग हाथ खड़ा कर दिया। स्थानीय अधिकारियों पर आरोप लगाना उचित नहीं है।
