बस स्टैंड के अंदर न जाकर बाहर एनएच पर ही यात्रियों को चढ़ाती उतारती है बंगाल परमिट की बसें, दुर्घटना की रहती है आशंका, डीटीओ बोले जल्द ऐसे वाहनों पर होगी कार्रवाई।
किशनगंज से गुजरनेवाली बंगाल की बसें स्टैंड में नहीं जाती। एनएच पर ही रुकती है और यहीं से यात्रियों को चढ़ाया-उतारा जाता है। बस पकड़ने के लिए जहां यात्रियों के बीच आपाधापी मचती है वहीं बस के रुकने से एनएच पर बस के पीछे के वाहनों को भी रुकना पड़ता है। जिस कारण जाम की स्थिति बन जाती है। बस स्टैंड के ठीक सामने कभी जेब्रा क्रॉसिंग पर भी बसें रुक जाती है। एनएच पार कर डे मार्केट और बाजार जाने वाले राहगीर भी इससे परेशान होते हैं।
प्रशासनिक लापरवाही के कारण किसी भी समय एनएच 27 पर बस स्टैंड के पास बड़ी दुर्घटना घट सकती है। बंगाल परमिट की 100 से अधिक बसें किशनगंज होकर गुजरती है। बस स्टैंड के संवेदक भी इस मामले में उदासीन हैं। उन्हें भी वाहनों से निर्धारित शुल्क लेने के अलावा कोई मतलब नहीं रहता। उनके कर्मचारी एनएच पर ही बसों से शुल्क वसूलते दिखते हैं। बंगाल की निबंधित यात्री बसें बिहार की सीमा होकर तो गुजरती है। लेकिन इनके पास बिहार में यात्रियों को चढ़ाने का परमिट नहीं होता है। बंगाल नंबर की बसें एनएच 27 होकर गुजर तो सकती है। लेकिन बिहार में न तो ये यात्री को बस में चढ़ा सकती है और न ही उतार सकती है।
यहां ऐसे बसों को रुकने की परमिट नहीं है। इसके खिलाफ पूर्व के डीटीओ ने बड़ी कार्रवाई करते हुए बंगाल नंबर की बसों को जब्त भी किया था। उनका मानना था कि बंगाल नंबर की बसों का एनएच 27 पर विहार के क्षेत्रों में रुकना गैरकानूनी तो है ही। सरकारी राजस्व की क्षति भी है।
सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में अंडरग्राउंड वे का बना था प्रस्तावसड़क सुरक्षा समिति की बैठक में दुर्घटनाओं को रोकने के लिए यहां बस स्टैंड के पास अंडरग्राउंड वे का प्रस्ताव लाया गया था। नगर परिषद, पथ निर्माण एवं एनएचएआई के प्रतिनिधियों को इसपर मंथन कर रिपोर्ट देने को कहा गया था। लेकिन तत्कालीन डीएम के तवादले के साथ ही इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। इसके पूर्व बस स्टैंड के अंदर बस कैसे प्रवेश करे इसको लेकर कई दौर की बैठक हुई थी।
सिलीगुड़ी एनएचएआई से कई पत्राचार के बाद डीएम के हस्तक्षेप पर डिवाइडर को तोड़कर बस स्टैंड में प्रवेश के लिए रास्ता तैयार किया गया था। जो अब तक साकार सिद्ध नहीं हो पाया है। जल्द होगी कार्रवाई प्रभारी डीटीओ रमाशंकर ने कहा कि बस स्टैंड के अंदर वाहन प्रवेश करे। इसके लिए पूर्व में भी कार्रवाई की गई थी। उन्होंने कहा कि बंगाल नंबर की बस एनएच पर ही खड़ी होती है। जो बिल्कुल गलत है।
जल्द ही ऐसे वाहनों को जब्त करने की कार्रवाई होगी।आधुनिक सुविधाओं से लैस प्रतीक्षालय पर अवैध कब्जाबस स्टैंड परिसर में आधुनिक सुविधाओं से लैस प्रतीक्षालय हैं। लेकिन इसका कोई फायदा यात्रियों को नहीं मिल पाता है। चूंकि एक भी बसें अंदर जाती ही नहीं। मजबूरी में यात्रियों को बस पकड़ने के लिए रात हो या दिन एनएच के किनारे ही खड़े होकर इंतजार करना पड़ता है। प्रतीक्षालय में ताला जड़ा रहता है एवं इसमें नगर पालिका के सामान और उपकरण भरे हैं। चूंकि बस स्टैंड नगरपालिका का है और इसका सालाना डाक भी नगर परिषद ही करता है पर इसकी सफाई सहित यात्री सुविधा के मामले में नगर परिषद का रवैया बेहद खराब है। जान हथेली पर रखकर एनएच 27 पार करते हैं लोग हादसे को दे रही दावतबस स्टैंड के पास जहां बसें रुकती है। वहीं पर समपार बना हुआ है।
शहरवासी या जिले के अन्य प्रखण्डों के लोग व्यवहार न्यायालय, समाहरणालय, पुलिस अधीक्षक कार्यालय, जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय, निबन्धन कार्यालय सहित कई महत्वपूर्ण कार्यालयों तक आने का एकमात्र सुगम इसी समपार का उपयोग कर एनएच 27 को आरपार करते हैं। सड़क पर बसों के खड़े रहने के कारण दूर से स्पीड में आने वाली वाहनें दिखाई नहीं देती। लोग जान हथेली पर रखकर एनएच 27 पार करते हैं।
सारस न्यूज टीम, किशनगंज।
किशनगंज से गुजरनेवाली बंगाल की बसें स्टैंड में नहीं जाती। एनएच पर ही रुकती है और यहीं से यात्रियों को चढ़ाया-उतारा जाता है। बस पकड़ने के लिए जहां यात्रियों के बीच आपाधापी मचती है वहीं बस के रुकने से एनएच पर बस के पीछे के वाहनों को भी रुकना पड़ता है। जिस कारण जाम की स्थिति बन जाती है। बस स्टैंड के ठीक सामने कभी जेब्रा क्रॉसिंग पर भी बसें रुक जाती है। एनएच पार कर डे मार्केट और बाजार जाने वाले राहगीर भी इससे परेशान होते हैं।
प्रशासनिक लापरवाही के कारण किसी भी समय एनएच 27 पर बस स्टैंड के पास बड़ी दुर्घटना घट सकती है। बंगाल परमिट की 100 से अधिक बसें किशनगंज होकर गुजरती है। बस स्टैंड के संवेदक भी इस मामले में उदासीन हैं। उन्हें भी वाहनों से निर्धारित शुल्क लेने के अलावा कोई मतलब नहीं रहता। उनके कर्मचारी एनएच पर ही बसों से शुल्क वसूलते दिखते हैं। बंगाल की निबंधित यात्री बसें बिहार की सीमा होकर तो गुजरती है। लेकिन इनके पास बिहार में यात्रियों को चढ़ाने का परमिट नहीं होता है। बंगाल नंबर की बसें एनएच 27 होकर गुजर तो सकती है। लेकिन बिहार में न तो ये यात्री को बस में चढ़ा सकती है और न ही उतार सकती है।
यहां ऐसे बसों को रुकने की परमिट नहीं है। इसके खिलाफ पूर्व के डीटीओ ने बड़ी कार्रवाई करते हुए बंगाल नंबर की बसों को जब्त भी किया था। उनका मानना था कि बंगाल नंबर की बसों का एनएच 27 पर विहार के क्षेत्रों में रुकना गैरकानूनी तो है ही। सरकारी राजस्व की क्षति भी है।
सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में अंडरग्राउंड वे का बना था प्रस्तावसड़क सुरक्षा समिति की बैठक में दुर्घटनाओं को रोकने के लिए यहां बस स्टैंड के पास अंडरग्राउंड वे का प्रस्ताव लाया गया था। नगर परिषद, पथ निर्माण एवं एनएचएआई के प्रतिनिधियों को इसपर मंथन कर रिपोर्ट देने को कहा गया था। लेकिन तत्कालीन डीएम के तवादले के साथ ही इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। इसके पूर्व बस स्टैंड के अंदर बस कैसे प्रवेश करे इसको लेकर कई दौर की बैठक हुई थी।
सिलीगुड़ी एनएचएआई से कई पत्राचार के बाद डीएम के हस्तक्षेप पर डिवाइडर को तोड़कर बस स्टैंड में प्रवेश के लिए रास्ता तैयार किया गया था। जो अब तक साकार सिद्ध नहीं हो पाया है। जल्द होगी कार्रवाई प्रभारी डीटीओ रमाशंकर ने कहा कि बस स्टैंड के अंदर वाहन प्रवेश करे। इसके लिए पूर्व में भी कार्रवाई की गई थी। उन्होंने कहा कि बंगाल नंबर की बस एनएच पर ही खड़ी होती है। जो बिल्कुल गलत है।
जल्द ही ऐसे वाहनों को जब्त करने की कार्रवाई होगी।आधुनिक सुविधाओं से लैस प्रतीक्षालय पर अवैध कब्जाबस स्टैंड परिसर में आधुनिक सुविधाओं से लैस प्रतीक्षालय हैं। लेकिन इसका कोई फायदा यात्रियों को नहीं मिल पाता है। चूंकि एक भी बसें अंदर जाती ही नहीं। मजबूरी में यात्रियों को बस पकड़ने के लिए रात हो या दिन एनएच के किनारे ही खड़े होकर इंतजार करना पड़ता है। प्रतीक्षालय में ताला जड़ा रहता है एवं इसमें नगर पालिका के सामान और उपकरण भरे हैं। चूंकि बस स्टैंड नगरपालिका का है और इसका सालाना डाक भी नगर परिषद ही करता है पर इसकी सफाई सहित यात्री सुविधा के मामले में नगर परिषद का रवैया बेहद खराब है। जान हथेली पर रखकर एनएच 27 पार करते हैं लोग हादसे को दे रही दावतबस स्टैंड के पास जहां बसें रुकती है। वहीं पर समपार बना हुआ है।
शहरवासी या जिले के अन्य प्रखण्डों के लोग व्यवहार न्यायालय, समाहरणालय, पुलिस अधीक्षक कार्यालय, जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय, निबन्धन कार्यालय सहित कई महत्वपूर्ण कार्यालयों तक आने का एकमात्र सुगम इसी समपार का उपयोग कर एनएच 27 को आरपार करते हैं। सड़क पर बसों के खड़े रहने के कारण दूर से स्पीड में आने वाली वाहनें दिखाई नहीं देती। लोग जान हथेली पर रखकर एनएच 27 पार करते हैं।
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