नेपाल के जलग्रहण क्षेत्रों से निकली बूढ़ी कनकई नदी इन दिनों उफान पर है। इसके बाबजूद भी शनिवार की रात उफनाई नदी को पार कर नेपाल के जंगलों से 3 हाथियों का झुंड धनतोला पंचायत के सीमावर्ती डोरिया गांव में घुस आया। इस दौरान हाथियों ने डोरिया गांव निवासी नेमु लाल सिंह के कच्चे घर की बांस से बने दीवार को तोड़ अंदर रखें अनाज को नष्ट कर दिया।
हालांकि हाथियों का झुंड थोड़ी देर बाद ही वापस नदी को पार करते हुए दोबारा जंगल की लौट गया। पर जिस तरह अगस्त माह में बारिश के दिनों में नदी को पार कर भारतीय क्षेत्र के सीमावर्ती गांव में हाथियों के घुस आने फिर घर को नुकसान पहुंचाने से एक बार फिर सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों में दहशत पैदा हो गयी है।
डोरिया गांव के वार्ड सदस्य इंदर प्रसाद सिंह ने गांव में हाथियों के घुस आने की जानकारी देते हुए बताया कि यह दूसरी बार देखा गया कि बूढ़ी कनकई नदी उफान में होने के बाबजूद भी नेपाल के जंगलों से हाथियों का झुंड खेतों के रास्ते डोरिया गांव घुस आया। गांव में हाथियों के घुस आने की सूचना वन विभाग या स्थानीय प्रशासन को दिया गया या नहीं पूछे जाने पर वार्ड सदस्य ने बताया की जब वन विभाग कुछ करती ही नहीं तो बोल कर किया फायदा। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों को तो वन विभाग से भरोसा ही उठ गया है।
गौरतलब है कि बरसात से ठीक पहले मक्के की फसल के समय 13 की संख्या में हाथियों का झुंड करीब ढाई महीनें तक धनतोला पंचायत के डोरिया, मुलाबारी, पीपला, धनतोला, ठुकनावस्ती, खाड़ीटोला गांवों के समीप खेतों में डेरा डाले रहने से दर्जनों किसानों के करीब सौ एकड़ में लगे लाखों की फसल को नष्ट डाला था। बाबजूद वन विभाग द्वारा अब तक किसी भी किसानों को मुआवजा दिला नहीं पायीं है। जबकि विभाग हाथियों को भगाने व हाथियों के प्रवेश को रोकने के नाम पर लाखों रुपये खर्च कर चूंकि है जो लोगों के समझ से पड़े है।
सारस न्यूज टीम, दिघलबैंक।
नेपाल के जलग्रहण क्षेत्रों से निकली बूढ़ी कनकई नदी इन दिनों उफान पर है। इसके बाबजूद भी शनिवार की रात उफनाई नदी को पार कर नेपाल के जंगलों से 3 हाथियों का झुंड धनतोला पंचायत के सीमावर्ती डोरिया गांव में घुस आया। इस दौरान हाथियों ने डोरिया गांव निवासी नेमु लाल सिंह के कच्चे घर की बांस से बने दीवार को तोड़ अंदर रखें अनाज को नष्ट कर दिया।
हालांकि हाथियों का झुंड थोड़ी देर बाद ही वापस नदी को पार करते हुए दोबारा जंगल की लौट गया। पर जिस तरह अगस्त माह में बारिश के दिनों में नदी को पार कर भारतीय क्षेत्र के सीमावर्ती गांव में हाथियों के घुस आने फिर घर को नुकसान पहुंचाने से एक बार फिर सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों में दहशत पैदा हो गयी है।
डोरिया गांव के वार्ड सदस्य इंदर प्रसाद सिंह ने गांव में हाथियों के घुस आने की जानकारी देते हुए बताया कि यह दूसरी बार देखा गया कि बूढ़ी कनकई नदी उफान में होने के बाबजूद भी नेपाल के जंगलों से हाथियों का झुंड खेतों के रास्ते डोरिया गांव घुस आया। गांव में हाथियों के घुस आने की सूचना वन विभाग या स्थानीय प्रशासन को दिया गया या नहीं पूछे जाने पर वार्ड सदस्य ने बताया की जब वन विभाग कुछ करती ही नहीं तो बोल कर किया फायदा। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों को तो वन विभाग से भरोसा ही उठ गया है।
गौरतलब है कि बरसात से ठीक पहले मक्के की फसल के समय 13 की संख्या में हाथियों का झुंड करीब ढाई महीनें तक धनतोला पंचायत के डोरिया, मुलाबारी, पीपला, धनतोला, ठुकनावस्ती, खाड़ीटोला गांवों के समीप खेतों में डेरा डाले रहने से दर्जनों किसानों के करीब सौ एकड़ में लगे लाखों की फसल को नष्ट डाला था। बाबजूद वन विभाग द्वारा अब तक किसी भी किसानों को मुआवजा दिला नहीं पायीं है। जबकि विभाग हाथियों को भगाने व हाथियों के प्रवेश को रोकने के नाम पर लाखों रुपये खर्च कर चूंकि है जो लोगों के समझ से पड़े है।
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