नेपाल के भद्रपुर-गलगलिया सीमा सड़क पर सोमवार को प्रदर्शनकारियों ने टायर जलाकर विरोध प्रदर्शन किया। गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने करीब 06 घंटे तक सड़क के साथ भद्रपुर सीमा शुल्क कार्यालय के मुख्य द्वार को जाम कर दिया। सीमा सड़क अवरुद्ध होने के कारण नेपाल और भारत के बीच आने-जाने वाले वाहनों को सड़क पर ही रोक दिया गया। वहीं आंदोलन के कारण भद्रपुर सीमा शुल्क कार्यालय का कामकाज भी दिन भर प्रभावित रहा। जानकारी मिली कि आंदोलनकारी मुआवजा पीड़ित थे और भद्रपुर सीमा शुल्क कार्यालय के विस्तार एवं सीमा शुल्क नवीन भौतिक संरचनाओं के निर्माण हेतु स्थानीय लोगों का करीब 09 बीघा जमीन अधिग्रहण किया गया था।
मगर विभागीय लापरवाही व संबंधित अधिकारियों ने भू-स्वामियों को मुआवजे की राशि उपलब्ध नहीं कराई। जिससे नेपाल के सीमा वासी आक्रोशित हो गए। जबकि मुआवजा वितरण से संबंधित सीमा शुल्क की सभी कानूनी प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद, जिला प्रशासन कार्यालय झापा ने विगत जनवरी माह में 15 दिन का नोटिस जारी किया था। जिसमें भूमि और मकान के मुआवजे की भुगतान होनी थी। मगर अधिसूचना जारी के डेढ़ माह बीत जाने के बाद भी संबंधित अधिकारियों ने भू-स्वामियों को राशि उपलब्ध नहीं कराई जिससे पीड़ित आक्रोशित होकर विरोध प्रदर्शन किया। विरोध को शांत करने के लिए बड़ी संख्या में सशस्त्र बल और नेपाल पुलिस को लगाया गया था। प्रदर्शनकारियों के टायर जलाने के दौरान सुरक्षाकर्मियों के साथ धक्का-मुक्की भी हुई। उन्होंने एलान किया है कि जब तक उनकी मूलभूत मांग नहीं मानी जाती है तब तक वे अपना विरोध जारी रखेंगे। उन्होंने अपना विरोध जारी रखा।
अधिकारियों द्वारा पैसा नही है कहकर किया जा रहा भ्रमित
सुबह 11 बजे से ही धरना देना शुरू कर दिया और नारेबाजी करते हुए कहा कि हमारी मांग पूरी करो, जनता से धोखा नहीं चलेगा,राशि का भुगतान करो। स्थानीय जमीन मालिक आशा पंडित ने बताया कि 28 माह के बाद, काफी जद्दोजहद से जिला प्रशासन ने मुआवजे का नोटिस जारी किया है। अब अधिकारियों द्वारा वे यह कहकर हमें फिर से भ्रमित करने की कोशिश किया जा रहा है कि सरकार के पास पैसा नहीं है। विरोध प्रदर्शन कर रहे पीड़ित भूस्वामियों ने कहा कि अब मुआवजा राशि हमें तुरंत मुहैया कराई जानी चाहिए या सरकार को हमारी सारी जमीन छोड़ देनी चाहिए। कहा कि हम कितने तकलीफों का सामना कर रहे हैं, सरकार इस ओर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रही है।
वित्त मंत्रालय में फाइल रोके जाने से नही मिल रहा मुआवजा
स्थानीय मंजू मंडल ने रोष व्यक्त कर कहा कि जब तक हमें मुआवजा नहीं मिलेगा हमारा आंदोलन जारी रहेगा। वहीं भद्रपुर कस्टम प्रमुख अमित तिवारी के मुताबिक उन्होंने जिले से जो भी काम होना है, उसे पूरा कर कस्टम विभाग को भेज दिया है। वहीं कस्टम विभाग ने पहले ही फाइल वित्त मंत्रालय को भेज दी है। मगर वित्त मंत्रालय में फाइल रोके जाने पर दिक्कत हुई। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक कार्यालय ने मुआवजा वितरण के संबंध में नोटिस जारी किया है। मुआवजे के लिए 60 करोड़ का भुगतान किया जाना है। इसी तरह नगर पालिका के उप प्रमुख राधा कार्की के मुताबिक कुछ दिन पहले ही उपप्रधानमंत्री व ऊर्जा, जल संसाधन एवं सिंचाई मंत्री राजेंद्र प्रसाद लिंगडन से मुआवजे को लेकर बातचीत हुई थी। उपप्रधान मंत्री लिंगडन ने मुआवजा राशि प्रदान करने के लिए अपनी पूरी कोशिश का आश्वासन दिया है।
विजय गुप्ता, सारस न्यूज, गलगलिया, किशनगंज।
नेपाल के भद्रपुर-गलगलिया सीमा सड़क पर सोमवार को प्रदर्शनकारियों ने टायर जलाकर विरोध प्रदर्शन किया। गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने करीब 06 घंटे तक सड़क के साथ भद्रपुर सीमा शुल्क कार्यालय के मुख्य द्वार को जाम कर दिया। सीमा सड़क अवरुद्ध होने के कारण नेपाल और भारत के बीच आने-जाने वाले वाहनों को सड़क पर ही रोक दिया गया। वहीं आंदोलन के कारण भद्रपुर सीमा शुल्क कार्यालय का कामकाज भी दिन भर प्रभावित रहा। जानकारी मिली कि आंदोलनकारी मुआवजा पीड़ित थे और भद्रपुर सीमा शुल्क कार्यालय के विस्तार एवं सीमा शुल्क नवीन भौतिक संरचनाओं के निर्माण हेतु स्थानीय लोगों का करीब 09 बीघा जमीन अधिग्रहण किया गया था।
मगर विभागीय लापरवाही व संबंधित अधिकारियों ने भू-स्वामियों को मुआवजे की राशि उपलब्ध नहीं कराई। जिससे नेपाल के सीमा वासी आक्रोशित हो गए। जबकि मुआवजा वितरण से संबंधित सीमा शुल्क की सभी कानूनी प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद, जिला प्रशासन कार्यालय झापा ने विगत जनवरी माह में 15 दिन का नोटिस जारी किया था। जिसमें भूमि और मकान के मुआवजे की भुगतान होनी थी। मगर अधिसूचना जारी के डेढ़ माह बीत जाने के बाद भी संबंधित अधिकारियों ने भू-स्वामियों को राशि उपलब्ध नहीं कराई जिससे पीड़ित आक्रोशित होकर विरोध प्रदर्शन किया। विरोध को शांत करने के लिए बड़ी संख्या में सशस्त्र बल और नेपाल पुलिस को लगाया गया था। प्रदर्शनकारियों के टायर जलाने के दौरान सुरक्षाकर्मियों के साथ धक्का-मुक्की भी हुई। उन्होंने एलान किया है कि जब तक उनकी मूलभूत मांग नहीं मानी जाती है तब तक वे अपना विरोध जारी रखेंगे। उन्होंने अपना विरोध जारी रखा।
अधिकारियों द्वारा पैसा नही है कहकर किया जा रहा भ्रमित
सुबह 11 बजे से ही धरना देना शुरू कर दिया और नारेबाजी करते हुए कहा कि हमारी मांग पूरी करो, जनता से धोखा नहीं चलेगा,राशि का भुगतान करो। स्थानीय जमीन मालिक आशा पंडित ने बताया कि 28 माह के बाद, काफी जद्दोजहद से जिला प्रशासन ने मुआवजे का नोटिस जारी किया है। अब अधिकारियों द्वारा वे यह कहकर हमें फिर से भ्रमित करने की कोशिश किया जा रहा है कि सरकार के पास पैसा नहीं है। विरोध प्रदर्शन कर रहे पीड़ित भूस्वामियों ने कहा कि अब मुआवजा राशि हमें तुरंत मुहैया कराई जानी चाहिए या सरकार को हमारी सारी जमीन छोड़ देनी चाहिए। कहा कि हम कितने तकलीफों का सामना कर रहे हैं, सरकार इस ओर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रही है।
वित्त मंत्रालय में फाइल रोके जाने से नही मिल रहा मुआवजा
स्थानीय मंजू मंडल ने रोष व्यक्त कर कहा कि जब तक हमें मुआवजा नहीं मिलेगा हमारा आंदोलन जारी रहेगा। वहीं भद्रपुर कस्टम प्रमुख अमित तिवारी के मुताबिक उन्होंने जिले से जो भी काम होना है, उसे पूरा कर कस्टम विभाग को भेज दिया है। वहीं कस्टम विभाग ने पहले ही फाइल वित्त मंत्रालय को भेज दी है। मगर वित्त मंत्रालय में फाइल रोके जाने पर दिक्कत हुई। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक कार्यालय ने मुआवजा वितरण के संबंध में नोटिस जारी किया है। मुआवजे के लिए 60 करोड़ का भुगतान किया जाना है। इसी तरह नगर पालिका के उप प्रमुख राधा कार्की के मुताबिक कुछ दिन पहले ही उपप्रधानमंत्री व ऊर्जा, जल संसाधन एवं सिंचाई मंत्री राजेंद्र प्रसाद लिंगडन से मुआवजे को लेकर बातचीत हुई थी। उपप्रधान मंत्री लिंगडन ने मुआवजा राशि प्रदान करने के लिए अपनी पूरी कोशिश का आश्वासन दिया है।
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