सारस न्यूज, किशनगंज।
भारत सरकार यदि 20 नवंबर तक सरना धर्म कोड की मान्यता की घोषणा नहीं करती है या इस संबंधी वार्तालाप शुरू नहीं करती है, तो 30 नवम्बर को राष्ट्रव्यापी रेल-रोड चक्का जाम तय है। यह घोषणा आदिवासी सेंगेल अभियान के बिहार प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ टुडू ने किया। उन्होंने कहा कि आज की बैठक पूर्व सांसद सालखन मुर्मू के दिशा निर्देश के बाद पोठिया प्रखंड के कोल्था पंचायत अंतर्गत गुवाबारी आदिवासी टोला में ठाकुर सोरेन की अध्यक्षता में की गई। बैठक में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए बिहार प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ टुडू ने कहा कि आदिवासियों को धार्मिक न्याय और अधिकार देने के लिए देश को दो महीनों के भीतर एक नया राष्ट्रीय संकल्प लेने की जरूरत है, ताकि भावी जनगणना में सरना धर्म कोड के साथ आदिवासी भी शामिल हो सकें। उन्हे अनुच्छेद 25 के तहत बाकी नागरिकों की तरह धार्मिक न्याय और अधिकार मिल सके। उन्होंने आगे कहा कि आदिवासी अपने अस्तित्व, पहचान, भाषा, संस्कृति और अपने अधिकारों के लिए लंबे समय से सरना धर्म कोड की लड़ाई लड़ रहे हैं। सरना कोड को लेकर ही सबसे ज्यादा आंदोलन हुए है, जिसके कारण पूरे देश के आदिवासी जागरूक हुए हैं और आदिवासी सड़क से लेकर सदन तक आंदोलन कर रहे हैं।

वहीं इस बैठक में मुख्य रूप से सेंगल अभियान के जिला अध्यक्ष राजा मरांडी, जवाहर हेम्ब्रम, ताला टुडू, सुकदेव सोरेन, सरकार मुर्मू, सुपोल हांसदा, उपेन्द्र टुडू, संजय मरांडी, किशुन मरांडी, तालामई मुर्मू, होपोनमई हेम्ब्रम सहित दर्जनों आदिवासी महिला व पुरुष मौजूद थे।