किशनगंज जिला के अर्राबाड़ी स्थित डॉ कलाम कृषि महाविद्यालय के अधीनस्थ मात्स्यिकी महाविद्यालय, किशनगंज की महिला उत्पीड़न सेल के द्वारा अंतराष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन पखवाड़ा के तहत आगामी 10 दिसंबर अंतराष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस के दिन तक कई तरह के कार्यक्रम आयोजित कर रही हैं।
इसी क्रम में मंगलवार को मात्स्यिकी महाविद्यालय, किशनगंज के छात्र-छात्राओं के बीच रंगोली प्रतियोगिता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उक्त प्रतियोगिता कार्यक्रम में मात्स्यिकी महाविद्यालय, किशनगंज के छात्र-छात्राओं ने बढ़- चढ़ के भाग लिया। रंगोली प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागी छात्र छात्राओं को वरीयता क्रम में पुरष्कृत कर प्रशस्ति प्रमाण पत्र देकर प्रोत्साहित किया गया।
इस मौके पर मात्स्यिकी महाविद्यालय, किशनगंज के डीन सह प्राचार्य वी पी सेनी ने प्रतिभागी सभी विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम को आयोजित करने का प्राथमिक उद्देश्य महिलाओं के खिलाफ हिंसा को रोकना और महिलाओं के बुनियादी मानवाधिकारों व लैंगिक समानता के विषय में जागरूक करना है। हम सभी को महिलाओं का सम्मान करनी चाहिए क्योंकि वह समाज का एक बड़ा स्तम्भ हैं।
मात्स्यिकी महाविद्यालय, किशनगंज की अध्यापिका डॉ. सुदेशना सरकार ने इस मौके पर विद्यार्थियों को अंतर्राष्ट्रीय महिलाओं के खिलाफ हिंसा उन्मूलन दिवस एवं मानव अधिकार दिवस का महत्व बताते हुए कहा कि समाज में हर व्यक्ति को समान अधिकार मिलना चाहिए। ये और बात है कि प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयी शिक्षा के दौरान भारत का संविधान पढ़ने वाला शिक्षित और साक्षर समाज अब तक महिलाओं की समानता को साकार कर पाने में असाधारण रूप से असफल ही रहा है।
आज महिलाओं के प्रति सतत बढ़ती असंवेदनशीलता, अलगाव और अत्याचार इसके सबसे प्रारंभिक और शर्मनाक संकेतक हैं। महिलाओं के अधिकारों के लिये कोई भी संवेदनशील और प्रतिबद्ध नहीं दिख रही है। इसलिए हमें महिलाओं का सशक्तिकरण करने के लिए सार्थक प्रयास करना चाहिए। उन्होंने उक्त कार्यक्रम में उपस्थित सभी व्यक्तियों से कहा कि वे आज इस मंच से यह प्रण लें कि अपने आसपास व अन्य महिलाओं को सशक्त करने में अपना भरपूर सहयोग करते हुए अपने कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे।
चाहे वह शिक्षा का क्षेत्र हो या अन्य कोई क्षेत्र। मात्स्यिकी महाविद्यालय के प्रोफेसर सह कनीय वैज्ञानिक भारतेंदु विमल ने कहा कि महिला हिंसा एवं उत्पीड़न से जुड़ी घटनाएँ हमें आए दिन सुनने को मिलती हैं लेकिन कोई भी इसके खिलाफ अपनी आवाज़ नहीं उठा पाते हैं। अगर कोई अपनी आवाज़ उठाना भी चाहते हैं तो कई कारणों की वजह से बेबस महिलाओं को चुप रहना पड़ जाता है।
महिला उत्पीड़न एवं इस से जुड़ी घटनाएँ भी अब कई संस्थानों में घटने लगी है और इन घटनाओ को रोकने एवं महिला छात्राओं को जागरूक करना भी बहुत जरूरी होता है। इन्हीं बातों को मद्देनजर रखते हुए मात्स्यिकी महाविद्यालय में महिला हिंसा उन्मूलन पखवाड़ा के साथ कार्यक्रम आयोजित की जा रही है ताकि छात्राएं जागरुक हो और अपने अथवा किन्हीं महिला के ऊपर होने वाले हिंसाओं पर पूर्ण विराम लगाने में सक्षम हो सके।
उन्होंने बताया कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा के उन्मूलन के लिए अंतर्राष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन पखवाड़ा 2022 की इस बार की थीम है यूनाइट यानी महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा को समाप्त करने के लिए एकजुटता और सक्रियता। वहीं इस कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉ पूजा सकलानी, डॉ रुपम सामंता एवं प्रोफेसर भारतेंदु विमल महती भूमिका निभाते हुए कार्यक्रम को सुचारु रूप से आयोजित करने में भरपूर सहयोग दिया।
सारस न्यूज, किशनगंज।
किशनगंज जिला के अर्राबाड़ी स्थित डॉ कलाम कृषि महाविद्यालय के अधीनस्थ मात्स्यिकी महाविद्यालय, किशनगंज की महिला उत्पीड़न सेल के द्वारा अंतराष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन पखवाड़ा के तहत आगामी 10 दिसंबर अंतराष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस के दिन तक कई तरह के कार्यक्रम आयोजित कर रही हैं।
इसी क्रम में मंगलवार को मात्स्यिकी महाविद्यालय, किशनगंज के छात्र-छात्राओं के बीच रंगोली प्रतियोगिता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उक्त प्रतियोगिता कार्यक्रम में मात्स्यिकी महाविद्यालय, किशनगंज के छात्र-छात्राओं ने बढ़- चढ़ के भाग लिया। रंगोली प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागी छात्र छात्राओं को वरीयता क्रम में पुरष्कृत कर प्रशस्ति प्रमाण पत्र देकर प्रोत्साहित किया गया।
इस मौके पर मात्स्यिकी महाविद्यालय, किशनगंज के डीन सह प्राचार्य वी पी सेनी ने प्रतिभागी सभी विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम को आयोजित करने का प्राथमिक उद्देश्य महिलाओं के खिलाफ हिंसा को रोकना और महिलाओं के बुनियादी मानवाधिकारों व लैंगिक समानता के विषय में जागरूक करना है। हम सभी को महिलाओं का सम्मान करनी चाहिए क्योंकि वह समाज का एक बड़ा स्तम्भ हैं।
मात्स्यिकी महाविद्यालय, किशनगंज की अध्यापिका डॉ. सुदेशना सरकार ने इस मौके पर विद्यार्थियों को अंतर्राष्ट्रीय महिलाओं के खिलाफ हिंसा उन्मूलन दिवस एवं मानव अधिकार दिवस का महत्व बताते हुए कहा कि समाज में हर व्यक्ति को समान अधिकार मिलना चाहिए। ये और बात है कि प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयी शिक्षा के दौरान भारत का संविधान पढ़ने वाला शिक्षित और साक्षर समाज अब तक महिलाओं की समानता को साकार कर पाने में असाधारण रूप से असफल ही रहा है।
आज महिलाओं के प्रति सतत बढ़ती असंवेदनशीलता, अलगाव और अत्याचार इसके सबसे प्रारंभिक और शर्मनाक संकेतक हैं। महिलाओं के अधिकारों के लिये कोई भी संवेदनशील और प्रतिबद्ध नहीं दिख रही है। इसलिए हमें महिलाओं का सशक्तिकरण करने के लिए सार्थक प्रयास करना चाहिए। उन्होंने उक्त कार्यक्रम में उपस्थित सभी व्यक्तियों से कहा कि वे आज इस मंच से यह प्रण लें कि अपने आसपास व अन्य महिलाओं को सशक्त करने में अपना भरपूर सहयोग करते हुए अपने कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे।
चाहे वह शिक्षा का क्षेत्र हो या अन्य कोई क्षेत्र। मात्स्यिकी महाविद्यालय के प्रोफेसर सह कनीय वैज्ञानिक भारतेंदु विमल ने कहा कि महिला हिंसा एवं उत्पीड़न से जुड़ी घटनाएँ हमें आए दिन सुनने को मिलती हैं लेकिन कोई भी इसके खिलाफ अपनी आवाज़ नहीं उठा पाते हैं। अगर कोई अपनी आवाज़ उठाना भी चाहते हैं तो कई कारणों की वजह से बेबस महिलाओं को चुप रहना पड़ जाता है।
महिला उत्पीड़न एवं इस से जुड़ी घटनाएँ भी अब कई संस्थानों में घटने लगी है और इन घटनाओ को रोकने एवं महिला छात्राओं को जागरूक करना भी बहुत जरूरी होता है। इन्हीं बातों को मद्देनजर रखते हुए मात्स्यिकी महाविद्यालय में महिला हिंसा उन्मूलन पखवाड़ा के साथ कार्यक्रम आयोजित की जा रही है ताकि छात्राएं जागरुक हो और अपने अथवा किन्हीं महिला के ऊपर होने वाले हिंसाओं पर पूर्ण विराम लगाने में सक्षम हो सके।
उन्होंने बताया कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा के उन्मूलन के लिए अंतर्राष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन पखवाड़ा 2022 की इस बार की थीम है यूनाइट यानी महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा को समाप्त करने के लिए एकजुटता और सक्रियता। वहीं इस कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉ पूजा सकलानी, डॉ रुपम सामंता एवं प्रोफेसर भारतेंदु विमल महती भूमिका निभाते हुए कार्यक्रम को सुचारु रूप से आयोजित करने में भरपूर सहयोग दिया।
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