राहुल कुमार, सारस न्यूज, किशनगंज।
आशा कार्यकर्ता लगा रहीं जोर, लोगों को ला रहीं टीकाकरण केंद्रों तक
मिशन इंद्रधनुष के लक्ष्यों की शतप्रतिशत उपलब्धि के लिए जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग कटिबद्ध है। 12 तरह की बीमारियों से बचाव को लेकर चल रहे मिशन इंद्रधनुष-5.0 अभियान के तीसरे चरण का शनिवार को आखिरी दिन है। अधिक से अधिक महिलाओं और बच्चों का टीकाकरण हो सके, इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग ने जोर लगा दिया है। क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता महिलाओं और बच्चों को टीकाकरण केंद्रों तक लाने के लिए जोर लगा रही हैं। खुद जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी (डीआईओ) डॉ. देवेन्द्र कुमार ने शुक्रवार को कई टीकाकरण केंद्रों का जायजा लिया और अधिक से अधिक लोगों का टीकाकरण कराने के लिए कहा। उन्होंने टेढ़ागाछ प्रखंड के कई केंद्रों का जायजा लिया। जायाजा लेने के दौरान डीआईओ ने कई तरह के निर्देश दिए। इस दौरान नियमित टीकाकरण से वंचित बच्चों को सूची के अनुसार टीका दिया जा रहा है। आशा कार्यकर्ता क्षेत्र के छूटे हुए बच्चों को टीकाकरण केंद्रों तक ला रही हैं। लोगों से भी मेरी अपील है कि शनिवार को अभियान का आखिरी दिन है, इसलिए जिनके बच्चों को अब तक टीका नहीं लगाया जा सका, वे अपने नजदीकी केंद्रों पर जाकर बच्चों को टीका लगवाएं। मुझे उम्मीद है कि जिस तरह से पहले दो चरण में हमलोगों ने लक्ष्य से अधिक लोगों का टीकाकरण किया। उसी तरह इस बार भी लक्ष्य से ज्यादा बच्चों का टीकाकरण हो सकेगा।
अभियान के चौथे दिन तक लक्ष्य से अधिक हुआ टीकाकरण-
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ कुमार ने बताया कि गर्भवती महिलाओं और बच्चों को गंभीर बीमारी से बचाव के लिए नियमित टीकाकरण जरूरी है। इससे न केवल गंभीर बीमारी से बचाव होता है, बल्कि सुरक्षित और सामान्य प्रसव को बढ़ावा भी मिलता है। बच्चों का शारीरिक विकास भी बेहतर तरीके से होता है। इसलिए जिले के सभी लाभार्थियों से कहना चाहता हूं कि जो नियमित टीकाकरण नहीं करा पाएं हैं, वह अपने नजदीकी शिविर स्थलों पर जाकर निश्चित रूप से टीकाकरण कराएं। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी ने बताया कि इंद्रधनुष अभियान के माध्यम से टीका से छूटी हुई गर्भवती महिलाओं और बच्चों को जागरूक कर प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण किया जाएगा। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी ने बताया कि मिशन इंद्रधनुष अभियान के 04 दिनों तक 499 सेशन साइट में गर्भवती महिलाओं का 160 प्रतिशत टीकाकरण किया गया है। वहीं शून्य से 5 वर्ष तक के बच्चों का 116 प्रतिशत टीकाकरण किया गया है। जिसमें शून्य से 2 वर्ष के बच्चों को 117 प्रतिशत तथा 2 से 5 वर्ष तक के बच्चों का 107 प्रतिशत टीकाकरण किया गया है। जिसमें 499 बच्चों को पहली बार टीका लगाया गया है। उसके अलावा अभियान के चार दिन में 1244 बच्चों का पूर्ण टीकाकरण, तथा 798 बच्चों का संपूर्ण टीकाकरण कर लिया गया है। वहीं एमआर-1 वैक्सीन 1246 बच्चों को लगाया गया है जो 105 प्रतिशत है। एमआर- 2 वैक्सीन 811 बच्चों को लगाया गया है। जो लक्ष्य का 99 प्रतिशत है।
आंगनबाड़ी केंद्रों पर होता है नियमित टीकाकरण-
सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया नियमित टीकाकरण का आयोजन जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर हर सप्ताह बुधवार और शुक्रवार को होता है। जरूरत पड़ने पर अन्य दिन भी टीकाकरण किया जाता है। इसके माध्यम से 2 वर्ष तक के बच्चों को टीके लगाए जाते हैं। नियमित टीकाकरण बच्चों और गर्भवती महिलाओं को कई गंभीर बीमारियों से बचाव करता है। साथ ही प्रसव के दौरान जटिलताओं से सामना करने की भी संभावना नहीं के बराबर रहती है। गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण होने से संस्थागत प्रसव को बढ़ावा मिलता है।
एक भी बच्चा नियमित टीकाकरण से वंचित न रहने पाये-
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डा. देवेन्द्र कुमार ने बताया कि कार्यक्रम के तहत टीकाकरण से वंचित दो वर्ष तक के सभी बच्चों व सभी गर्भवती महिलाओं तक टीकाकरण की पहुंच सुनिश्चित कराना मिशन इंद्रधनुष कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है। मिशन इंद्रधनुष की कार्ययोजना के अनुरूप अयोजित किये गये सत्र स्थलों पर लक्षित लाभार्थियों को उनका टीका लगा या नहीं यह सुनिश्चित करना बहुत जरूरी है। इसके लिए पर्यवेक्षण कार्य जिले के सभी प्रखंडों में जिले के पदाधिकारी के अलावा प्रखंडों के स्वास्थ्य प्रबंधक, सामुदायिक उत्प्रेरक, यूनिसेफ एवं डब्ल्यूएचओ के एसएमसी, फील्ड मॉनिटर आदि द्वारा किया जा रहा है। सरकार द्वारा आरंभ किया गया टीकाकरण अभियान ऐसी कई बीमारियों की रोकथाम एवं उन्मूलन के लिए किया गया है जिसमें बीमारियों के कारणों की कड़ी यानि चेन को तोड़ा जा सके। इसलिए टीकाकरण के परिणामों को हासिल करने के लिए जरूरी है कि एक भी बच्चा नियमित टीकाकरण से वंचित न रहने पाये। गौरतलब है कि नियमित टीकाकरण के मामले में फिलहाल जिले की उपलब्धि 91 फीसदी के करीब है। 02 वर्ष उम्र तक के बच्चे व गर्भवती महिलाओं को मिशन इंद्रधनुष अभियान के तहत उपलब्धि 100 फीसद तक ले जाने का प्रयास किया जायेगा।