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मौसम की बेरुखी से बढ़ा सूखे का खतरा, नहीं हुई बारिश तो बर्बाद हो जाएंगे टेढ़ागाछ के किसान।

देवाशीष चटर्जी, सारस न्यूज़, किशनगंज।

टेढ़ागाछ में बारिश ना होने से फसलें हो रही बर्बाद किसान बालेश्वर यादव, प्रेम लाल मंडल, सोहन लाल सिंह, माया नंद मंडल, हरि प्रसाद मंडल ने बताया कि बारिश न होने की वजह से फसल बर्बाद हो रही है। अब धान की फसल भी बर्बाद होने की कगार पर है। ऐसे में किसान अपने खेतों पर जाकर रोज बारिश का इंतजार कर रहे हैं। कहा कि हर रोज बादल छाते हैं, लेकिन बारिश नहीं होती। खेत में काम कर रहे अन्य किसानों का कहना है कि बारिश न होने की वजह से टेढ़ागाछ समेत पूरे क्षेत्र में सूखे की स्थिति बन गई है। अपने खेतों में खाद बीज डाल दिए हैं, लेकिन बारिश नहीं हो रही है। इससे फसल बर्बाद हो रही है। धान के खेती के लिए बेड़ लगाने के लिए बैठे हैं।

बारिश न होने से किसान परेशान हैं। एक वक्त की रोटी भी हो जाएगी महंगी कहा कि फसलों की रोपाई के लिए पानी का कोई इंतेजाम नहीं हैं। ना ही बारिश हो रही है। अगर बारिश नहीं हुई तो सूखा पड़ जाएगा। किसान एक वक्त की रोटी का मोहताज हो जाएगा। बारिश न होने से कई अन्य फसल बर्बाद हो रही है। बड़े किसान तो अपने डीजल पंपसेट से फसलों की सिचाई कर लेते हैं, लेकिन मंझोले और छोटे किस्म के किसानों के सामने सिंचाई एक बहुत बड़ी जटिल समस्या बनी हुई है। खेतों की सिचाई करने में उनकी जेब ढीली हो जाती है। खेती में घाटा हो जाने से बैंक से लिया गया ऋण का कर्ज भी चुका नहीं पाते है और अक्सर वे कर्ज में डूब जाते हैं। उन्हें दूसरों के डीजल पंप सेट से प्रति घंटा दो सौ रुपये की दर से खेत में पानी पटवन करनी पड़ती है। किसान आर्थिक तंगी के कारण डीजल पंप सेट से पटवन नहीं कर पाते है। जिससे उनकी खेत में लगे फसल सूख जाती है। ऐसी स्थिति में किसानों के लिए खेती करना घाटे का सौदा साबित हो रहा है। ज्ञात हो कि 12 पंचायतों वाले टेढ़ागाछ प्रखंड के ग्रामीण इलाकों की अर्थव्यवस्था खेती पर ही निर्भर है। प्रखंड क्षेत्र के 80 फीसदी लोग खेती किसानी कर अपने परिवार का भरण-पोषण सहित बच्चों की पढ़ाई लिखाई का खर्चा भी चलाते है। यहां की मुख्य फसल गेहूं, धान, मक्का, आलू, हरि सब्जीयां, सरसों, गन्ना, पटसन की खेती होती हैं। किसान पंचानंद सिंह, बदरूद्दीन, गनेश साह, रईसुद्दीन, जुल्फिकार अली, रफीक आलम, दिल मोहम्मद, मुख्तार आलम, अमीरुद्दीन, नईमुद्दीन, मो० शाहिद, मोहम्मद खतीब आलम, आबू फरहान, सिकंदर प्रसाद साह, खुशीलाल मंडल, अनिरुद्ध प्रसाद सिंह, मनोज मंडल, दयानंद ठाकुर, नीरज कुमार सिंह, दीप लाल मांझी, देवनारायण मंडल, इम्तियाज जावेद पूर्व मुखिया निजामुद्दीन आदि का कहना है कि धवेली पंचायत में लाखों की लागत से बने सरकारी नलकूप चालू हो जाता तो किसानों को पटवन करने में काफी सहूलियत होती तथा किसानों पर आर्थिक बोझ भी कम पडता। डीजल पंपसेट से पटवन कर फसल उपजाना किसानों के लिए भारी घाटे का सौदा साबित हो रहा है।

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