सारस न्यूज टीम, किशनगंज।
सदर अस्पताल में गुरुवार को एसीएमओ की अध्यक्षता में प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। राष्ष्ट्रीय बाल सुरक्षा कार्यक्रम के तहत आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम मे चिकित्सकों एवं कर्मियों को कुष्ठ निवारण के लिए आवश्यक जानकारियां दी गयी। एसीएमओ सह जिला कुष्ठ विभाग के प्रभारी पदाधिकारी डॉक्टर सुरेश प्रसाद ने कहा कि लोग कुष्ठ को छुआछूत की बीमारी समझते हैं। लेकिन सच्चाई इससे परे है।
कुष्ठ ऐसी बीमारी है जो हवा में बैक्टीरिया के जरिए फैलती है। इसलिए इसे संक्रामक रोग भी कहते हैं। यह संक्रमण सांस के जरिए फैलती है। ग्रसित व्यक्ति से हाथ मिलाने या उसे छू लेने से यह बीमारी बिल्कुल नहीं होती है। कुष्ठ रोग से ग्रसित लोगों के खांसने, छींकने से लेप्रै बैक्टीरिया हवा में डवलप कर जाती है।
कुष्ठ रोग के लक्षण: डॉक्टर सुरेश प्रसाद ने बताया कि कुष्ठ के कारण मरीज के शरीर पर सफेद चकत्ते यानी निशान पड़ने लगते हैं। ये निशान सुन्न होते हैं । इनमें किसी तरह का सेंसेशन नहीं होता है। इस जगह पर कोई नुकीली वस्तु भी चुभाया जाए तो एहसास नहीं होता है। प्रभावित अंगों में चोट लगने, जलने या कटने का भी पता नहीं चलता है। जिससे यह बीमारी अधिक भयानक रूप लेने लगती हैं और शरीर को गलाने लगती है।
सरकारी अस्पताल में निःशुल्क जांच ।
अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी ने बताया कि कुष्ठ से पीड़ित मरीजों के लिए सभी सरकारी अस्पतालों में निःशुल्क जांच एवं इलाज की सुविधा है। समय से इलाज करके कुष्ठ रोग से बचाव किया जा सकता है। उन्होंने बताया की जिले में वर्तमान में कुल 520 लोग कुष्ठ से पीड़ित हैं। जिनका इलाज जारी है।