गुरूवार को अर्राबाड़ी स्थित डॉ कलाम कृषि महाविद्यालय के परिसर में स्थित मात्स्यिकी महाविद्यालय में राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड के सौजन्य से मीठे पानी के मत्स्य पालन में जल एवं मृदा गुणवत्ता प्रबंधन विषय पर किसानों के लिए तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न हुई।
मात्स्यिकी महाविद्यालय द्वारा आयोजित उक्त तीन दिवसीय कार्यक्रम में किशनगंज एवं पूर्णिया जिले के प्रगतिशील किसानों ने भाग लिया एवं सबंधित विषय पर प्रशिक्षण प्राप्त किया। इस तीन दिवसीय कार्यक्रम का शुभारंभ कार्यक्रम के निदेशक एवं महाविद्यालय के डीन डॉ वी पी सैनी की अध्यक्षता में की गई जिसमें कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में जिला मत्स्य पदाधिकारी, किशनगंज प्रसून कुमार शामिल हुए एवं विभाग के मत्स्य प्रसार पदाधिकारी राजेश कुमार ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई। इस तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान महाविद्यालय एवं जलीय पर्यावरण विभाग के सहायक प्राध्यापकों ने इस विषय से सबंधित विभिन्न व्याख्यान दिए एवं किसानों की मछली पालन सम्बंधित समस्याओं को सुना एवं निराकरण के उपाय बताये। कार्यक्रम के सफल संचालन में प्रशिक्षण के निदेशक एवं जलीय पर्यावरण विभाग के अध्यक्ष तापस पॉल, कार्यक्रम के समन्वयक एवं जलीय पर्यावरण विभाग के सहायक प्राध्यापक क्रमशः आशुतोष कुमार एवं मधु कुमारी की भूमिका महत्वपूर्ण रही। कार्यक्रम के समापन के मौके पर महाविद्यालय के डीन ने सभी किसानों को शुभकामनाएं दीं और इस प्रशिक्षण से प्राप्त जानकारियों द्वारा अपने जलीय उत्पादन को बढ़ाने का सुझाव दिया।
सारस न्यूज, किशनगंज।
गुरूवार को अर्राबाड़ी स्थित डॉ कलाम कृषि महाविद्यालय के परिसर में स्थित मात्स्यिकी महाविद्यालय में राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड के सौजन्य से मीठे पानी के मत्स्य पालन में जल एवं मृदा गुणवत्ता प्रबंधन विषय पर किसानों के लिए तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न हुई।
मात्स्यिकी महाविद्यालय द्वारा आयोजित उक्त तीन दिवसीय कार्यक्रम में किशनगंज एवं पूर्णिया जिले के प्रगतिशील किसानों ने भाग लिया एवं सबंधित विषय पर प्रशिक्षण प्राप्त किया। इस तीन दिवसीय कार्यक्रम का शुभारंभ कार्यक्रम के निदेशक एवं महाविद्यालय के डीन डॉ वी पी सैनी की अध्यक्षता में की गई जिसमें कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में जिला मत्स्य पदाधिकारी, किशनगंज प्रसून कुमार शामिल हुए एवं विभाग के मत्स्य प्रसार पदाधिकारी राजेश कुमार ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई। इस तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान महाविद्यालय एवं जलीय पर्यावरण विभाग के सहायक प्राध्यापकों ने इस विषय से सबंधित विभिन्न व्याख्यान दिए एवं किसानों की मछली पालन सम्बंधित समस्याओं को सुना एवं निराकरण के उपाय बताये। कार्यक्रम के सफल संचालन में प्रशिक्षण के निदेशक एवं जलीय पर्यावरण विभाग के अध्यक्ष तापस पॉल, कार्यक्रम के समन्वयक एवं जलीय पर्यावरण विभाग के सहायक प्राध्यापक क्रमशः आशुतोष कुमार एवं मधु कुमारी की भूमिका महत्वपूर्ण रही। कार्यक्रम के समापन के मौके पर महाविद्यालय के डीन ने सभी किसानों को शुभकामनाएं दीं और इस प्रशिक्षण से प्राप्त जानकारियों द्वारा अपने जलीय उत्पादन को बढ़ाने का सुझाव दिया।
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