शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य के साथ अध्यात्मिक उन्नति के लिए योग को दैनिक दिनचर्या में शामिल करें। उक्त बातें कहते हुए सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया कि स्वस्थ रहने के लिए योग बहुत जरूरी है, क्योंकि योग हमें ऊर्जावान बनाए रखने में मदद करता है। वर्ष 2023 में योगा दिवस की थीम वन वर्ल्ड, वन हेल्थ रखी गई है, जो कि वसुधैव कुटुम्बकम के आधार पर तय की गई है। हर साल 21 जून को मनाया जाता है। योग प्राचीन काल से भारत की संस्कृति का हिस्सा रहा है। भारत में ऋषि मुनियों के दौर से योगाभ्यास होता आ रहा है। ये दिन हर एक भारतवासी को गौरवांवित करने वाला दिन है क्योंकि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के जरिए भारतीय संस्कृति से जुड़ा योग विदेशों तक पॉपुलर हो गया है। हर साल दुनियाभर के तमाम देशों के बीच योग दिवस का प्रतिनिधित्व भारत करता है।
उन्होंने बताया कि पहली बार सन 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सयुंक्त राष्ट्र संघ में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा था। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण के बाद वर्तमान दौर में योग कि भूमिका काफी बढ़ गई है। योग शरीर को स्वस्थ्य रखने के साथ ही व्यक्ति को तनाव मुक्त रहने में भी मदद करता है। योग सिर्फ शारीरिक अभ्यास तक ही समिति नहीं है बल्कि योग से शरीर को माध्यम बनाकर अध्यात्मिक उन्नति भी की जा सकती है। इसी क्रम में जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्र में योग शिविर का आयोजन किया जायेगा
योग को अपनाने के बाद बचा जा सकता है बहुत सी शारीरिक और मानसिक बीमारियों से: जिला पदाधिकारी
जिला पदाधिकारी श्रीकांत शास्त्री ने जिलावासियों से अपील करते हुए कहा है की जिले के सभी व्यक्ति योग शिविर में शामिल होकर योगाभ्यास करते हुए नियमित योगाभ्यास करने के बाद शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत किया जा सकता है और मजबूत रोग प्रतिरोधक क्षमता के बाद किसी भी प्रकार कि बीमारी को परास्त किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि योग के साथ- साथ प्रणायाम जैसे अनुलोम-विलोम, कपाल भाति और भ्रामरी के जरिये फेफड़ों को मजबूत बनाते हुए सांस संबंधी बीमारियों से बचा जा सकता है। उन्होंने बताया कि अनुलोम- विलोम प्राणायाम से खून साफ होता है और खून में ऑक्सिजन का स्तर बढ़ जाता है। इसी तरह कपाल भाति से फेफड़े ठीक से काम करते हैं और सांस संबंधी बीमारियों को दूर करने में मदद मिलती है। इसके अलावा भ्रामरी से तनाव, गुस्सा और अवसाद दूर होता है।
सारस न्यूज, किशनगंज।
शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य के साथ अध्यात्मिक उन्नति के लिए योग को दैनिक दिनचर्या में शामिल करें। उक्त बातें कहते हुए सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया कि स्वस्थ रहने के लिए योग बहुत जरूरी है, क्योंकि योग हमें ऊर्जावान बनाए रखने में मदद करता है। वर्ष 2023 में योगा दिवस की थीम वन वर्ल्ड, वन हेल्थ रखी गई है, जो कि वसुधैव कुटुम्बकम के आधार पर तय की गई है। हर साल 21 जून को मनाया जाता है। योग प्राचीन काल से भारत की संस्कृति का हिस्सा रहा है। भारत में ऋषि मुनियों के दौर से योगाभ्यास होता आ रहा है। ये दिन हर एक भारतवासी को गौरवांवित करने वाला दिन है क्योंकि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के जरिए भारतीय संस्कृति से जुड़ा योग विदेशों तक पॉपुलर हो गया है। हर साल दुनियाभर के तमाम देशों के बीच योग दिवस का प्रतिनिधित्व भारत करता है।
उन्होंने बताया कि पहली बार सन 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सयुंक्त राष्ट्र संघ में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा था। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण के बाद वर्तमान दौर में योग कि भूमिका काफी बढ़ गई है। योग शरीर को स्वस्थ्य रखने के साथ ही व्यक्ति को तनाव मुक्त रहने में भी मदद करता है। योग सिर्फ शारीरिक अभ्यास तक ही समिति नहीं है बल्कि योग से शरीर को माध्यम बनाकर अध्यात्मिक उन्नति भी की जा सकती है। इसी क्रम में जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्र में योग शिविर का आयोजन किया जायेगा
योग को अपनाने के बाद बचा जा सकता है बहुत सी शारीरिक और मानसिक बीमारियों से: जिला पदाधिकारी
जिला पदाधिकारी श्रीकांत शास्त्री ने जिलावासियों से अपील करते हुए कहा है की जिले के सभी व्यक्ति योग शिविर में शामिल होकर योगाभ्यास करते हुए नियमित योगाभ्यास करने के बाद शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत किया जा सकता है और मजबूत रोग प्रतिरोधक क्षमता के बाद किसी भी प्रकार कि बीमारी को परास्त किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि योग के साथ- साथ प्रणायाम जैसे अनुलोम-विलोम, कपाल भाति और भ्रामरी के जरिये फेफड़ों को मजबूत बनाते हुए सांस संबंधी बीमारियों से बचा जा सकता है। उन्होंने बताया कि अनुलोम- विलोम प्राणायाम से खून साफ होता है और खून में ऑक्सिजन का स्तर बढ़ जाता है। इसी तरह कपाल भाति से फेफड़े ठीक से काम करते हैं और सांस संबंधी बीमारियों को दूर करने में मदद मिलती है। इसके अलावा भ्रामरी से तनाव, गुस्सा और अवसाद दूर होता है।
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