राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, बिहार सरकार द्वारा संचालित विशेष भू- सर्वेक्षण के तहत किशनगंज जिलान्तर्गत शिविर ठाकुरगंज-02 बरचौंदी के राजस्व ग्राम दुधमंजर-53 में किस्तवार का काम प्रारम्भ किया गया। इस मौजा के अन्तर्गत पटेशरी ग्राम पंचायत का बैलबाड़ी गांव आता है और नगर पंचायत ठाकुरगंज के वार्ड नं चार से सटा क्षेत्र है।
इस दौरान विशेष सर्वेक्षण अमीन अश्विनी चन्द्र कुमार ने बताया कि राजस्व ग्राम के त्रिसीमाना एवं सरहद का सीमांकन किया जा चुका है। किस्तवार की इस प्रक्रिया में उच्च रेज्युलेशन वाले कैमरा युक्त हवाई फोटोग्राफी से प्राप्त मानचित्र में ग्राउंड ट्रुथिंग करके नए खेसरे का निर्माण किया जा रहा है। इसमें सभी रैयतों की भागीदारी आवश्यक है ताकि उनके खेतों व भूमि का सीमांकन सही रूप से किया जा सके। यह भी बताया कि राजस्व ग्राम के किश्तवार सर्वेक्षण में भूखंडों की नंबरिंग व सत्यापन किया जाएगा और इसके सफल कार्यान्वयन के लिये संबंधित मौजे के रैयतों को अपनी जमीन पर उपस्थित रहना होगा। सभी रैयतों को चाहिए कि किस्तवार के समय अपनी भूमि पर उपस्थित होकर किस्तवार कार्य में सहयोग करें, जिससे उनकी भूमि का त्रुटिरहित मानचित्र निर्मित हो। किस्तवार पूर्ण होने के बाद खानापूरी की प्रक्रिया प्रारम्भ होगी, जिसमें रैयतों के अधिकार अभिलेख (खतियान) का निर्माण किया जाएगा। इस मौके पर संबंधित मौजा के भू स्वामी अजय साह, योगेश भारती, धनुक लाल गणेश, सीता देवी आदि सहित स्थानीय ग्रामीण मौजुद थे।
सारस न्यूज, किशनगंज।
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, बिहार सरकार द्वारा संचालित विशेष भू- सर्वेक्षण के तहत किशनगंज जिलान्तर्गत शिविर ठाकुरगंज-02 बरचौंदी के राजस्व ग्राम दुधमंजर-53 में किस्तवार का काम प्रारम्भ किया गया। इस मौजा के अन्तर्गत पटेशरी ग्राम पंचायत का बैलबाड़ी गांव आता है और नगर पंचायत ठाकुरगंज के वार्ड नं चार से सटा क्षेत्र है।
इस दौरान विशेष सर्वेक्षण अमीन अश्विनी चन्द्र कुमार ने बताया कि राजस्व ग्राम के त्रिसीमाना एवं सरहद का सीमांकन किया जा चुका है। किस्तवार की इस प्रक्रिया में उच्च रेज्युलेशन वाले कैमरा युक्त हवाई फोटोग्राफी से प्राप्त मानचित्र में ग्राउंड ट्रुथिंग करके नए खेसरे का निर्माण किया जा रहा है। इसमें सभी रैयतों की भागीदारी आवश्यक है ताकि उनके खेतों व भूमि का सीमांकन सही रूप से किया जा सके। यह भी बताया कि राजस्व ग्राम के किश्तवार सर्वेक्षण में भूखंडों की नंबरिंग व सत्यापन किया जाएगा और इसके सफल कार्यान्वयन के लिये संबंधित मौजे के रैयतों को अपनी जमीन पर उपस्थित रहना होगा। सभी रैयतों को चाहिए कि किस्तवार के समय अपनी भूमि पर उपस्थित होकर किस्तवार कार्य में सहयोग करें, जिससे उनकी भूमि का त्रुटिरहित मानचित्र निर्मित हो। किस्तवार पूर्ण होने के बाद खानापूरी की प्रक्रिया प्रारम्भ होगी, जिसमें रैयतों के अधिकार अभिलेख (खतियान) का निर्माण किया जाएगा। इस मौके पर संबंधित मौजा के भू स्वामी अजय साह, योगेश भारती, धनुक लाल गणेश, सीता देवी आदि सहित स्थानीय ग्रामीण मौजुद थे।
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