सारस न्यूज टीम, पोठिया।
मंगलवार को पोठिया प्रखंड के भोटाथाना पंचायत के अंतर्गत झरवाडांगा स्कूल मैदान में आदिवासी सेंगेल अभियान के बैनर तले पंचायत परगना चुड़का मरांडी की अध्यक्षता में 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस को संकल्प दिवस के रूप में मनाया गया। इस दौरान उपस्थित बिहार प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ टुडू ने कहा कि9 अगस्त विश्व आदिवासी दिवस को आदिवासी सेंगेल अभियान द्वारा अलग अलग पांच प्रदेशों में संकल्प दिवस के रूप में मनाते हुए पांच प्रमुख मांगों को लेकर एक मांग पत्र भारत के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को जिले के विभिन्न प्रखंडों के बीडीओ के माध्यम से भेजी जाएगी।
हमारी पांच मांगों में आदिवासी स्वशासन व्यवस्था या ट्राइबल सेल्फ रूल सिस्टम में सुधार लाने के लिए अविलंब जनतांत्रिक और संवैधानिक मूल्यों और व्यवहार का समावेश किया जाए। भारत के प्रकृति पूजक आदिवासियों को सरना धर्म कोड को अविलंब मान्यता देकर जनगणना में शामिल किया जाए। भारत की एकमात्र संवैधानिक मान्यता प्राप्त (आठवीं अनुसूची में शामिल) बड़ी आदिवासी भाषा- संताली भाषा को अविलंब झारखंड की प्रथम राजभाषा का दर्जा दिया जाए। असम और अंडमान में शताब्दियों से बस गए झारखंडी आदिवासियों को अविलंब अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिया जाए। भगवान बिरसा मुंडा के जन्मदिन, 15 नवंबर 2000 को स्थापित झारखंड प्रदेश (दिशोम) मूलत: आदिवासी प्रदेश है।
इसको लुटने- मिटने से बचाने के लिए सभी संवैधानिक, कानूनी प्रावधानों को सकारात्मक रूप से सक्रिय किया जाए। इन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित 1994 से आदिवासी अस्तित्व पहचान हिस्सेदारी अधिक संरक्षण सहयोग और संवर्धन करने हेतु दुनिया भर में विभिन्न देश के आदिवासी 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस मनाते हैं। संयुक्त राष्ट्र में 13 सितंबर 2007 को विश्व आदिवासी अधिकार घोषणा पत्र भी जारी किया है। संयुक्त राष्ट्र ने 2022 से 2032 के दशक को आदिवासी भाषाओं के संरक्षण का दशक घोषित किया है।
आज दुनिया भर में लगभग सात हजार भाषाएं है। जिसमें लगभग 40 प्रतिशत भाषाएं विलुप्ति की कगार पर खड़े हैं। उसमें सर्वाधिक आदिवासी भाषाएं डेंजर जोन में है। इस मौके पर उपस्थित बिहार पोनोत परगाना जवाहर हेम्ब्रम,प्रखंड परगाना ठाकुर सोरेन,सोम किसकू,सावना मुर्मू,दिलीप टुडू, सुखदेव सोरेन, गणेश मरांडी, अनीता मुर्मू,ताला मुर्मू लुखीराम मरांडी,चरण सोरेन,संजय मरांडी अनिता मरांडी, आदि महिला-पुरुष मौजूद थे।