सारस न्यूज टीम, किशनगंज।
शरद पूर्णिमा में मिथिलांचल में मशहूर आज कोजगरा पूजा होगी। इस वर्ष पूजन के लिए संध्या के समय प्रदोष काल में 5:30 बजे से रात 9 बजे तक अति विशिष्ट शुभ मुहूर्त है। जो अमृत योग में संपन्न होगा। अमृत योग में यह पूजन होने से अमरत्व की प्राप्ति होती है। इस दिन को बाल्मीकि जयंती के नाम से भी जाना जाता है।
द्वापर में भगवान श्री कृष्ण ने शरद पूर्णिमा यानी कोजागरा के दिन ही महारास लीला करके समस्त भक्तों को आध्यात्मिक संदेश दिया था। उस दिन आश्विन शुक्ल पक्ष पूर्णिमा थी। जिसको शरद पूर्णिमा कहते हैं। तभी से वह महोत्सव के रूप में मनाया जाने लगा। इस दिन प्रदोष काल में मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। यह जानकारी गोसपुर निवासी पंडित धर्मेंद्रनाथ मिश्र ने दी।
उन्होंने बताया कि कोजागरा के दिन घर-आंगन की साफ-सफाई करके पूजन करना चाहिए। संध्याकाल में घर के द्वार पर दीवार के समीप पूर्णेन्दु, स्वस्तिक सौभाग्य, रुद्र, स्कंद, नंदीश्वर, मुनि, श्री, लक्ष्मी, इंद्र, कुबेर की पूजा करनी चाहिए।