सारस न्यूज, वेब डेस्क।
एक अप्रैल से अबतक उत्पाद विभाग ने 1,227 लोगों को शराब का सेवन और बिक्री करते पकड़ा है। अब उत्पाद विभाग ऐसे लोगों के घरों पर पोस्टर चिपका रही है। ऐसे लोगों के घरों में उत्पाद विभाग की टीम कभी भी आकर जांच कर सकती है, कहीं आरोपी फिर से शराब का सेवन और बिक्री तो नहीं कर रहा। अगर फिर शराब के नशे में या बिक्री करते पकड़े गए तो एक साल की कैद की सजा का प्रावधान है। बताते चलें कि बिहार में वर्ष 2016 से शराब के सेवन, क्रय, विक्रय पर पूरी तरह प्रतिबंध है। सरकार ने शराब के सेवन व बिक्री करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का प्रावधान लागू किया है। सरकार ने वर्ष 2022 में शराबबंदी कानून को और प्रभावी बनाने के लिए कुछ नियमों में संशोधन किया है। नियमों को शिथिल करते हुए यह प्रावधान लाया गया कि पहली बार शराब का सेवन करने के बाद आरोपी को कोर्ट के माध्यम से दो हजार रुपये जुर्माना देकर छोड़ा जा सकता है। यह भी तब जब आरोपी गिरफ्तारी के समय प्रशासन का सहयोग करे। अगर गिरफ्तारी के समय विभागीय अधिकारियों व कर्मियों के साथ अभद्र व्यवहार से पेश आते हैं तो यह अधिकारियों के विवेक पर निर्भर करेगा कि कोर्ट में किस तरह का पक्ष पेश करते हैं। अब एक बार फिर सरकार ने शराब का सेवन व विक्रय करने वालों को सामाजिक स्तर पर भी शर्मिंदा करने का निर्णय लिया है। इसके पीछे सरकार और विभाग का मकसद है कि ऐसा करने से शराब सेवन व बिक्री करने वाले सामाजिक स्तर पर लज्जित होने के डर से ऐसे काम करने से पीछे हटेंगे। अब एक अप्रैल 2022 के बाद शराब पीने, शराब बेचने या फिर डिलेवरी करने के आरोप में पकड़े गए लोगों के घर जाकर उत्पाद विभाग की टीम चेतावनी पोस्टर लगाने का काम कर रही है। पोस्टर लगाने के बाद भी ऐसे लोग जिन्होंने शराब का सेवन करना और बेचना बंद नहीं किया तो सीधा एक साल की सजा होगी।
एक अप्रैल 2022 के बाद अबतक 1227 लोगों की गिरफ्तारी हुई है। 492 केस भी रजिस्टर्ड किए गए हैं। 1227 लोगों में 986 लोग शराब सेवन एवं 307 लोग शराब विक्री के आरोप में पकड़े गए हैं। इसमें से 164 होम डिलीवरी करने वाले भी शामिल हैं। एक अप्रैल के बाद उत्पाद विभाग ने दस हजार लीटर विदेशी शराब जब्त किया है। इसके साथ ही 2 हजार लीटर से अधिक अर्धनिर्मित शराब को नष्ट किया गया है। विभाग ने इस बीच दो एवं चार पहिया कुल 81 वाहन जब्त किया है। विभाग द्वारा पकड़े गए लोगों से 25.30 लाख रुपये बतौर जुर्माना की राशि वसूल की है। 1 अप्रैल से अबतक हिरासत में लिए गए लोगों का एड्रेस कंप्यूटर से निकालकर विभाग के अधिकारी व जवान उनके घरों में पोस्टर लगाने का कार्य कर रहे हैं। पोस्टर में आरोपी का एवं उनके पिता का नाम दर्ज किया जा रहा है। साथ ही पोस्टर पर चेतावनी भी अंकित है की दूसरी बार पकड़े जाने पर एक वर्ष की सजा होगी। अब तक 22 लोगों के घर पोस्टर चिपकाए गए हैं। उत्पाद अधीक्षक तारिक महमूद ने कहा कि शराब सेवन व बिक्री करने वालों के खिलाफ अभियान लगातार जारी है। उन्होंने कहा कि किसी भी हालत में जिले में किसी को भी शराबबंदी नियम के प्रावधानों में खलल डालने की छूट नहीं है।