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संक्रामक के साथ हीं गैर संचारी रोगों के प्रति सतर्क रहने की जरूरत।

राहुल कुमार, सारस न्यूज, किशनगंज।

जिले में माह अगस्त में 17,121 एवं माह सितम्बर में अबतक कुल 7,686 लोगों की स्क्रीनिंग हुई है।

आम तौर पर शुरुआती दौर में कोई भी बीमारी बेहद सामान्य दिखती है। लेकिन बीतते समय के साथ ये गंभीर रूप लेने लगती है। गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ देवेन्द्र कुमार ने बताया कि किसी तरह की शारीरिक समस्या को देर तक टालने का परिणाम लोगों को देर-सबेर भुगतना ही पड़ता है। इसलिये रोग संबंधी किसी लक्षण की तत्काल पहचान कर इसका समुचित इलाज कराया जाये। आज संक्रामक बीमारियों के खतरे  से पूरा विश्व परेशान है। ऐसे में आमतौर पर होने वाली गैर संचारी रोगों के प्रति भी पर्याप्त सक्रियता जरूरी है। वैसे रोग जो एक से दूसरे व्यक्ति में सीधे प्रसारित नहीं होते, उन्हें गैर संचारी रोगों की श्रेणी में रखा गया है। ब्लडप्रेशर, डायबिटीज, मोतियाबिंद, हृदय संबंधी रोग, अल्जाइमर, पार्किंगसन सहित अन्य कई रोग गैर संचारी रोगों की सूची में शामिल हैं। सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया कि गैर संचारी रोग की  जागरूकता एवं बचाव के लिए अभियान जारी है। माह अगस्त में पूरे जिले में कुल 17,121 लोगों की स्क्रीनिंग की गयी है। वहीं माह सितम्बर में अबतक कुल 7,686 लोगों की स्क्रीनिंग हुई है।

नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच जरूरी-
सिविल सर्जन डॉ किशोर ने बताया कि  तीस वर्ष से अधिक आयु के लोगों को विभिन्न तरह के गैर संचारी रोगों की  चपेट में आने की संभावना अधिक होती है। लिहाजा इससे अधिक उम्र के लोगों को नियमित रूप से अपनी  स्वास्थ्य की जांच करानी  चाहिये। इस संबंध में जिला समन्वयक गैर संचारी रोग नवाज शरीफ ने बताया कि जिले के प्रमुख स्वास्थ्य केंद्रों पर जांच व इलाज की सुविधा उपलब्ध है। सदर अस्पताल में तो इसके लिये अलग से इंतजाम उपलब्ध है। इसके अलावा सभी पीएचसी व हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, जहां ओपीडी सेवा उपलब्ध है, वहां भी जांच व इलाज की सुविधा उपलब्ध है। गैर संचारी रोग पदाधिकारियों को गैर संचारी रोगों की जांच के लिए स्वास्थ्य संस्थानों में  विशेष मेडिकल किट उपलब्ध करायी  गयी  है। इसमें ब्लडप्रेशर जांच मशीन, ग्लूकोमीटर सहित अन्य जांच उपकरण शामिल हैं। जांच में रोग की पुष्टि होने पर रोगियों को संबंधित दवाएं मुफ्त में उपलब्ध करायी जाती है।

रोग के हो सकते हैं कई कारण-
सिविल सर्जन डॉ किशोर ने बताया कि विभिन्न तरह के गैर संचारी रोगों के लिये अलग-अलग कारण हो सकते हैं। इसमें अनियमित दिनचर्या व खान-पान की गलत आदतें प्रमुख हैं। नमक का अधिक सेवन, नशापान, तनाव, मोटापा, गुर्दा व उच्च रक्तचाप भी इसके कारण हो सकते हैं। बार-बार पेशाब आना, वजन में गिरावट, ज्यादा भूख लगना डायबिटीज का  लक्षण है । इसी तरह शरीर के किसी अंग में असामान्य सूजन, गांठ या कड़ापन, तिल, मस्से के आकार या रंग में परिवर्तन, ना खत्म होने वाला घाव, लगातार बुखार, वजन में गिरावट सहित अन्य कई लक्षण कैंसर रोग के शुरुआती लक्षणों से जुड़े होते हैं। महिलाओं में मासिक धर्म के दौरान असामान्य रक्त स्राव, स्तन के आकार में परिवर्तन के रूप में भी कैंसर के लक्षण उजागर होते हैं। मोटापा, उच्च रक्तचाप, मधुमेह आगे चलकर कई अन्य बीमारियों के कारण बनते हैं। ऐसे किसी भी रोग से बचाव के लिये नियमित  व्यायाम, संतुलित आहार के  सेवन के साथ-साथ नशापान की आदतों से पर्याप्त दूरी बनाये रखना जरूरी होता है। नियमित रूप से लोगों को अपना स्वास्थ्य परीक्षण कराते रहना चाहिये। ताकि शुरुआती दौर में ही रोग का पता चल सके। इससे संबंधित रोग का उपचार आसान होता है।

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