सारस न्यूज टीम, किशनगंज।
शहर का सबसे बड़ा प्राकृतिक जलस्त्रोत रमजान नदी दूषित नाला बन चुका है। 15 वर्ष पूर्व जांच के दौरान इसके जमीन पर अतिक्रमण की पुष्टि हुई थी। लेकिन एक इंच भी जमीन अतिक्रमण मुक्त नहीं कराया जा सका है। नदी के पेट में आलीशान भवन, सड़क और अन्य निर्माण कार्य के कारण वर्ष 2017 में शहरवासी भीषण जल प्रलय झेल चुके हैं। तब माना गया था कि अगर नदी की पेटी साफ होती तो बाढ़ का पानी शहर में नहीं फैलता। स्थिति अब भी जस की तस है।
इस बीच प्राकृतिक जल स्त्रोतों को बचाने की सरकारी मुहिम छोटे तालाबों व कुछ अन्य जगहों पर चल रही पर सबसे बड़ा जलस्त्रोत इस मुहिम से भी छूटा हुआ है। वर्ष 2008 में रमजान नदी के अतिक्रमण का मामला प्रकाश में आया था। तत्कालीन डीएम ने इसे गंभीरता से लेकर सर्वप्रथम शहर होकर बहने वाली रमजान नदी का पैमाइश करवाई।
अस्पताल रोड में कई रिहायशी घर नदी की दायरे में आए। ऐसे मकानों पर लाल निशान भी लगाए गए। लेकिन कार्रवाई अचानक रुक गयी। इसके बाद आने वाले डीएम ने भी इस मसले को आगे बढ़ाया। लेकिन आधी अधूरी कार्रवाई से आगे कोई नहीं बढ़ पाया। इन 15 वर्षों में आधे दर्जन से अधिक डीएम आकर चले गए। लेकिन अतिक्रमण कारियों के आगे किसी की नहीं चली। रमजान नदी को अतिक्रमण से मुक्त करवाने की आवाज सदन तक गूंजी। शहर के लोगों ने भी इसको लेकर आवाज उठाना शुरू कर दिया।
भूमाफिया अब भी सक्रिय, नदी की जमीन बेचकर कर रहे लाखों की कमाई
15 वर्षों के प्रशासनिक तामझाम के बाद भूमाफिया फिर सक्रिय हैं। प्रतिदिन नदी की जमीन पर नए नए निर्माण हो रहे हैं। कहीं कहीं तो नदी का अस्तित्व ही खत्म हो चुकी है। नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड संख्या एक में नदी बिल्कुल सकरी नाली बन चुकी है। भूमाफिया नदी की जमीन बेचकर लाखों की कमाई कर रहे हैं।
कोर्ट से स्टे रद्द करने का किया जाएगा अनुरोध, चलेगा अतिक्रमणमुक्त अिभयान
सीओ समीर कुमार ने कहा कि हलीम चौक में भूमिहीन परिवार के लिए मल्टीस्टोरिज भवन बनाए जा रहे हैं। वहीं पर 42 परिवार को शिफ्ट करवाने के साथ साथ कोर्ट से स्टे रद्द करने का भी अनुरोध किया जाएगा। उसके बाद अतिक्रमणमुक्त अभियान चलाया जाएगा।
343 अतिक्रमणकारियों की हुई शिनाख्त
पांच वर्ष पूर्व तत्कालीन डीएम पंकज दीक्षित ने रमजान नदी को अतिक्रमण से मुक्त करवाने के लिए नदी के उद्गम स्थल से इसकी पैमाइश करवाया। साथ ही अतिक्रमणकारियों की भी पहचान सूची बद्ध किया गया। 343 अतिक्रमण कारियों को नोटिस भी तामिला करवाया गया। लेकिन नतीजा सिफर ही रहा। नोटिस के खिलाफ 72 लोग पटना हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर दिया। उसके बाद मामला एक बार फिर ठप हो गया।
अतिक्रमणकारियों में 42 परिवार हैं भूमिहीन
अंचल अधिकारी समीर कुमार ने कहा कि रमजान नदी की जमीन पर अतिक्रमण करने वाले 42 ऐसे परिवार हैं। जिनके पास जमीन ही नहीं है। पहले ऐसे भूमिहीन परिवार को जमीन उपलब्ध करवाया जाएगा। फिर उसे हटाया जाएगा। लेकिन अबतक न तो भूमिहीनों को जमीन ही दिया गया और न ही कोई कार्रवाई हुई।
जलस्रोतों को अतिक्रमण मुक्त करवाने के निर्देश पर सुगबुगाहट तेज
सात निश्चय योजना के तहत जल जीवन हरियाली मिशन को सुदृढ करने को लेकर सीएम ने सभी जलस्रोतों को अतिक्रमण से मुक्त करवाने का निर्देश दिया। तत्कालीन डीएम हिमांशु शर्मा ने एसडीएम व सीओ को इस मिशन को पूर्ण करने का निर्देश दिया। कोर्ट में याचिका दायर करनेवाले 72 लोगों को छोड़ बांकी के खिलाफ अभियान शुरू हुआ। जिला प्रशासन द्वारा नदी की जमीन पर बने भवन, दुकान व गोदाम पर चिह्न लगाए गए। अतिक्रमणकारियों को चेतावनी दी गयी कि स्वतः नदी की जमीन खाली कर दें। अन्यथा प्रशासन बलप्रयोग कर हटाएगी। हटाने में लगने वाले खर्च भी अतिक्रमणकारियों से वसूल किये जाएंगे। फिर भी मामला जस की तस बना रहा।