सितंबर के दूसरे सप्ताह में होगा जिला स्तरीय युवा उत्सव का आयोजन, कला व संस्कृति क्षेत्र में उत्कृष्ट कलाकार राज्य स्तरीय युवा उत्सव में होंगे सम्मिलित।
किशनगंज में जिला-स्तरीय युवा उत्सव, 2023-24 का आयोजन सितंबर के दूसरे सप्ताह में किया जाना है। तिथि की घोषणा अगले सप्ताह हो सकती है। यह कार्यक्रम एमजीएम ऑडिटोरियम में कराया जा सकता हैं। डीएम श्रीकांत शास्त्री के निर्देश पर युवा उत्सव की तैयारी की जा रही है। 5 सितंबर तक विभिन्न कला विधाओं में आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। इस संबंध में जिला कला एवम संस्कृति पदाधिकारी रंजीत कुमार ने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा जिला-स्तरीय युवा उत्सव का आयोजन पूरे धूम-धाम से कराया जाएगा। जिला-स्तर पर आयोजित युवा उत्सव से चयनित प्रथम स्थान प्राप्त कलाकार व दल कला, संस्कृति एवं युवा विभाग द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय युवा उत्सव में भाग लेंगे, जो सारण (छपरा) में सितंबर के तीसरे सप्ताह में प्रस्तावित है। बता दें कि पूर्व में डीएम के द्वारा बैठक कर जिला शिक्षा, स्वास्थ्य, नगर परिषद, पीएचईडी, जन संपर्क एवं विधि-व्यवस्था के जिला-स्तरीय पदाधिकारियों को आपस में समन्वय स्थापित कर जिला युवा उत्सव का सफलतापूर्वक आयोजन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है।
जानकारी के मुताबिक़ सितंबर के दूसरे सप्ताह में दो दिवसीय आयोजन अंतर्गत प्रदर्श कला और चक्षुष कला प्रतियोगिता संपन्न होगी। प्रदर्श कला के अन्तर्गत समूह गायन- संगत कलाकार सहित दस कलाकार, समूह लोक नृत्य- संगत कलाकार सहित कुल बीस कलाकार। नृत्य एवं गायन वाद्य वादन पारंपरिक होंगे। शास्त्रीय नृत्य- (कत्थक, ओडिसी, भरतनाट्यम, मणिपुरी, कुचिपुड़ी)- प्रस्तुति एकल होगी। संगत कलाकार सहित अधिकतम पाँच कलाकार हो सकते हैं। इसमें संगत कलाकार 35 वर्ष के ऊपर हो सकते हैं। शास्त्रीय गायन-एकल प्रस्तुति-संगत कलाकार सहित तीन सदस्य (हिन्दुस्तानी व कर्नाटकी शैली) शास्त्रीय वादन- एकल प्रस्तुति (सितार, गिटार, तबला, बाँसुरी, वीणा, मृदंगम (पखावज नहीं), हारमोनियम वादन (सुगम)- एकल, एकांकी नाटक- अधिकतम बारह कलाकार, भाषा हिन्दी, वक्तृता (हिन्दी या अंग्रेजी)- एकल विधा के युवा (15 से 35 वर्ष तक) भाग ले सकते है।
उपरोक्त के अतिरिक्त अन्य विधाओं के युवा कलाकारों के प्रोत्साहन हेतु राज्य सरकार का निर्णय है कि जिला स्तर पर एवं राज्य स्तर पर लोक गाथा गायन, लोकगीत, सुगम संगीत, वायलिन वादन, सारंगी वादन, सरोद वादन, शहनाई, पखावज, धुपद-धगाड़ की प्रतियोगिता भी होगी।
चित्रकला, मूर्ति कला, हस्तशिल्प, फोटोग्राफी आदि प्रदर्श कला के उक्त अतिरिक्त विधाओं और चाक्षुष कला के विधाओं में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त कलाकारों को अन्य कार्यक्रमों के लिए सूचीबद्ध किया जायेगा। प्रतिभागियों को पूर्व में आवेदन समर्पित कर निबंधन कराना अनिवार्य होगा। समाहरणालय स्थित जिला सामान्य प्रशाखा में आवेदन जमा किया जा सकता है। सरकारी विद्यालय के प्रतिभागी जिला शिक्षा कार्यालय के माध्यम से भी आवेदन भेजवा सकते है। बिना निबंधन के युवा उत्सव में भाग नहीं ले सकते है। कलाकार व प्रतिभागियों को वेष-भूषा, परिधान, वाद्ययंत्र, मंच सामग्री और संगत कलाकार की व्यवस्था स्वयं करनी होगी। आयोजक द्वारा इसकी आपूर्ति नहीं की जायेगी। मंच, ध्वनि और प्रकाश की व्यवस्था अनुरूप प्रदर्शन करना होगा। रिकॉर्डेड गाने की अनुमति नहीं होगी। निर्णायक मंडल का निर्णय अंतिम होगा। जिला स्तरीय युवा उत्सव में प्रतिभागियों की आधिकाधिक भागीदारी के निमित डीएम श्रीकांत शास्त्री ने कहा कि युवा वर्ग को कला एवं संस्कृति के क्षेत्र में प्रोत्साहन देने हेतु युवा उत्सव एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इच्छुक एवं योग्य युवा इसका लाभ उठाएँ। जिला शिक्षा पदाधिकारी सभी विद्यालयों एवं महाविद्यालयों को इस बारे में विधिवत सूचना उपलब्ध करा रहे हैं। इस संबंध में आवश्यक सूचना जिला सामान्य प्रशाखा (समाहरणालय) से प्राप्त की जा सकती है।
सारस न्यूज, किशनगंज।
किशनगंज में जिला-स्तरीय युवा उत्सव, 2023-24 का आयोजन सितंबर के दूसरे सप्ताह में किया जाना है। तिथि की घोषणा अगले सप्ताह हो सकती है। यह कार्यक्रम एमजीएम ऑडिटोरियम में कराया जा सकता हैं। डीएम श्रीकांत शास्त्री के निर्देश पर युवा उत्सव की तैयारी की जा रही है। 5 सितंबर तक विभिन्न कला विधाओं में आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। इस संबंध में जिला कला एवम संस्कृति पदाधिकारी रंजीत कुमार ने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा जिला-स्तरीय युवा उत्सव का आयोजन पूरे धूम-धाम से कराया जाएगा। जिला-स्तर पर आयोजित युवा उत्सव से चयनित प्रथम स्थान प्राप्त कलाकार व दल कला, संस्कृति एवं युवा विभाग द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय युवा उत्सव में भाग लेंगे, जो सारण (छपरा) में सितंबर के तीसरे सप्ताह में प्रस्तावित है। बता दें कि पूर्व में डीएम के द्वारा बैठक कर जिला शिक्षा, स्वास्थ्य, नगर परिषद, पीएचईडी, जन संपर्क एवं विधि-व्यवस्था के जिला-स्तरीय पदाधिकारियों को आपस में समन्वय स्थापित कर जिला युवा उत्सव का सफलतापूर्वक आयोजन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है।
जानकारी के मुताबिक़ सितंबर के दूसरे सप्ताह में दो दिवसीय आयोजन अंतर्गत प्रदर्श कला और चक्षुष कला प्रतियोगिता संपन्न होगी। प्रदर्श कला के अन्तर्गत समूह गायन- संगत कलाकार सहित दस कलाकार, समूह लोक नृत्य- संगत कलाकार सहित कुल बीस कलाकार। नृत्य एवं गायन वाद्य वादन पारंपरिक होंगे। शास्त्रीय नृत्य- (कत्थक, ओडिसी, भरतनाट्यम, मणिपुरी, कुचिपुड़ी)- प्रस्तुति एकल होगी। संगत कलाकार सहित अधिकतम पाँच कलाकार हो सकते हैं। इसमें संगत कलाकार 35 वर्ष के ऊपर हो सकते हैं। शास्त्रीय गायन-एकल प्रस्तुति-संगत कलाकार सहित तीन सदस्य (हिन्दुस्तानी व कर्नाटकी शैली) शास्त्रीय वादन- एकल प्रस्तुति (सितार, गिटार, तबला, बाँसुरी, वीणा, मृदंगम (पखावज नहीं), हारमोनियम वादन (सुगम)- एकल, एकांकी नाटक- अधिकतम बारह कलाकार, भाषा हिन्दी, वक्तृता (हिन्दी या अंग्रेजी)- एकल विधा के युवा (15 से 35 वर्ष तक) भाग ले सकते है।
उपरोक्त के अतिरिक्त अन्य विधाओं के युवा कलाकारों के प्रोत्साहन हेतु राज्य सरकार का निर्णय है कि जिला स्तर पर एवं राज्य स्तर पर लोक गाथा गायन, लोकगीत, सुगम संगीत, वायलिन वादन, सारंगी वादन, सरोद वादन, शहनाई, पखावज, धुपद-धगाड़ की प्रतियोगिता भी होगी।
चित्रकला, मूर्ति कला, हस्तशिल्प, फोटोग्राफी आदि प्रदर्श कला के उक्त अतिरिक्त विधाओं और चाक्षुष कला के विधाओं में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त कलाकारों को अन्य कार्यक्रमों के लिए सूचीबद्ध किया जायेगा। प्रतिभागियों को पूर्व में आवेदन समर्पित कर निबंधन कराना अनिवार्य होगा। समाहरणालय स्थित जिला सामान्य प्रशाखा में आवेदन जमा किया जा सकता है। सरकारी विद्यालय के प्रतिभागी जिला शिक्षा कार्यालय के माध्यम से भी आवेदन भेजवा सकते है। बिना निबंधन के युवा उत्सव में भाग नहीं ले सकते है। कलाकार व प्रतिभागियों को वेष-भूषा, परिधान, वाद्ययंत्र, मंच सामग्री और संगत कलाकार की व्यवस्था स्वयं करनी होगी। आयोजक द्वारा इसकी आपूर्ति नहीं की जायेगी। मंच, ध्वनि और प्रकाश की व्यवस्था अनुरूप प्रदर्शन करना होगा। रिकॉर्डेड गाने की अनुमति नहीं होगी। निर्णायक मंडल का निर्णय अंतिम होगा। जिला स्तरीय युवा उत्सव में प्रतिभागियों की आधिकाधिक भागीदारी के निमित डीएम श्रीकांत शास्त्री ने कहा कि युवा वर्ग को कला एवं संस्कृति के क्षेत्र में प्रोत्साहन देने हेतु युवा उत्सव एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इच्छुक एवं योग्य युवा इसका लाभ उठाएँ। जिला शिक्षा पदाधिकारी सभी विद्यालयों एवं महाविद्यालयों को इस बारे में विधिवत सूचना उपलब्ध करा रहे हैं। इस संबंध में आवश्यक सूचना जिला सामान्य प्रशाखा (समाहरणालय) से प्राप्त की जा सकती है।