हिन्दी सिनेमा की बहूचर्चित फिल्म उड़ता पंजाब में ड्रग्स के नशे में डूबी दुनिया को पर्दे पर उतार कर दिखाया गया है कि नशे के चंगुल में फंस कर किस तरह लोग बर्बादी के कगार पर पहुंच रहे हैं। ठीक इसी तरह नशे के कारोबारी इन दिनो सीमावर्ती क्षेत्रों के माध्यम से पूरे सीमांचल को मादक पदार्थो से बर्बाद कराने में लगे हुए हैं। इसका जीता जागता उदाहरण हर रोज सीमांचल क्षेत्र में ब्राउन शुगर की हो रही बरामदगी व तस्कर की गिरफ्तारी से समझा जा सकता है। वहीं कितने ऐसे कारोबारी जो पुलिस व सीमा सुरक्षा बल की पकड़ से बचकर नए-नए तरीके से नशे के कारोबार को अंजाम दे रहे हैं। गुरुवार को पानीटंकी बॉर्डर से अंडे के कार्टून में एक अंडे में ब्राउन शुगर छुपाकर नेपाल ले जा रहे दो लोगों को नेपाल के कांकड़भिट्ठा पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
वहीं किशनगंज जिले के गलगलिया व सटे बंगाल क्षेत्र के चक्करमारी, ड़ेंगूजोत, ठाकुरगंज एवं पड़ोसी राष्ट्र नेपाल के सीमा क्षेत्र में नशे का कारोबार काफी फल-फूल रहा है। ब्राउन शुगर जैसे खतरनाक मादक पदार्थ यहां बेचे जा रहे हैं। ब्राउन शुगर का कारोबार करने वाले कई युवक अपने नेटवर्क को यहां संचालित किए हुए है। जिससे युवा इस नशे चपेट में आ रहे हैं।
किशनगंज जिले के सीमावर्ती क्षेत्र गलगलिया में खाशकर बेखौफ ब्राउन शुगर का कारोबार चल रहा है और युवक इसकी चपेट में आ रहे हैं। शहर के युवाओं के लिए ब्राउन शुगर खरीदना आसान सी बात है, लेकिन कानून व्यवस्था से जुड़ी पुलिस को इसकी भनक तक नहीं कि ब्राउन शुगर का कारोबार उक्त क्षेत्र में कहां और किस तरह हो रहा है। वहीं सीमा क्षेत्र के लगभग हर गांवों में युवाओं को तस्कर खुलेआम ब्राउन शुगर बेचते हैं और अब स्थिति यह बन गई है कि क्षेत्र के मुख्य बाजार चौराहों,चाय की दुकानों पर भी खुलेआम ब्राउन शुगर की पुडिय़ां बिकने लगी है। लेकिन हमारी चुस्त दुरुस्त और अपराधियों की धर पकड़ के लिये सदैव मुस्तैद रहने वाली पुलिस इन सब से अनजान है।
बताया जाता है कि ब्राउन शुगर का नशा युवाओं के दिलो दिमाग पर इस कदर छा जाता है कि 15 दिन में ये इसके आदी हो जाते हैं। इसकी तलब मिटाने के लिए नशेड़ीयों को जैसे-तैसे ब्राउन शुगर का जुगाड़ करना पड़ता है। ब्राउन शुगर नहीं मिलने पर युवाओं में गुस्सा होना, झगड़ा करना इत्यादि आदतें सामान्य हो जाती है। ऐेसे में महंगे नशे का शौक पूरा करने के लिए कई युवा अपराध की राह चुन रहे हैं।
आसानी से बॉर्डर पार कर नशे का सेवन करने आते हैं नेपाली युवक
सीमावर्ती क्षेत्र होने के चलते इस क्षेत्र में पुलिस का भी कड़ा पहरा है और स्थानीय पुलिस प्रशासन द्वारा उक्त कारोबारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का भी दम भरा जाता है, लेकिन सच्चाई इससे कोसों दूर है। गलगलिया रेलवे स्टेशन समीप का गाँव लकड़ी डिपो एवं रेलवे गेट समीप स्थित तोड़ीपट्टी गाँव में धड़ल्ले से ब्राउन शुगर बिक्री हो रही है। ब्राउन शुगर के बेचने का धंधा सुबह ही शुरू हो जाता है जो देर रात तक जारी रहती है।
इसका सेवन करने वाले सबसे ज्यादा नेपाल से आते हैं। नेपाल से आये इस नशे का सेवन करने वालों की टोलियां यहां दिन भर देखी जा सकती हैं जो आसानी से बॉर्डर पार कर चले आते हैं। हालांकि सीमा पर एसएसबी के जवान तैनात हैं, बावजूद इनके हौसले इतने बुलंद है कि नेपाल नंबर के बाइक से आकर नशा का सेवन कर वापस चले जाते हैं। नशे के लिए पैसे नहीं होने पर युवा अपने घर व बाहर चोरी या लूट जैसे अपराध भी करने से नहीं चूक रहे हैं।
बताते चलें कि नेपाल से गलगलिया आ रहे सबसे ज्यादा युवाओं के अंदर ब्राउन शुगर का नशा फैल रहा है। जो युवाओं के परिवारों को भी बर्बादी की ओर ढकेल रहा है। महंगे नशे की चपेट में आए युवा 300 से लेकर 1000 तक की एक खुराक पीते पीते सब कुछ लुटने के बाद 10 रुपए के इंजेक्शन और नशीली गोलियों से नशे की प्यास शांत कर रहे हैं। वहीं जिम्मेदार अपनी कुम्भकर्णीय नींद में अब भी तल्लीन हैं।
मौन संरक्षण से सीमावर्ती क्षेत्र में बढ़ा नशे का कारोबार
सूबे की सरकार भले ही अवैध कारोबारियों पर अपना चाबुक चलाने के कितने भी दावे क्यों न कर ले लेकिन असल ज़मीनी हकीकत इसके कुछ उलट ही है। हैरत की बात तो यह है कि इन अवैध कारोबारियों पर नकैल कसने की जिम्मेदारी नीतीश सरकार की जिस पुलिस के कंधों पर है उन कंधों को मौन संरक्षण के कारण ही सीमावर्ती क्षेत्र में नशे का कारोबार धड़ल्ले से फल फूल रहा है तभी तो खुलेआम बिक रही ब्राउन शुगर और उनके कारोबारियों पर लगाम नहीं लग पा रही है।
विजय गुप्ता, सारस न्यूज, गलगलिया, किशनगंज।
हिन्दी सिनेमा की बहूचर्चित फिल्म उड़ता पंजाब में ड्रग्स के नशे में डूबी दुनिया को पर्दे पर उतार कर दिखाया गया है कि नशे के चंगुल में फंस कर किस तरह लोग बर्बादी के कगार पर पहुंच रहे हैं। ठीक इसी तरह नशे के कारोबारी इन दिनो सीमावर्ती क्षेत्रों के माध्यम से पूरे सीमांचल को मादक पदार्थो से बर्बाद कराने में लगे हुए हैं। इसका जीता जागता उदाहरण हर रोज सीमांचल क्षेत्र में ब्राउन शुगर की हो रही बरामदगी व तस्कर की गिरफ्तारी से समझा जा सकता है। वहीं कितने ऐसे कारोबारी जो पुलिस व सीमा सुरक्षा बल की पकड़ से बचकर नए-नए तरीके से नशे के कारोबार को अंजाम दे रहे हैं। गुरुवार को पानीटंकी बॉर्डर से अंडे के कार्टून में एक अंडे में ब्राउन शुगर छुपाकर नेपाल ले जा रहे दो लोगों को नेपाल के कांकड़भिट्ठा पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
वहीं किशनगंज जिले के गलगलिया व सटे बंगाल क्षेत्र के चक्करमारी, ड़ेंगूजोत, ठाकुरगंज एवं पड़ोसी राष्ट्र नेपाल के सीमा क्षेत्र में नशे का कारोबार काफी फल-फूल रहा है। ब्राउन शुगर जैसे खतरनाक मादक पदार्थ यहां बेचे जा रहे हैं। ब्राउन शुगर का कारोबार करने वाले कई युवक अपने नेटवर्क को यहां संचालित किए हुए है। जिससे युवा इस नशे चपेट में आ रहे हैं।
किशनगंज जिले के सीमावर्ती क्षेत्र गलगलिया में खाशकर बेखौफ ब्राउन शुगर का कारोबार चल रहा है और युवक इसकी चपेट में आ रहे हैं। शहर के युवाओं के लिए ब्राउन शुगर खरीदना आसान सी बात है, लेकिन कानून व्यवस्था से जुड़ी पुलिस को इसकी भनक तक नहीं कि ब्राउन शुगर का कारोबार उक्त क्षेत्र में कहां और किस तरह हो रहा है। वहीं सीमा क्षेत्र के लगभग हर गांवों में युवाओं को तस्कर खुलेआम ब्राउन शुगर बेचते हैं और अब स्थिति यह बन गई है कि क्षेत्र के मुख्य बाजार चौराहों,चाय की दुकानों पर भी खुलेआम ब्राउन शुगर की पुडिय़ां बिकने लगी है। लेकिन हमारी चुस्त दुरुस्त और अपराधियों की धर पकड़ के लिये सदैव मुस्तैद रहने वाली पुलिस इन सब से अनजान है।
बताया जाता है कि ब्राउन शुगर का नशा युवाओं के दिलो दिमाग पर इस कदर छा जाता है कि 15 दिन में ये इसके आदी हो जाते हैं। इसकी तलब मिटाने के लिए नशेड़ीयों को जैसे-तैसे ब्राउन शुगर का जुगाड़ करना पड़ता है। ब्राउन शुगर नहीं मिलने पर युवाओं में गुस्सा होना, झगड़ा करना इत्यादि आदतें सामान्य हो जाती है। ऐेसे में महंगे नशे का शौक पूरा करने के लिए कई युवा अपराध की राह चुन रहे हैं।
आसानी से बॉर्डर पार कर नशे का सेवन करने आते हैं नेपाली युवक
सीमावर्ती क्षेत्र होने के चलते इस क्षेत्र में पुलिस का भी कड़ा पहरा है और स्थानीय पुलिस प्रशासन द्वारा उक्त कारोबारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का भी दम भरा जाता है, लेकिन सच्चाई इससे कोसों दूर है। गलगलिया रेलवे स्टेशन समीप का गाँव लकड़ी डिपो एवं रेलवे गेट समीप स्थित तोड़ीपट्टी गाँव में धड़ल्ले से ब्राउन शुगर बिक्री हो रही है। ब्राउन शुगर के बेचने का धंधा सुबह ही शुरू हो जाता है जो देर रात तक जारी रहती है।
इसका सेवन करने वाले सबसे ज्यादा नेपाल से आते हैं। नेपाल से आये इस नशे का सेवन करने वालों की टोलियां यहां दिन भर देखी जा सकती हैं जो आसानी से बॉर्डर पार कर चले आते हैं। हालांकि सीमा पर एसएसबी के जवान तैनात हैं, बावजूद इनके हौसले इतने बुलंद है कि नेपाल नंबर के बाइक से आकर नशा का सेवन कर वापस चले जाते हैं। नशे के लिए पैसे नहीं होने पर युवा अपने घर व बाहर चोरी या लूट जैसे अपराध भी करने से नहीं चूक रहे हैं।
बताते चलें कि नेपाल से गलगलिया आ रहे सबसे ज्यादा युवाओं के अंदर ब्राउन शुगर का नशा फैल रहा है। जो युवाओं के परिवारों को भी बर्बादी की ओर ढकेल रहा है। महंगे नशे की चपेट में आए युवा 300 से लेकर 1000 तक की एक खुराक पीते पीते सब कुछ लुटने के बाद 10 रुपए के इंजेक्शन और नशीली गोलियों से नशे की प्यास शांत कर रहे हैं। वहीं जिम्मेदार अपनी कुम्भकर्णीय नींद में अब भी तल्लीन हैं।
मौन संरक्षण से सीमावर्ती क्षेत्र में बढ़ा नशे का कारोबार
सूबे की सरकार भले ही अवैध कारोबारियों पर अपना चाबुक चलाने के कितने भी दावे क्यों न कर ले लेकिन असल ज़मीनी हकीकत इसके कुछ उलट ही है। हैरत की बात तो यह है कि इन अवैध कारोबारियों पर नकैल कसने की जिम्मेदारी नीतीश सरकार की जिस पुलिस के कंधों पर है उन कंधों को मौन संरक्षण के कारण ही सीमावर्ती क्षेत्र में नशे का कारोबार धड़ल्ले से फल फूल रहा है तभी तो खुलेआम बिक रही ब्राउन शुगर और उनके कारोबारियों पर लगाम नहीं लग पा रही है।
Leave a Reply