टेढ़ागाछ प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत चिल्हनियां पंचायत स्थित सुहिया गांव एवं मध्य विद्यालय व मस्जिद व राजस्व हॉट पुरी तरह से कटाव के जद में आ चुका है। गांव वालों की रातों की नींद भी गायब हो चुकी है। लोगों को घर कटने व बहने की चिंता सता रही हैं। बताते चलें कि संवेदक द्वारा नाम मात्र का बांस गाड़ कर केवल खानापूर्ति किया गया है।
कटाव के जद में आए परिवारों का कहना है कि जल निस्सरण विभाग के तरफ से दस दिन पूर्व बांस के रोल का कार्य यहां पर किया गया था। जिसमें चार बांस का झूंड बनाकर एक साथ नजदीक नजदीक देना था। और तार का प्रयोग किया जाना चाहिए था। लेकिन संवेदक द्वारा ऐसा कुछ भी नहीं किया गया है। और तो और पुरे कटाव क्षेत्रों में कटाव रोधी कार्य किया जाना था पर वो भी आधा अधुरा ही किया गया है। संवेदक बीच में हीं कार्य को छोड़ कर नौ दो ग्यारह हो गया। जिससे स्थानीय ग्रामीणों में दहशत के साथ साथ ठिकेदार के प्रति आक्रोश का माहौल है। स्थानीय ग्रामीणों ने नए जिला पदाधिकारी एवं जल निस्सरण विभाग से स्थलीय जांच करते हुए। सुहिया गॉव को बचाने के की मांग की है। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि जल्द शेष बचे हुए स्थानों पर गुणवत्ता पूर्ण कार्य कराने को लेकर जनप्रतिनिधियों का भी ध्यान आकृष्ट करने की बात कही गई है। जिससे कटाव के जद में आए परिवारों को रेतुआ नदी के प्रवाह में बहने से बचाया जा सके। पहली हीं बाढ़ में सुहिया गांव स्थित दर्जनों परिवार रेतुआ नदी में विलीन हो चुका है। वहीं कटाव के जद में आए पिड़ित परिवार भय के साए में जीने को मजबूर हैं।
देवाशीष चटर्जी, सारस न्यूज़, टेढ़ागाछ।
टेढ़ागाछ प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत चिल्हनियां पंचायत स्थित सुहिया गांव एवं मध्य विद्यालय व मस्जिद व राजस्व हॉट पुरी तरह से कटाव के जद में आ चुका है। गांव वालों की रातों की नींद भी गायब हो चुकी है। लोगों को घर कटने व बहने की चिंता सता रही हैं। बताते चलें कि संवेदक द्वारा नाम मात्र का बांस गाड़ कर केवल खानापूर्ति किया गया है।
कटाव के जद में आए परिवारों का कहना है कि जल निस्सरण विभाग के तरफ से दस दिन पूर्व बांस के रोल का कार्य यहां पर किया गया था। जिसमें चार बांस का झूंड बनाकर एक साथ नजदीक नजदीक देना था। और तार का प्रयोग किया जाना चाहिए था। लेकिन संवेदक द्वारा ऐसा कुछ भी नहीं किया गया है। और तो और पुरे कटाव क्षेत्रों में कटाव रोधी कार्य किया जाना था पर वो भी आधा अधुरा ही किया गया है। संवेदक बीच में हीं कार्य को छोड़ कर नौ दो ग्यारह हो गया। जिससे स्थानीय ग्रामीणों में दहशत के साथ साथ ठिकेदार के प्रति आक्रोश का माहौल है। स्थानीय ग्रामीणों ने नए जिला पदाधिकारी एवं जल निस्सरण विभाग से स्थलीय जांच करते हुए। सुहिया गॉव को बचाने के की मांग की है। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि जल्द शेष बचे हुए स्थानों पर गुणवत्ता पूर्ण कार्य कराने को लेकर जनप्रतिनिधियों का भी ध्यान आकृष्ट करने की बात कही गई है। जिससे कटाव के जद में आए परिवारों को रेतुआ नदी के प्रवाह में बहने से बचाया जा सके। पहली हीं बाढ़ में सुहिया गांव स्थित दर्जनों परिवार रेतुआ नदी में विलीन हो चुका है। वहीं कटाव के जद में आए पिड़ित परिवार भय के साए में जीने को मजबूर हैं।
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