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स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक में किशनगंज डीएम ने दिये आवश्यक दिशा निर्देश।

सारस न्यूज़, किशनगंज।

  • एएनसी जांच व संस्थागत प्रसव मामलों में अपेक्षित सुधार के लिये अधिकारी उठायें जरूरी कदम।
  • कोविड टीकाकरण के क्षेत्र में सूबे में 03 रेंक में।

ज़िले में स्वास्थ्य सुविधा को सुलभ रूप से मुहैया कराने के लिए जिला प्रशासन काफी गंभीर है। इसीलिए जिलाधिकारी, श्रीकांत शास्त्री की अध्यक्षता में माह में दो बार स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक का आयोजन किया जा रहा है। समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा की हमलोगों को जिले के आखिरी व्यक्ति तक अपने स्वास्थ्य सुविधा पहुचाने की जरुरत है, इसके लिए स्वास्थ्य विभाग एवं जिला प्रसाशन सदैव तत्पर है। समीक्षा बैठक का आयोजन समाहरणालय सभागार में कि गयी। गर्भवती महिलाओं की एएनसी जांच, संस्थागत प्रसव, नियमित व कोविड टीकाकरण, एनीमिया प्रबंधन को लेकर किये जा रहे विभागीय प्रयासों के अद्यतन स्थिति की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी-सह-अध्यक्ष जिला स्वास्थ्य समिति, श्रीकान्त शास्त्री की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में स्वास्थ्य संबंधी विभिन्न योजनाओं की गहन समीक्षा की गयी। स्वास्थ्य संबंधी मामलों की अद्यतन स्थिति की समीक्षा करते हुए कहा कि मैटरनल हेल्थ, चाइल्ड हेल्थ, इंफ्रास्ट्रक्चर, इम्युनाइजेशन, टीबी ट्रीटमेन्ट व एफआरयू से जुड़ी सेवा, एनसीडी स्क्रीनिंग, एनीमिया मुक्त भारत अभियान सहित विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों की समीक्षा करते हुए डीएम ने स्वास्थ्य अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश दिये। उन्होंने सभी मरीजो सफल स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने के लिए अस्पताल में साफ- सफाई, लाइट एवं शुद्ध भोजन की व्यवस्था करना सर्वोपरि है। इस कार्य में लापरवाही कतई बर्दास्त नहीं की जाएगी। कार्य में असंतोष पाए जाने पर आउटसोर्सिंग एजेंसी पर कार्यवाही करना सुनिश्चित करें। बैठक में सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी, डॉ देवेन्द्र कुमार, डीपीएम् डॉ मुनाजिम, डीपीसी विस्वजित कुमार, एस एम सी एजाज एहमद, डब्ल्यू एच ओ के एसएमओ डॉ अनिशुर रहमान, सदर अस्पताल उपाधीक्षक, सीफार के जिला समन्वयक, सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंन्धक सहित अन्य मौजूद थे।

परिवार विकास अभियान पर चर्चा:-

जिला योजना समन्वयक विस्वजीत कुमार ने बताया कि जिले में 5 सितंबर से परिवार विकास अभियान का आयोजन किया जा रहा है। जिसमे सभी प्रखंडों में सारथी रथ से जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इसके सफल क्रियान्वयन के लिए चर्चा की गई एवं लक्ष्य के अनुरूप कार्य करने का निर्देश दिया गया। समीक्षा के क्रम में बताया गया की जुलाई में हुए परिवार नियोजन पखवाड़े में जिले में अंतरा कार्यक्रम सूबे में दूसरे स्थान पर रहे वही आईयूसीडी एवं पीपीआईयूसीडी की प्रगति संतोषजनक है, जिसे बढ़ाने का निर्देश दिया गया। इस पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि सेवा प्रदाता संस्था से समन्वय स्थापित करते हुए महिला एवं पुरूष नसबंदी हेतु आवश्यक कदम उठायें। वहीं कायाकल्प एवं लक्ष्य कार्यक्रम के तहत सभी प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक एवं अस्पताल प्रबंधक को जिला स्तर पर प्रशिक्षित करते हुए एक सप्ताह के भीतर ओटी एवं प्रसव कक्ष के कमी को चिन्हित करते हुए उसे सृदृढ़ करने का निर्देश दिया गया। सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया कि संबंधित कर्मियों को सकारात्मक रवैया अपनाते हुए पूरे लगन के साथ अपनी जिम्मेदारियों का निवर्हन करना होगा। उन्होंने कहा कि मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने, प्रसव सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार, गर्भवती माताओं का सम्मान पूर्वक देखभाल मुख्य उद्देश्य है। जिले में प्रसव सेवाओं की बेहतरी के लिये विभाग गंभीर है।

कोविड टीकाकरण के क्षेत्र में प्रथम डोज में सूबे में तीसरे स्थान पर:-

जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ देवेन्द्र कुमार ने बताया की जिले में 12 वर्ष से ऊपर के कोविड टीकाकरण के प्रथम डोज में सूबे में 03 रेंक में तथा दुसरे डोज में 09 स्थान पर है वही 60 वर्ष से ऊपर तथा 18 से 59 पप्रिकोसन डोज के मामले में 04 स्थान पर है, वही टीकाकरण दर में कुछ पीएचसी पिछड़े हैं, उन्हें आगामी समय में अपने टीकाकरण के स्तर में सुधार कर लेना है। उन्होंने टीकाकरण को लेकर सभी आवश्यक प्रशिक्षण व तैयारी कर लेने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि अगर कोई टीकाकर्मी अनुपस्थित हों तो दूसरे सहयोगी जो प्रशिक्षित हों उनसे सहयोग प्राप्त करें। आशा अपने क्षेत्रों में जागरूकता के साथ टीकाकरण करें ताकि टीकाकरण के लक्ष्य को हासिल करने में किसी प्रकार की दिक्कत ना आए। कोविड जांच के बारे में बताया कि सितंबर माह में अब तक कुल 16 हजार से ज्यादा जांच हुए है जिसमे 8366 आरटीपीसीआर एवं 7716 रैपिड एंटीजेन जांच किये गए है। वर्तमान में मात्र 5 लोग संक्रमित है। नियमित टीकाकरण के लिए शिशुओं के जन्म से लेकर पांच साल तक फॉलोअप करते हुए टीके की डोज से लाभान्वित करें। आशा माह में एक बार अपने इलाके में सर्वे कर नियमित टीकाकरण के लिस्ट को अपडेट रखें। ताकि, सत्रों के संचालन में किसी प्रकार की परेशानी न हो। साथ ही, उसकी आसानी से मॉनिटरिंग हो सके। वही आगामी पल्स पोलियो कार्यक्रम के सफल आयोजन पर चर्चा किया गया।

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