19वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल ठाकुरगंज द्वारा समस्त समवायों और सीमा चौकियों में चलाये जा रहे सांप्रदायिक सद्भाव और कोष संग्रह सप्ताह कार्यक्रम का वाहिनी मुख्यालय में समापन किया गया। उक्त कार्यक्रम के तहत एक सप्ताह से वाहिनी मुख्यालय और समस्त समवायों व सीमा चौकियों के कार्मिकों द्वारा कोष संग्रह किया गया। संग्रह किए गए सहयोग राशि को गृह मंत्रालय के अंतर्गत संस्था राष्ट्रीय सांप्रदायिक सद्भाव संस्थान को भेजा जाएगा। उक्त बातों की जानकारी देते हुए वाहिनी के उप कमान्डेंट दुर्गा प्रसाद यादव ने बताया कि सभी को इस नेक कार्यक्रम में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए। इस राशि का उपयोग सांप्रदायिक,जातीय या आतंकवादी हिंसा में हुए अनाथ और निराधार बच्चों की सहायता प्रदान करने हेतु किया जाता है। संग्रहित राशि को नेशनल फाउंडेशन फॉर कम्युनल हारमोनी को सुपुर्द किया जाएगा, जो 19 फ़रवरी 1992 को सोसायटी पंजीकरण अधिनियम 1860 के तहत स्थापित की गई थी और यह सांप्रदायिक हिंसा के पीड़ितों की मदद करने और उनके पुनर्वास के लिए कार्य करती हैं तथा परियोजना “असिष्ट” के तहत यह सांप्रदायिक हिंसा के कारण पीड़ित बच्चों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है।
कार्यक्रम के दौरान सहायक कमान्डेंट (संचार) सुनील कुमार, निरीक्षक शंकर कुमार मंडल, उप निरीक्षक (संचार) दिनकर कुमार मिश्रा, उप निरीक्षक(मंत्रा.) राज कुमार मंडल, मुख्य आरक्षी अजीत सिंह, आरक्षी संगम राजभर सहित बल के अन्य कार्मिक उपस्थित थे।
सारस न्यूज, किशनगंज।
19वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल ठाकुरगंज द्वारा समस्त समवायों और सीमा चौकियों में चलाये जा रहे सांप्रदायिक सद्भाव और कोष संग्रह सप्ताह कार्यक्रम का वाहिनी मुख्यालय में समापन किया गया। उक्त कार्यक्रम के तहत एक सप्ताह से वाहिनी मुख्यालय और समस्त समवायों व सीमा चौकियों के कार्मिकों द्वारा कोष संग्रह किया गया। संग्रह किए गए सहयोग राशि को गृह मंत्रालय के अंतर्गत संस्था राष्ट्रीय सांप्रदायिक सद्भाव संस्थान को भेजा जाएगा। उक्त बातों की जानकारी देते हुए वाहिनी के उप कमान्डेंट दुर्गा प्रसाद यादव ने बताया कि सभी को इस नेक कार्यक्रम में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए। इस राशि का उपयोग सांप्रदायिक,जातीय या आतंकवादी हिंसा में हुए अनाथ और निराधार बच्चों की सहायता प्रदान करने हेतु किया जाता है। संग्रहित राशि को नेशनल फाउंडेशन फॉर कम्युनल हारमोनी को सुपुर्द किया जाएगा, जो 19 फ़रवरी 1992 को सोसायटी पंजीकरण अधिनियम 1860 के तहत स्थापित की गई थी और यह सांप्रदायिक हिंसा के पीड़ितों की मदद करने और उनके पुनर्वास के लिए कार्य करती हैं तथा परियोजना “असिष्ट” के तहत यह सांप्रदायिक हिंसा के कारण पीड़ित बच्चों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है।
कार्यक्रम के दौरान सहायक कमान्डेंट (संचार) सुनील कुमार, निरीक्षक शंकर कुमार मंडल, उप निरीक्षक (संचार) दिनकर कुमार मिश्रा, उप निरीक्षक(मंत्रा.) राज कुमार मंडल, मुख्य आरक्षी अजीत सिंह, आरक्षी संगम राजभर सहित बल के अन्य कार्मिक उपस्थित थे।
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