गोवर्धन पूजा दीपावली के अगले दिन यानी कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है। लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। इस वजह से यह पूजा दीपावली के तीसरे दिन यानी 26 अक्टूबर को मनाई गई। पंडित धर्मेंद्रनाथ शास्त्री ने बताया कि इस बार महिलाएं दिवाली के दूसरे दिन बुधवार को गोधन बनाकर गुरुवार की प्रातः बेला में गोधनकूट यानी की अन्नकूट की उसके बाद गोधन बाबा के पास से बजरी छोड़कर अपने-अपने भाइयों को खिलाकर उसके लंबी उम्र की कामना की। उन्होंने बताया कि अमूमन गोधन कूट पर्व के बाद से शादी विवाह का लग्न शुरू हो जाता है। लेकिन इस वर्ष ग्रहण लगने तथा ग्रहों के इधर-उधर होने के चलते मांगलिक कार्यों की शुरुआत एकादशी पर्व से शुरू होंगे। शादी विवाह आदि का कार्य 25 नवंबर से ही शुरू होंगे।
सारस न्यूज टीम, किशनगंज।
गोवर्धन पूजा दीपावली के अगले दिन यानी कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है। लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। इस वजह से यह पूजा दीपावली के तीसरे दिन यानी 26 अक्टूबर को मनाई गई। पंडित धर्मेंद्रनाथ शास्त्री ने बताया कि इस बार महिलाएं दिवाली के दूसरे दिन बुधवार को गोधन बनाकर गुरुवार की प्रातः बेला में गोधनकूट यानी की अन्नकूट की उसके बाद गोधन बाबा के पास से बजरी छोड़कर अपने-अपने भाइयों को खिलाकर उसके लंबी उम्र की कामना की। उन्होंने बताया कि अमूमन गोधन कूट पर्व के बाद से शादी विवाह का लग्न शुरू हो जाता है। लेकिन इस वर्ष ग्रहण लगने तथा ग्रहों के इधर-उधर होने के चलते मांगलिक कार्यों की शुरुआत एकादशी पर्व से शुरू होंगे। शादी विवाह आदि का कार्य 25 नवंबर से ही शुरू होंगे।
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