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41वीं बटालियन एसएसबी ने नेपाल सीमा के रास्ते भारत में अवैध रूप से प्रवेश करने का प्रयास कर रहे बांग्लादेशी नागरिक को पकड़ा।

सारस न्यूज़, किशनगंज।


नेपाल के रास्ते भारत में अवैध रूप से प्रवेश की कोशिश कर रहे एक बांग्लादेशी युवक को सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) की 41वीं बटालियन ने हिरासत में ले लिया है। यह कार्रवाई एसएसबी की सी कंपनी के विशेष गश्ती दल ने एक खुफिया सूचना के आधार पर की। आरोपी को भारत-नेपाल अंतरराष्ट्रीय सीमा के निकट सीमा स्तंभ संख्या 90/1 के पास उस वक्त पकड़ा गया, जब वह भारतीय क्षेत्र में लगभग 800 मीटर अंदर घुस आया था। यह इलाका बीओपी पानीटंकी के कार्यक्षेत्र में आता है।

एसएसबी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, पकड़े गए युवक की पहचान मोहम्मद रेडॉय खान (26), पिता मिलन मेआ, निवासी पटिकाबारी दोहोरशोइला, थाना लालपुर, जिला नाटोरे, बांग्लादेश के रूप में हुई है।

प्रारंभिक पूछताछ में युवक ने बताया कि वह वैध पासपोर्ट और वीजा के साथ 12 नवंबर 2024 को हवाई मार्ग से नेपाल पहुंचा था और काठमांडू के थमेल इलाके स्थित याशिन होटल में रुका था, जहां करीब 20-25 अन्य बांग्लादेशी नागरिक भी रह रहे थे। उसका उद्देश्य सर्बिया जाना था, जिसके लिए उसने इमरान नामक व्यक्ति से संपर्क किया। इमरान ने उसका पासपोर्ट लेकर सर्बिया वीजा दिलाने का वादा किया, लेकिन बाद में पासपोर्ट लौटाने से इनकार कर दिया और पैसे की मांग करने लगा।

नेपाल में फंसे मोहम्मद रेडॉय की मुलाकात एक नेपाली युवती अरुणा मगर (उम्र 19) से हुई, जो थमेल के एक स्पा सेंटर में काम करती है। दोनों के बीच रिश्ते की बात सामने आई है। इसी दौरान वह भारत के एक युवक ‘राजेश’ के संपर्क में आया, जिससे उसकी पहचान एक मोबाइल गेम ‘फ्री फायर’ के जरिए हुई थी। राजेश ने ही उसे भारत आने के लिए प्रेरित किया और यात्रा खर्च के रूप में 2000 नेपाली रुपये भेजे।

13 मई को रेडॉय काठमांडू से बस में सवार होकर काकरविट्टा पहुंचा, जहां से एक नेपाली गाइड उसे सीमा पार कर पानीटंकी बाजार में छोड़ गया। वहीं एसएसबी ने पहले से मिली सूचना के आधार पर उसे पानीटंकी बस स्टैंड के पास से पकड़ लिया।

जांच के दौरान युवक के पास से कोई भी संदिग्ध वस्तु, हथियार या दस्तावेज बरामद नहीं हुआ। हालांकि, अपनी मां के मोबाइल नंबर के माध्यम से उसने अपने पासपोर्ट और जन्म प्रमाण पत्र की तस्वीरें दिखाकर अपनी पहचान की पुष्टि की।

पूछताछ में रेडॉय ने बताया कि उसका इरादा भारत में 2-3 दिन रुकने के बाद नेपाल लौटने का था। एसएसबी का मानना है कि यह मामला सिर्फ अवैध प्रवेश का नहीं, बल्कि सीमा पार अपराधों, फर्जी दस्तावेज, ऑनलाइन गेमिंग के जरिए संदिग्ध संपर्क, और नेपाल के जरिए मानव तस्करी नेटवर्क की गहराई को दर्शाता है।

फिलहाल संदिग्ध को संयुक्त पूछताछ के बाद दार्जिलिंग जिले के खोरीबाड़ी थाने को सौंपने की प्रक्रिया चल रही है। साथ ही मामले से जुड़ी विस्तृत जानकारी अन्य खुफिया एजेंसियों से साझा की गई है ताकि पूरे नेटवर्क को उजागर कर कार्रवाई की जा सके।

एसएसबी ने स्पष्ट किया है कि वह भारत-नेपाल सीमा पर हर प्रकार की अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए पूरी तरह सतर्क है।


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