• Tue. Sep 16th, 2025

Saaras News - सारस न्यूज़ - चुन - चुन के हर खबर, ताकि आप न रहें बेखबर

जिले के सदर अस्पताल स्थित एसएनसीयू में एक दिन की नन्ही परी को मिला जीवनदान।

राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।

एसएनसीयू, शिशु मृत्यु दर में कमी लाने में साबित हो रहा मील का पत्थर

पहले स्वास्थ्य विभाग को लेकर लोगों में नकारात्मक सोच हुआ करती थी, लेकिन अब सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में मिल रही बेहतर सुविधाओं के कारण लोगों की सोच बदल रही है। अब लोग सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं को अपनाने में हिचकिचाते नहीं हैं। केंद्र और राज्य सरकार लगातार स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के लिए प्रयासरत हैं। इन्हीं सेवाओं में से एक है सदर अस्पताल स्थित एसएनसीयू (स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट)। यह यूनिट न केवल सरकारी अस्पताल में जन्म लेने वाले बच्चों के लिए बल्कि निजी अस्पतालों में जन्मे नवजातों के लिए भी जीवनरक्षक साबित हो रही है। लोग अब निजी अस्पतालों के बजाय सरकारी अस्पताल में मौजूद एसएनसीयू पर भरोसा कर रहे हैं।

एसएनसीयू में बची एक नन्ही परी की जान

हाल ही में खगड़ा मछ्मारा, वार्ड संख्या 33 की एक दिन की नन्ही परी को एसएनसीयू की बदौलत नया जीवन मिला। जन्म के समय इस मासूम का वजन केवल 1 किलो था और निजी क्लिनिक के डॉक्टरों ने बच्ची के जीवित रहने की संभावना को नकार दिया था, क्योंकि उसका ऑक्सीजन लेवल और वजन बहुत कम था। 31 अगस्त को बच्ची को नाजुक हालत में सदर अस्पताल स्थित एसएनसीयू में भर्ती कराया गया। एसएनसीयू के डॉक्टरों ने हार नहीं मानी और लगातार प्रयास किया। 19 सितंबर को बच्ची पूरी तरह स्वस्थ होकर घर लौटी। एसएनसीयू के नोडल अधिकारी डॉ. नवीन कुमार ने बताया कि बच्ची प्रीमेच्योर थी, लेकिन टीम के समर्पण और इलाज के कारण उसकी जान बचाई जा सकी। अब वह पूरी तरह स्वस्थ है। बच्ची के पिता रहीम अंसारी ने एसएनसीयू के प्रयासों के लिए आभार व्यक्त किया।

शिशु मृत्यु दर में कमी लाने में मील का पत्थर साबित हो रहा एसएनसीयू

सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त एसएनसीयू शिशु मृत्यु दर में कमी लाने में मील का पत्थर साबित हो रहा है। इस यूनिट में प्रति माह लगभग 50 नवजातों का इलाज किया जा रहा है और उन्हें समय से पहले होने वाली मौतों से बचाया जा रहा है। एसएनसीयू वार्ड में 0 से 28 दिन तक के नवजातों को भर्ती किया जाता है। यूनिट में 24 घंटे डॉक्टर और स्टाफ नर्स मौजूद रहते हैं, जो नवजातों की सेवा में तत्पर रहते हैं। एसएनसीयू में 12 बेड की व्यवस्था है और इसमें विशेषज्ञ चिकित्सक सहित 3 डॉक्टर और स्टाफ नर्स तैनात हैं। रेडियंट वॉर्मर, ऑक्सीजन की सुविधा और पीलिया से पीड़ित नवजातों के लिए फोटोथैरेपी जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं।

एसएनसीयू में उपलब्ध सुविधाएं

  • शिशुओं को गर्म रखने के लिए रेडियंट वार्मर
  • पीलिया के इलाज के लिए फोटोथैरेपी यूनिट
  • नवजातों के एक्स-रे के लिए पोर्टेबल एक्स-रे यूनिट
  • ऑक्सीजन देने के लिए ऑक्सीजन यूनिट

एसएनसीयू में भर्ती होने वाले नवजात

  • 1800 ग्राम या इससे कम वजन के नवजात
  • 34 सप्ताह से पहले जन्मे बच्चे
  • जन्म के समय गंभीर बीमारी (जैसे पीलिया) से ग्रसित नवजात
  • जन्म के समय श्वसन समस्या
  • हाइपोथर्मिया (अत्यधिक ठंड)
  • नवजात में रक्तस्राव की समस्या
  • जन्मजात दोष (कंजेनिटल डिफेक्ट्स)

एसएनसीयू जिले में शिशु स्वास्थ्य को बेहतर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, जिससे शिशु मृत्यु दर में लगातार कमी आ रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *