किशनगंज विधानसभा चुनाव का मतदान मंगलवार को शांतिपूर्वक संपन्न हो गया। इसके साथ ही अब जीत-हार को लेकर राजनीतिक चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। एनडीए, इंडिया गठबंधन, एआईएमआईएम सहित स्वतंत्र प्रत्याशियों के समर्थक अपने-अपने उम्मीदवार की जीत को लेकर विभिन्न गणितीय आंकड़ों के आधार पर दावे करते नजर आए।
कई जगह इन दावों को लेकर हल्की नोकझोंक और बहसें भी होती रहीं। मतदान समाप्त होते ही प्रत्याशियों के कार्यकर्ता दूसरे विधानसभा क्षेत्रों और प्रखंडों में पड़े मतों की जानकारी जुटाने में सक्रिय दिखे, ताकि उसी आधार पर अपनी जीत का दावा मजबूत कर सकें।
स्थानीय कहावत “छै जे पानी में माछ आ नौ-नौ कुटिया, बखड़ा, जीत भेने बुझबइ” (मतलब—परिणाम आने से पहले ही जीत-हार पर बहस) की तरह, हर दल और प्रत्याशी अपनी-अपनी जीत सुनिश्चित मानकर आत्मसंतुष्टि में जुटा हुआ है।
जीत का सेहरा आखिर किसके सिर सजेगा, यह 14 नवंबर को मतगणना के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा।
राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।
किशनगंज विधानसभा चुनाव का मतदान मंगलवार को शांतिपूर्वक संपन्न हो गया। इसके साथ ही अब जीत-हार को लेकर राजनीतिक चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। एनडीए, इंडिया गठबंधन, एआईएमआईएम सहित स्वतंत्र प्रत्याशियों के समर्थक अपने-अपने उम्मीदवार की जीत को लेकर विभिन्न गणितीय आंकड़ों के आधार पर दावे करते नजर आए।
कई जगह इन दावों को लेकर हल्की नोकझोंक और बहसें भी होती रहीं। मतदान समाप्त होते ही प्रत्याशियों के कार्यकर्ता दूसरे विधानसभा क्षेत्रों और प्रखंडों में पड़े मतों की जानकारी जुटाने में सक्रिय दिखे, ताकि उसी आधार पर अपनी जीत का दावा मजबूत कर सकें।
स्थानीय कहावत “छै जे पानी में माछ आ नौ-नौ कुटिया, बखड़ा, जीत भेने बुझबइ” (मतलब—परिणाम आने से पहले ही जीत-हार पर बहस) की तरह, हर दल और प्रत्याशी अपनी-अपनी जीत सुनिश्चित मानकर आत्मसंतुष्टि में जुटा हुआ है।
जीत का सेहरा आखिर किसके सिर सजेगा, यह 14 नवंबर को मतगणना के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा।
Leave a Reply