राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।
किशनगंज में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया। यह कार्यक्रम अंबेडकर टाउन हॉल के समीप जिला अध्यक्ष मोहम्मद नसीम अख्तर की अध्यक्षता में आयोजित हुआ।
धरना स्थल पर कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को देखते हुए निर्वाचन आयोग ने केंद्र सरकार के दबाव में जल्दबाज़ी में यह प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिससे आम जनता के साथ-साथ सरकारी तंत्र भी असमंजस की स्थिति में है।
जिला अध्यक्ष नसीम अख्तर ने कहा कि पहले निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची से जुड़े 11 दस्तावेज जारी किए थे, जिनमें आधार कार्ड, राशन कार्ड और पैन कार्ड जैसे महत्वपूर्ण कागजात शामिल नहीं किए गए थे। लेकिन अब मतदाता सूची से जुड़ाव साबित करने के लिए आधार कार्ड की मांग की जा रही है। “स्थिति यह है कि आयोग की ओर से अलग-अलग स्तर पर विरोधाभासी निर्देश दिए जा रहे हैं, जिससे मतदाताओं में भारी भ्रम की स्थिति बनी हुई है,” उन्होंने कहा।
धरना प्रदर्शन के दौरान वक्ताओं ने यह भी बताया कि समय की कमी के कारण मतदाताओं से पहले इम्यूनरेशन फार्म भरवा लिए गए, लेकिन अब ड्राफ्ट रोल प्रकाशित होने के बाद अतिरिक्त दस्तावेजों की मांग की जा रही है। इससे बड़ी संख्या में आवेदन लंबित पड़े हैं। सिर्फ किशनगंज प्रखंड में ही जाति, निवास और पारिवारिक प्रमाण पत्र के लगभग 20 से 25 हजार मामले अटके हुए हैं।
एआईएमआईएम नेताओं का कहना है कि इस प्रक्रिया के चलते बड़ी संख्या में सही मतदाताओं के नाम अंतिम सूची से कटने की संभावना है। उन्होंने चेतावनी दी कि मतदाता सूची की शुद्धता सुनिश्चित करना निर्वाचन आयोग की जिम्मेदारी है और किसी भी वास्तविक मतदाता का नाम छूटना नहीं चाहिए।
इसके अलावा पार्टी कार्यकर्ताओं ने जिले की अन्य समस्याओं जैसे—नदियों के कटाव, दाखिल-खारिज में भ्रष्टाचार और खराब सड़कों के मुद्दे भी उठाए।
धरना में सर्वसम्मति से मांग की गई कि जल्द से जल्द विशेष कैंप लगाकर आरटीपीएस सेवा के माध्यम से सभी लंबित प्रमाण पत्र जारी किए जाएं। साथ ही घोषणा की गई कि यदि 20 अगस्त 2025 तक सभी लंबित मामलों का निपटारा नहीं हुआ, तो एआईएमआईएम कार्यकर्ता प्रखंड मुख्यालय पर आमरण अनशन करने को बाध्य होंगे।