बच्चों और गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण की जानकारी अब पोर्टल पर दर्ज, डिजिटल प्रमाण पत्र मोबाइल पर तुरंत मिलेगा, कार्यक्रम की सफलता के लिए आशा दीदियों को दिया जा रहा प्रशिक्षण।
टीकाकरण एक ऐसी प्रक्रिया है, जो जीवनभर की सुरक्षा प्रदान करती है। यह न केवल बीमारियों से बचाव करता है, बल्कि समाज में बीमारियों के प्रसार को भी रोकता है। गर्भवती महिलाओं और बच्चों का टीकाकरण उन्हें कई खतरनाक बीमारियों से बचाता है, जिनमें पोलियो, खसरा, काली खाँसी, टेटनस और हेपेटाइटिस जैसी बीमारियाँ शामिल हैं। इन बीमारियों से बचाव के लिए समय पर टीका लगवाना अत्यंत आवश्यक है। स्वास्थ्य विभाग ने इस दिशा में एक नई डिजिटल पहल की शुरुआत की है, जिसके तहत अब गर्भवती महिलाओं और बच्चों के टीकाकरण की जानकारी पूरी तरह से ऑनलाइन दर्ज की जाएगी। ‘यू विन’ (U-WIN) पोर्टल और एप्लिकेशन का उद्देश्य टीकाकरण प्रक्रिया को सरल, पारदर्शी और सुलभ बनाना है। यह पहल उन परिवारों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जो अपने बच्चों और गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित रहते हैं और जिन्हें समय पर सही जानकारी और सेवाएँ प्राप्त करने में कठिनाई होती है। इस कार्यक्रम की सफलता सुनिश्चित करने के लिए डब्लूएचओ, गावी, और स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से सभी आशा दीदियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ताकि नियमित टीकाकरण में शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया जा सके।
डिजिटल टीकाकरण का महत्व
टीकाकरण का उद्देश्य केवल बीमारियों से बचाव करना नहीं है, बल्कि यह देश के स्वास्थ्य ढांचे को भी सुदृढ़ बनाता है। जब बच्चे और गर्भवती महिलाएं टीकाकरण प्राप्त करते हैं, तो न केवल वे खुद सुरक्षित होते हैं, बल्कि समाज में भी बीमारियों का प्रसार रुकता है। हालांकि, टीकाकरण की प्रक्रिया में कई बार जानकारी की कमी के कारण लोग छूट जाते हैं या फिर समय पर टीका नहीं लगवा पाते। इस समस्या के समाधान हेतु स्वास्थ्य विभाग ने ‘यू विन’ पोर्टल और एप की शुरुआत की है।
यू विन पोर्टल और एप का कामकाज
‘यू विन’ पोर्टल और एप एक डिजिटल प्लेटफार्म है, जो गर्भवती महिलाओं और बच्चों के टीकाकरण की पूरी जानकारी को ऑनलाइन दर्ज करने की सुविधा प्रदान करता है। टीकाकरण के तुरंत बाद संबंधित गर्भवती महिला या बच्चे को एक डिजिटल प्रमाण पत्र प्राप्त होगा, जिसे वे अपने मोबाइल फोन पर देख सकते हैं। यह प्रमाण पत्र न केवल टीकाकरण का प्रमाण होगा, बल्कि इसके माध्यम से टीका लगने और भविष्य में लगने वाले टीकों की जानकारी भी प्राप्त होगी।
आसान और सुलभ टीकाकरण
डीआईओ डॉ. देवेंद्र ने बताया कि इस पोर्टल की विशेषता यह है कि गर्भवती महिलाएं और बच्चे देश के किसी भी हिस्से में जाकर अपना टीकाकरण करवा सकते हैं। ‘यू विन’ पोर्टल पर दर्ज जानकारी के माध्यम से संबंधित स्वास्थ्य केंद्र के कर्मियों को गर्भवती महिला या बच्चे का पूरा टीकाकरण इतिहास प्राप्त हो जाएगा, जिससे किसी भी तरह की जानकारी की कमी नहीं रहेगी। यह सुविधा उन परिवारों के लिए अत्यंत लाभकारी है, जो नौकरी या अन्य कारणों से अक्सर एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाते हैं। यह पहल समाज के हर तबके के लिए लाभकारी है, खासकर उन परिवारों के लिए, जो समय पर स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ नहीं उठा पाते। एप के माध्यम से गर्भवती महिलाएं और माताएं अपने मोबाइल फोन पर टीकाकरण की पूरी समय-सारणी देख सकती हैं। अलग-अलग अंतराल पर लगने वाले टीकों की जानकारी इस एप पर दर्ज होती है, जिससे उन्हें पता चलता है कि किस समय कौन सा टीका लगना है।
स्वास्थ्य कर्मियों के लिए सुविधा
प्रशिक्षण के माध्यम से जिले की आशा दीदियों को ‘यू विन’ पोर्टल का उपयोग सिखाया जा रहा है, जिससे स्वास्थ्य कर्मियों को टीकाकरण प्रक्रिया में आसानी होती है। हर गर्भवती महिला और बच्चे का पंजीकरण, टीकाकरण, प्रसव समय और नवजात शिशु के जन्म का पंजीकरण और टीकाकरण रिकॉर्ड ऑनलाइन दर्ज होता है। इससे स्वास्थ्य कर्मियों को किसी भी जानकारी को प्राप्त करने और उसे अपडेट करने में आसानी होती है।
डिजिटल प्लेटफार्म का उपयोग
सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि आज के समय में, जब लगभग हर व्यक्ति के पास स्मार्टफोन है, ‘यू विन’ जैसे एप्लिकेशन का उपयोग टीकाकरण की प्रक्रिया को और भी आसान बना सकता है। यह एक ऐसा माध्यम है, जिससे लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर अधिक जागरूक हो सकते हैं और समय पर सही कदम उठा सकते हैं। गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए यह एप्लिकेशन एक वरदान साबित हो सकता है। यह सुनिश्चित करता है कि टीकाकरण का कोई भी चरण न छूटे और हर टीका समय पर लगाया जाए। इसके साथ ही, यह भी सुनिश्चित करता है कि टीकाकरण के बाद महिलाओं और बच्चों को किसी भी तरह की जटिलता का सामना न करना पड़े। स्वास्थ्य विभाग द्वारा शुरू की गई ‘यू विन’ एप और पोर्टल की यह पहल न केवल टीकाकरण प्रक्रिया को आसान बनाती है, बल्कि यह डिजिटल युग में स्वास्थ्य सेवाओं की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके माध्यम से, गर्भवती महिलाओं और बच्चों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएँ मिलेंगी, जिससे उनका स्वास्थ्य और जीवन दोनों सुरक्षित रहेंगे।
राहुल कुमार, सारस न्यूज, किशनगंज।
टीकाकरण एक ऐसी प्रक्रिया है, जो जीवनभर की सुरक्षा प्रदान करती है। यह न केवल बीमारियों से बचाव करता है, बल्कि समाज में बीमारियों के प्रसार को भी रोकता है। गर्भवती महिलाओं और बच्चों का टीकाकरण उन्हें कई खतरनाक बीमारियों से बचाता है, जिनमें पोलियो, खसरा, काली खाँसी, टेटनस और हेपेटाइटिस जैसी बीमारियाँ शामिल हैं। इन बीमारियों से बचाव के लिए समय पर टीका लगवाना अत्यंत आवश्यक है। स्वास्थ्य विभाग ने इस दिशा में एक नई डिजिटल पहल की शुरुआत की है, जिसके तहत अब गर्भवती महिलाओं और बच्चों के टीकाकरण की जानकारी पूरी तरह से ऑनलाइन दर्ज की जाएगी। ‘यू विन’ (U-WIN) पोर्टल और एप्लिकेशन का उद्देश्य टीकाकरण प्रक्रिया को सरल, पारदर्शी और सुलभ बनाना है। यह पहल उन परिवारों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जो अपने बच्चों और गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित रहते हैं और जिन्हें समय पर सही जानकारी और सेवाएँ प्राप्त करने में कठिनाई होती है। इस कार्यक्रम की सफलता सुनिश्चित करने के लिए डब्लूएचओ, गावी, और स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से सभी आशा दीदियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ताकि नियमित टीकाकरण में शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया जा सके।
डिजिटल टीकाकरण का महत्व
टीकाकरण का उद्देश्य केवल बीमारियों से बचाव करना नहीं है, बल्कि यह देश के स्वास्थ्य ढांचे को भी सुदृढ़ बनाता है। जब बच्चे और गर्भवती महिलाएं टीकाकरण प्राप्त करते हैं, तो न केवल वे खुद सुरक्षित होते हैं, बल्कि समाज में भी बीमारियों का प्रसार रुकता है। हालांकि, टीकाकरण की प्रक्रिया में कई बार जानकारी की कमी के कारण लोग छूट जाते हैं या फिर समय पर टीका नहीं लगवा पाते। इस समस्या के समाधान हेतु स्वास्थ्य विभाग ने ‘यू विन’ पोर्टल और एप की शुरुआत की है।
यू विन पोर्टल और एप का कामकाज
‘यू विन’ पोर्टल और एप एक डिजिटल प्लेटफार्म है, जो गर्भवती महिलाओं और बच्चों के टीकाकरण की पूरी जानकारी को ऑनलाइन दर्ज करने की सुविधा प्रदान करता है। टीकाकरण के तुरंत बाद संबंधित गर्भवती महिला या बच्चे को एक डिजिटल प्रमाण पत्र प्राप्त होगा, जिसे वे अपने मोबाइल फोन पर देख सकते हैं। यह प्रमाण पत्र न केवल टीकाकरण का प्रमाण होगा, बल्कि इसके माध्यम से टीका लगने और भविष्य में लगने वाले टीकों की जानकारी भी प्राप्त होगी।
आसान और सुलभ टीकाकरण
डीआईओ डॉ. देवेंद्र ने बताया कि इस पोर्टल की विशेषता यह है कि गर्भवती महिलाएं और बच्चे देश के किसी भी हिस्से में जाकर अपना टीकाकरण करवा सकते हैं। ‘यू विन’ पोर्टल पर दर्ज जानकारी के माध्यम से संबंधित स्वास्थ्य केंद्र के कर्मियों को गर्भवती महिला या बच्चे का पूरा टीकाकरण इतिहास प्राप्त हो जाएगा, जिससे किसी भी तरह की जानकारी की कमी नहीं रहेगी। यह सुविधा उन परिवारों के लिए अत्यंत लाभकारी है, जो नौकरी या अन्य कारणों से अक्सर एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाते हैं। यह पहल समाज के हर तबके के लिए लाभकारी है, खासकर उन परिवारों के लिए, जो समय पर स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ नहीं उठा पाते। एप के माध्यम से गर्भवती महिलाएं और माताएं अपने मोबाइल फोन पर टीकाकरण की पूरी समय-सारणी देख सकती हैं। अलग-अलग अंतराल पर लगने वाले टीकों की जानकारी इस एप पर दर्ज होती है, जिससे उन्हें पता चलता है कि किस समय कौन सा टीका लगना है।
स्वास्थ्य कर्मियों के लिए सुविधा
प्रशिक्षण के माध्यम से जिले की आशा दीदियों को ‘यू विन’ पोर्टल का उपयोग सिखाया जा रहा है, जिससे स्वास्थ्य कर्मियों को टीकाकरण प्रक्रिया में आसानी होती है। हर गर्भवती महिला और बच्चे का पंजीकरण, टीकाकरण, प्रसव समय और नवजात शिशु के जन्म का पंजीकरण और टीकाकरण रिकॉर्ड ऑनलाइन दर्ज होता है। इससे स्वास्थ्य कर्मियों को किसी भी जानकारी को प्राप्त करने और उसे अपडेट करने में आसानी होती है।
डिजिटल प्लेटफार्म का उपयोग
सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि आज के समय में, जब लगभग हर व्यक्ति के पास स्मार्टफोन है, ‘यू विन’ जैसे एप्लिकेशन का उपयोग टीकाकरण की प्रक्रिया को और भी आसान बना सकता है। यह एक ऐसा माध्यम है, जिससे लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर अधिक जागरूक हो सकते हैं और समय पर सही कदम उठा सकते हैं। गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए यह एप्लिकेशन एक वरदान साबित हो सकता है। यह सुनिश्चित करता है कि टीकाकरण का कोई भी चरण न छूटे और हर टीका समय पर लगाया जाए। इसके साथ ही, यह भी सुनिश्चित करता है कि टीकाकरण के बाद महिलाओं और बच्चों को किसी भी तरह की जटिलता का सामना न करना पड़े। स्वास्थ्य विभाग द्वारा शुरू की गई ‘यू विन’ एप और पोर्टल की यह पहल न केवल टीकाकरण प्रक्रिया को आसान बनाती है, बल्कि यह डिजिटल युग में स्वास्थ्य सेवाओं की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके माध्यम से, गर्भवती महिलाओं और बच्चों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएँ मिलेंगी, जिससे उनका स्वास्थ्य और जीवन दोनों सुरक्षित रहेंगे।