महिला संवाद कार्यक्रम में रोजगार एवं स्वरोजगार के क्षेत्र में प्रशिक्षण से जुड़ी आकांक्षाएं व्यक्त की जा रही हैं। खाद्य प्रसंस्करण, कंप्यूटर, मोबाइल रिपेयरिंग, टेलरिंग, ब्यूटी पार्लर इत्यादि क्षेत्रों से जुड़े प्रशिक्षण संस्थान खोलने की बातें कही गईं। ठाकुरगंज प्रखंड के बेसरबाटी पंचायत की नफीसा बेगम ने विभिन्न ट्रेड में प्रशिक्षण संस्थान खोलने की आकांक्षा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इससे हमें बाहर जाकर प्रशिक्षण लेने और रोजगार करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। स्थानीय स्तर पर रोजगार व स्वरोजगार के अवसर बढ़ेंगे। जिला, प्रखंड स्तर पर प्रशिक्षण संस्थान खुलने से युवक-युवतियों को आगे बढ़ने में सहूलियत होगी। महिला संवाद कार्यक्रम, महिलाओं को सशक्त बनाने और उनकी आवाज़ को नीति निर्माण में शामिल करने की दिशा में कारगर सिद्ध हो रहा है। इस पहल से महिलाओं को सरकारी योजनाओं की जानकारी मिल रही है।
साथ ही वे अपनी समस्याओं, सुझावों व आकांक्षाओं को सीधे संबंधित विभाग तक पहुंचा रही हैं। महिला संवाद कार्यक्रम में महिलाओं ने सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी पेंशन राशि में वृद्धि, छात्रावास, सोलर लाइट्स, बालिकाओं के लिए कॉलेज, स्थानीय स्तर पर रोजगार, परिवहन, कृषि प्रशिक्षण सेंटर, अन्न भंडारण केंद्र जैसी मांगें उठाईं। इसके अलावा पर्यावरण संवर्धन, जल संरक्षण, जल निकासी, सोख्ता, प्रखंड स्तर पर आधुनिक स्वास्थ्य व पोषण सेवा सुविधा की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया। किशनगंज सदर प्रखंड के चकला पंचायत की चमेली देवी ने महिला संवाद कार्यक्रम में अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि वे स्वरोजगार कर रही हैं। घर पर किराना दुकान चलाती हैं। महीने में बीस हजार रुपये से अधिक की आमदनी हो जाती है। वे बताती हैं कि मेधा जीविका स्वयं सहायता समूह से ऋण लेकर किराना दुकान शुरू की। बच्चों को शिक्षित कर रही हैं। परिवार का भरण-पोषण कर रही हैं। जीविका स्वयं सहायता समूह से जुड़ कर आगे बढ़ने में सहूलियत हुई है। सरकार की इस पहल से महिलाएं सशक्त हो रही हैं।
राहुल कुमार, सारस न्यूज, किशनगंज।
महिला संवाद कार्यक्रम में रोजगार एवं स्वरोजगार के क्षेत्र में प्रशिक्षण से जुड़ी आकांक्षाएं व्यक्त की जा रही हैं। खाद्य प्रसंस्करण, कंप्यूटर, मोबाइल रिपेयरिंग, टेलरिंग, ब्यूटी पार्लर इत्यादि क्षेत्रों से जुड़े प्रशिक्षण संस्थान खोलने की बातें कही गईं। ठाकुरगंज प्रखंड के बेसरबाटी पंचायत की नफीसा बेगम ने विभिन्न ट्रेड में प्रशिक्षण संस्थान खोलने की आकांक्षा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इससे हमें बाहर जाकर प्रशिक्षण लेने और रोजगार करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। स्थानीय स्तर पर रोजगार व स्वरोजगार के अवसर बढ़ेंगे। जिला, प्रखंड स्तर पर प्रशिक्षण संस्थान खुलने से युवक-युवतियों को आगे बढ़ने में सहूलियत होगी। महिला संवाद कार्यक्रम, महिलाओं को सशक्त बनाने और उनकी आवाज़ को नीति निर्माण में शामिल करने की दिशा में कारगर सिद्ध हो रहा है। इस पहल से महिलाओं को सरकारी योजनाओं की जानकारी मिल रही है।
साथ ही वे अपनी समस्याओं, सुझावों व आकांक्षाओं को सीधे संबंधित विभाग तक पहुंचा रही हैं। महिला संवाद कार्यक्रम में महिलाओं ने सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी पेंशन राशि में वृद्धि, छात्रावास, सोलर लाइट्स, बालिकाओं के लिए कॉलेज, स्थानीय स्तर पर रोजगार, परिवहन, कृषि प्रशिक्षण सेंटर, अन्न भंडारण केंद्र जैसी मांगें उठाईं। इसके अलावा पर्यावरण संवर्धन, जल संरक्षण, जल निकासी, सोख्ता, प्रखंड स्तर पर आधुनिक स्वास्थ्य व पोषण सेवा सुविधा की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया। किशनगंज सदर प्रखंड के चकला पंचायत की चमेली देवी ने महिला संवाद कार्यक्रम में अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि वे स्वरोजगार कर रही हैं। घर पर किराना दुकान चलाती हैं। महीने में बीस हजार रुपये से अधिक की आमदनी हो जाती है। वे बताती हैं कि मेधा जीविका स्वयं सहायता समूह से ऋण लेकर किराना दुकान शुरू की। बच्चों को शिक्षित कर रही हैं। परिवार का भरण-पोषण कर रही हैं। जीविका स्वयं सहायता समूह से जुड़ कर आगे बढ़ने में सहूलियत हुई है। सरकार की इस पहल से महिलाएं सशक्त हो रही हैं।
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