किशनगंज शहर के सुभाष पल्ली काजलमुनि स्थित राहत संस्था कार्यालय में राहत संस्था के कर्मियों की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता संस्था की सचिव डॉ. फरजाना बेगम ने की। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य बाल विवाह, बाल मजदूरी, बालिका शिक्षा और सरकार द्वारा दी जा रही विभिन्न योजनाओं के प्रति जागरूकता फैलाना था।
बैठक में डॉ. फरजाना बेगम ने कहा कि बाल विवाह और बाल मजदूरी जैसी सामाजिक कुरीतियों को समाप्त करना हम सभी की जिम्मेदारी है। यदि किसी भी क्षेत्र में बाल विवाह की सूचना मिले, तो उसका विरोध किया जाए और परिवार को इसके दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक किया जाए। उन्होंने कहा, “बाल विवाह मुक्त भारत बनाना हमारा लक्ष्य है।”
बाल मजदूरी पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि यदि किसी भी दुकान, होटल, ईंट भट्ठे या अन्य स्थानों पर बाल श्रमिक दिखाई दें, तो तत्काल इसकी सूचना संबंधित अधिकारियों को दें और समाज में इसके प्रति जागरूकता फैलाएं।
बालिका शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि विद्यालयों में जाकर यह सुनिश्चित करें कि बालिकाएं नियमित रूप से स्कूल आ रही हैं या नहीं। यदि कोई बच्ची विद्यालय नहीं जा रही है, तो उसके घर जाकर उसके परिजनों को शिक्षा के महत्व के बारे में समझाएं। उन्होंने कहा, “हर बालिका को शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार है, और इसे सुनिश्चित करना समाज की जिम्मेदारी है।”
अंत में उन्होंने राहत संस्था के कर्मियों से आग्रह किया कि वे केंद्र एवं बिहार सरकार द्वारा चलाई जा रही लाभकारी योजनाओं की जानकारी आम जनता तक पहुंचाएं, ताकि अधिक से अधिक लोग इनका लाभ उठा सकें।
राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।
किशनगंज शहर के सुभाष पल्ली काजलमुनि स्थित राहत संस्था कार्यालय में राहत संस्था के कर्मियों की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता संस्था की सचिव डॉ. फरजाना बेगम ने की। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य बाल विवाह, बाल मजदूरी, बालिका शिक्षा और सरकार द्वारा दी जा रही विभिन्न योजनाओं के प्रति जागरूकता फैलाना था।
बैठक में डॉ. फरजाना बेगम ने कहा कि बाल विवाह और बाल मजदूरी जैसी सामाजिक कुरीतियों को समाप्त करना हम सभी की जिम्मेदारी है। यदि किसी भी क्षेत्र में बाल विवाह की सूचना मिले, तो उसका विरोध किया जाए और परिवार को इसके दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक किया जाए। उन्होंने कहा, “बाल विवाह मुक्त भारत बनाना हमारा लक्ष्य है।”
बाल मजदूरी पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि यदि किसी भी दुकान, होटल, ईंट भट्ठे या अन्य स्थानों पर बाल श्रमिक दिखाई दें, तो तत्काल इसकी सूचना संबंधित अधिकारियों को दें और समाज में इसके प्रति जागरूकता फैलाएं।
बालिका शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि विद्यालयों में जाकर यह सुनिश्चित करें कि बालिकाएं नियमित रूप से स्कूल आ रही हैं या नहीं। यदि कोई बच्ची विद्यालय नहीं जा रही है, तो उसके घर जाकर उसके परिजनों को शिक्षा के महत्व के बारे में समझाएं। उन्होंने कहा, “हर बालिका को शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार है, और इसे सुनिश्चित करना समाज की जिम्मेदारी है।”
अंत में उन्होंने राहत संस्था के कर्मियों से आग्रह किया कि वे केंद्र एवं बिहार सरकार द्वारा चलाई जा रही लाभकारी योजनाओं की जानकारी आम जनता तक पहुंचाएं, ताकि अधिक से अधिक लोग इनका लाभ उठा सकें।
Leave a Reply