उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय, बेलवा काशीपुर में 26 मार्च 2025 को बाल विवाह रोकथाम एवं बाल संरक्षण के उद्देश्य से एक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में शिक्षकों, अभिभावकों, समुदाय के सदस्यों एवं छात्र-छात्राओं ने सक्रिय रूप से भाग लिया। कार्यक्रम की शुरुआत विद्यालय के प्रधानाध्यापक के स्वागत भाषण से हुई, जिसमें उन्होंने बाल विवाह के दुष्प्रभावों पर प्रकाश डाला और इसे रोकने के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर जोर दिया।
इसके बाद, शिक्षिका कुमारी गुड्डी ने बाल विवाह उन्मूलन के लिए विद्यालय में गठित विशेष समिति के कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस समिति में शिक्षक, छात्र-छात्राएँ एवं अभिभावक शामिल हैं, जो बाल विवाह के संभावित मामलों की पहचान कर संबंधित अधिकारियों को सूचित करते हैं एवं समुदाय में जागरूकता फैलाते हैं।
कार्यक्रम के दौरान, छात्राओं द्वारा प्रस्तुत नुक्कड़ नाटक में बाल विवाह के दुष्परिणामों को प्रभावी ढंग से दर्शाया गया। नाटक के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि शिक्षा के माध्यम से लड़कियाँ आत्मनिर्भर बन सकती हैं और उन्हें कम उम्र में विवाह नहीं करना चाहिए।
इसके अतिरिक्त, एक विशेष संवाद सत्र का आयोजन किया गया, जिसमें विशेषज्ञों ने बाल विवाह से जुड़े कानूनी पहलुओं, इसके सामाजिक प्रभावों और इसे रोकने के उपायों पर जानकारी दी। इस सत्र में छात्राओं एवं अभिभावकों ने खुलकर अपने विचार रखे और संकल्प लिया कि वे अपने समुदाय में बाल विवाह रोकने में सक्रिय भूमिका निभाएँगे।
कार्यक्रम के अंत में विद्यालय की छात्राओं ने “बाल विवाह मुक्त समाज” बनाने के लिए शपथ ली, और सभी उपस्थित जनों ने इस सामाजिक बुराई के खिलाफ मिलकर कार्य करने का संकल्प लिया।
यह कार्यक्रम बाल संरक्षण एवं शिक्षा को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम रहा। हमें आशा है कि इस तरह की पहल से समाज में सकारात्मक बदलाव आएगा और बाल विवाह जैसी प्रथाओं को समाप्त करने में सफलता मिलेगी।
शशि कोशी रोक्का, सारस न्यूज़, किशनगंज।
उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय, बेलवा काशीपुर में 26 मार्च 2025 को बाल विवाह रोकथाम एवं बाल संरक्षण के उद्देश्य से एक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में शिक्षकों, अभिभावकों, समुदाय के सदस्यों एवं छात्र-छात्राओं ने सक्रिय रूप से भाग लिया। कार्यक्रम की शुरुआत विद्यालय के प्रधानाध्यापक के स्वागत भाषण से हुई, जिसमें उन्होंने बाल विवाह के दुष्प्रभावों पर प्रकाश डाला और इसे रोकने के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर जोर दिया।
इसके बाद, शिक्षिका कुमारी गुड्डी ने बाल विवाह उन्मूलन के लिए विद्यालय में गठित विशेष समिति के कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस समिति में शिक्षक, छात्र-छात्राएँ एवं अभिभावक शामिल हैं, जो बाल विवाह के संभावित मामलों की पहचान कर संबंधित अधिकारियों को सूचित करते हैं एवं समुदाय में जागरूकता फैलाते हैं।
कार्यक्रम के दौरान, छात्राओं द्वारा प्रस्तुत नुक्कड़ नाटक में बाल विवाह के दुष्परिणामों को प्रभावी ढंग से दर्शाया गया। नाटक के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि शिक्षा के माध्यम से लड़कियाँ आत्मनिर्भर बन सकती हैं और उन्हें कम उम्र में विवाह नहीं करना चाहिए।
इसके अतिरिक्त, एक विशेष संवाद सत्र का आयोजन किया गया, जिसमें विशेषज्ञों ने बाल विवाह से जुड़े कानूनी पहलुओं, इसके सामाजिक प्रभावों और इसे रोकने के उपायों पर जानकारी दी। इस सत्र में छात्राओं एवं अभिभावकों ने खुलकर अपने विचार रखे और संकल्प लिया कि वे अपने समुदाय में बाल विवाह रोकने में सक्रिय भूमिका निभाएँगे।
कार्यक्रम के अंत में विद्यालय की छात्राओं ने “बाल विवाह मुक्त समाज” बनाने के लिए शपथ ली, और सभी उपस्थित जनों ने इस सामाजिक बुराई के खिलाफ मिलकर कार्य करने का संकल्प लिया।
यह कार्यक्रम बाल संरक्षण एवं शिक्षा को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम रहा। हमें आशा है कि इस तरह की पहल से समाज में सकारात्मक बदलाव आएगा और बाल विवाह जैसी प्रथाओं को समाप्त करने में सफलता मिलेगी।
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