सारस न्यूज़, किशनगंज।
सभी वर्गों की सहभागिता, सामूहिक संकल्प के साथ लिया गया नशामुक्त समाज का संकल्प
📍 किशनगंज | 26 जून 2025 |
“नशा नहीं, नयी सोच से बनेगा सशक्त समाज” – इसी संदेश को लेकर बुनियाद केंद्र, किशनगंज में आज नशा मुक्त भारत अभियान के तहत एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। सामाजिक सुरक्षा कोषांग, किशनगंज के तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम में समाज के सभी वर्गों ने सहभागिता दर्ज कराई और नशा उन्मूलन की दिशा में अपने कर्तव्यों और प्रतिबद्धता को दोहराया।
सरकारी अभियान, सामाजिक भागीदारी – जागरूकता की ओर एक ठोस कदम
कार्यक्रम की अध्यक्षता सहायक निदेशक, बाल संरक्षण पदाधिकारी ने की, जिन्होंने नशा मुक्ति को लेकर सरकार द्वारा चलाई जा रही ‘नशा मुक्त भारत’ मुहिम की गहराई से जानकारी दी।
उन्होंने कहा:
“नशा एक व्यक्ति की नहीं, पूरे परिवार और समाज की समस्या है। इससे घरेलू हिंसा, आर्थिक तंगी, अपराध और सामाजिक विघटन जैसे संकट उत्पन्न होते हैं। इससे न केवल वर्तमान पीढ़ी, बल्कि आने वाली पीढ़ियाँ भी प्रभावित होती हैं।”
उन्होंने उपस्थित नागरिकों से अपील की कि वे पहले स्वयं को नशे से दूर रखें और फिर अपने आस-पास के समाज को भी जागरूक करें।
बुजुर्ग, दिव्यांग और महिलाएं बनीं अभियान की भागीदार
कार्यक्रम में बुनियाद केंद्र के लाभुकों – जिनमें वृद्धजन, दिव्यांगजन और विधवा महिलाएं शामिल थीं – ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि उन्होंने नशे के कारण परिवारों को टूटते और बर्बाद होते देखा है।
उनकी बातें कार्यक्रम को भावनात्मक गहराई और वास्तविकता का प्रतिबिंब दे रही थीं।
SBI ट्रेनी छात्रों ने दी युवाओं को नशे से बचाने की सलाह
कार्यक्रम में शामिल भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के प्रशिक्षणरत छात्रों ने भी अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा:
“आज की युवा पीढ़ी सबसे अधिक जोखिम में है। लेकिन अगर उन्हें शिक्षा, खेल, कला और रचनात्मक गतिविधियों से जोड़ा जाए, तो वे नशे जैसी बुराईयों से दूर रह सकते हैं।”
उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि समाज को मिलकर ऐसे सकारात्मक विकल्पों को बढ़ावा देना चाहिए।
संकल्प के साथ समापन – नशे के विरुद्ध जनआंदोलन की शुरुआत
कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों ने एकमत होकर नशा छोड़ने और दूसरों को भी इसके खिलाफ जागरूक करने का संकल्प लिया।
धन्यवाद ज्ञापन और सामूहिक शपथ के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया।
निष्कर्ष:
यह कार्यक्रम न केवल नशा उन्मूलन की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल था, बल्कि सामाजिक सहभागिता और जनजागृति का जीवंत उदाहरण भी बना। बुनियाद केंद्र में आयोजित यह आयोजन यह साबित करता है कि जब सरकार और समाज मिलकर प्रयास करते हैं, तो कोई भी सामाजिक बुराई टिक नहीं सकती।