राहुल कुमार, सारस न्यूज, किशनगंज।
बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के तहत शनिवार को राहत संस्था, बाल संरक्षण जिला इकाई, और महिला थाना के संयुक्त प्रयास से किशनगंज मुख्यालय के हलीम चौक स्थित मदरसे में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मदरसे की बालिकाओं को बाल विवाह के दुष्परिणामों और उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करते हुए शपथ दिलाई गई।
इस अवसर पर राहत संस्था की सचिव, डॉ. फरजाना बेगम ने कहा कि सरकार ने लड़कियों की शादी के लिए न्यूनतम आयु 18 वर्ष और लड़कों के लिए 21 वर्ष निर्धारित की है। उन्होंने जोर देकर कहा कि शादी तभी करनी चाहिए, जब यह आयु पूरी हो जाए। उन्होंने बताया कि बाल विवाह मुक्त भारत अभियान का मुख्य उद्देश्य हर लड़की को शिक्षा, स्वतंत्रता और बेहतर भविष्य का अधिकार सुनिश्चित करना है।
डॉ. फरजाना बेगम ने बालिकाओं से अपील की कि वे स्वयं बाल विवाह के खिलाफ जागरूक बनें और दूसरों को भी इसके दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक करें। कार्यक्रम में बाल संरक्षण और महिला थाना की ओर से भी बालिकाओं को उनके अधिकारों और बाल विवाह के कानूनी पहलुओं की जानकारी दी गई।
राहत संस्था की सचिव, डॉ. फरजाना बेगम: “बाल विवाह मुक्त भारत अभियान का उद्देश्य हर लड़की को शिक्षा, स्वतंत्रता और बेहतर भविष्य का अधिकार देना है। हमें सरकार द्वारा निर्धारित आयु का पालन करना चाहिए और बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता फैलानी चाहिए।”