राहत संस्था आई पार्टनर इंडिया और बीएसएफ के संयुक्त तत्वाधान में कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के रोकथाम निषेध और निवारण अधिनियम 2013 के तहत मंगलवार को बीएसएफ कैंप खगड़ा में जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता बीएसएफ के डीआईजी ईश ऑल कर रहे थे। इस अवसर पर डीआईजी ओर शंकर ने कहा कि यहां किसी भी महिला के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए।
उन्होंने समानता के मुद्दों पर विस्तृत रूप से जानकारी दी और कहा कि बीएसएफ में पुरुष और महिला दोनों समान रूप से काम करते हैं। सभी अपने कर्तव्यों को समझें और जानें। जिला विधि सेवा प्राधिकरण के सचिव ओम शंकर ने कहा कि हर महिला का अधिकार है कि वह अपनी शिकायत दर्ज कर सकती है। वह डरी नहीं, निडर होकर रहें और अगर विशेष परिस्थिति में कोई भी जरूरत पड़े तो वह आगे अपनी बात रख सकती है। किसी भी पीड़िता के साथ कोई जघन्य अपराध होता है, तो उसके लिए सरकार द्वारा जो अनुदान राशि दी जाती है, उसके बारे में भी बताया गया।
राहत संस्था की सचिव डॉक्टर फरजाना बेगम ने कहा कि हर जगह और हर संस्थान में अंतरिम शिकायत समिति बनी हुई है। इस समिति में अपनी बात रखी जा सकती है। सचिव ने कहा कि प्रत्येक 3 महीने में बैठक का आयोजन किया जाता है, जिसमें काम करने वाली महिलाओं के बारे में बातचीत होती है। इस मौके पर डॉक्टर मिली मुर्मू, डॉक्टर संगीता, डॉक्टर उर्मिला कुमारी, डॉक्टर लिपि मोदी, मुकेश त्यागी, अजय कुमार, अजित कुमार, ममता मंडल, सोनी कुमारी, पूजा कुमारी, वरीय अधिवक्ता मधुकर प्रसाद, पंकज कुमार झा, निर्मला कुमारी, रिंकू कुमारी, प्रीति कुमारी, उषा कुमारी आदि मौजूद थे।
राहुल कुमार, सारस न्यूज, किशनगंज।
राहत संस्था आई पार्टनर इंडिया और बीएसएफ के संयुक्त तत्वाधान में कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के रोकथाम निषेध और निवारण अधिनियम 2013 के तहत मंगलवार को बीएसएफ कैंप खगड़ा में जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता बीएसएफ के डीआईजी ईश ऑल कर रहे थे। इस अवसर पर डीआईजी ओर शंकर ने कहा कि यहां किसी भी महिला के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए।
उन्होंने समानता के मुद्दों पर विस्तृत रूप से जानकारी दी और कहा कि बीएसएफ में पुरुष और महिला दोनों समान रूप से काम करते हैं। सभी अपने कर्तव्यों को समझें और जानें। जिला विधि सेवा प्राधिकरण के सचिव ओम शंकर ने कहा कि हर महिला का अधिकार है कि वह अपनी शिकायत दर्ज कर सकती है। वह डरी नहीं, निडर होकर रहें और अगर विशेष परिस्थिति में कोई भी जरूरत पड़े तो वह आगे अपनी बात रख सकती है। किसी भी पीड़िता के साथ कोई जघन्य अपराध होता है, तो उसके लिए सरकार द्वारा जो अनुदान राशि दी जाती है, उसके बारे में भी बताया गया।
राहत संस्था की सचिव डॉक्टर फरजाना बेगम ने कहा कि हर जगह और हर संस्थान में अंतरिम शिकायत समिति बनी हुई है। इस समिति में अपनी बात रखी जा सकती है। सचिव ने कहा कि प्रत्येक 3 महीने में बैठक का आयोजन किया जाता है, जिसमें काम करने वाली महिलाओं के बारे में बातचीत होती है। इस मौके पर डॉक्टर मिली मुर्मू, डॉक्टर संगीता, डॉक्टर उर्मिला कुमारी, डॉक्टर लिपि मोदी, मुकेश त्यागी, अजय कुमार, अजित कुमार, ममता मंडल, सोनी कुमारी, पूजा कुमारी, वरीय अधिवक्ता मधुकर प्रसाद, पंकज कुमार झा, निर्मला कुमारी, रिंकू कुमारी, प्रीति कुमारी, उषा कुमारी आदि मौजूद थे।
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