बहादुरगंज बस टर्मिनल पर बिजली विहीनता बनी यात्रियों के लिए डर का कारण
किशनगंज जिले के बहादुरगंज प्रखंड स्थित जहांन अली मस्तान बस टर्मिनल पर अंधेरा यात्रियों के लिए खतरे की घंटी बना हुआ है। बस स्टैंड परिसर में बिजली की कोई व्यवस्था नहीं है। रात होते ही पूरा बस टर्मिनल अंधकार में डूब जाता है, जिससे यात्रियों को असुरक्षा का डर सताने लगता है।
यह स्थिति तब है जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य सरकार ने गांव, पंचायत और प्रखंड स्तर तक बिजली पहुंचाने की सफल कोशिश की है। बहादुरगंज शहरी क्षेत्र में भी बिजली की आपूर्ति है, लेकिन बस टर्मिनल परिसर इससे वंचित है।
हर दिन सैकड़ों यात्री यहां बस से उतरते और चढ़ते हैं। अंधेरे के कारण महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे खासकर डरे-सहमे नजर आते हैं। यात्रियों को भय रहता है कि कहीं वे किसी आपराधिक घटना का शिकार न हो जाएं। यहां तक कि बस टर्मिनल का शौचालय भी घुप्प अंधेरे में रहता है, जिससे उसका उपयोग करना भी जोखिम भरा हो गया है।
स्थानीय लोगों और यात्रियों ने प्रशासन से जल्द से जल्द इस समस्या के समाधान की मांग की है, ताकि यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके और बस टर्मिनल पर रौशनी लौट सके।
राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।
बहादुरगंज बस टर्मिनल पर बिजली विहीनता बनी यात्रियों के लिए डर का कारण
किशनगंज जिले के बहादुरगंज प्रखंड स्थित जहांन अली मस्तान बस टर्मिनल पर अंधेरा यात्रियों के लिए खतरे की घंटी बना हुआ है। बस स्टैंड परिसर में बिजली की कोई व्यवस्था नहीं है। रात होते ही पूरा बस टर्मिनल अंधकार में डूब जाता है, जिससे यात्रियों को असुरक्षा का डर सताने लगता है।
यह स्थिति तब है जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य सरकार ने गांव, पंचायत और प्रखंड स्तर तक बिजली पहुंचाने की सफल कोशिश की है। बहादुरगंज शहरी क्षेत्र में भी बिजली की आपूर्ति है, लेकिन बस टर्मिनल परिसर इससे वंचित है।
हर दिन सैकड़ों यात्री यहां बस से उतरते और चढ़ते हैं। अंधेरे के कारण महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे खासकर डरे-सहमे नजर आते हैं। यात्रियों को भय रहता है कि कहीं वे किसी आपराधिक घटना का शिकार न हो जाएं। यहां तक कि बस टर्मिनल का शौचालय भी घुप्प अंधेरे में रहता है, जिससे उसका उपयोग करना भी जोखिम भरा हो गया है।
स्थानीय लोगों और यात्रियों ने प्रशासन से जल्द से जल्द इस समस्या के समाधान की मांग की है, ताकि यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके और बस टर्मिनल पर रौशनी लौट सके।
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