सारस न्यूज, वेब डेस्क।
नगर को जाम से निजात दिलाने की कई कोशिशों के विफल होने के बाद इस वर्ष जनवरी में भारी वाहनों के लिए सुबह से शाम तक ‘नो एंट्री’ प्रणाली शुरू की गई थी। शुरुआत में इस पहल ने सकारात्मक असर डाला और जाम की समस्या से राहत मिलनी शुरू हो गई थी। लेकिन बीते दो महीनों से यह व्यवस्था पूरी तरह निष्क्रिय पड़ी है, जिससे नगरवासी फिर से पुरानी परेशानी झेलने को मजबूर हैं।
सूत्रों के अनुसार, झांसी रानी चौक और कॉलेज चौक पर लगे नो एंट्री बैरियर पर लाखों रुपये खर्च किए गए, फिर भी यह व्यवस्था स्थायी समाधान नहीं बन सकी। शुरुआत में जिस गंभीरता और उम्मीदों के साथ इन चौकों पर भारी वाहनों की आवाजाही पर दिनभर के लिए रोक लगाई गई थी, वही प्रणाली अब उपेक्षा की भेंट चढ़ चुकी है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि नो एंट्री बैरियर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसके बाद नगर कार्यपालक पदाधिकारी अतिउर रहमान ने इसकी मरम्मत का आदेश दिया था। लेकिन एक माह बीत जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इससे प्रशासन की मंशा और कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं।
नागरिकों का यह भी आरोप है कि जब व्यवस्था को सुसंगत तरीके से संचालित करना ही नहीं था, तो फिर लाखों रुपये खर्च कर नो एंट्री बैरियर लगाना सिर्फ सरकारी पैसे की बर्बादी है।
इस उदासीनता के चलते लोगों में नाराजगी बढ़ रही है और वे जिम्मेदार अधिकारियों से जवाबदही की मांग कर रहे हैं।
