खानपान और जल शुद्धता पर दें विशेष ध्यान: सिविल सर्जन।
जिला प्रशासन की अपील: ‘सावधानी ही सुरक्षा।’
जिले में लगातार बढ़ते तापमान ने आम जनजीवन को प्रभावित करना शुरू कर दिया है। लू और भीषण गर्मी से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग एवं जिला प्रशासन की ओर से लगातार जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। सदर अस्पताल सहित कई प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में गर्मी से पीड़ित मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है।
गर्मी में कार्य के समय का करें समुचित निर्धारण:
सिविल सर्जन डॉ मंजर आलम ने बताया कि वर्तमान में जिले में कृषि, व्यापार, निर्माण एवं वैवाहिक गतिविधियाँ तेज़ी से चल रही हैं। ऐसे में दोपहर के समय कार्यों को टालना, छायादार स्थानों पर रुकना और अधिक से अधिक पेयजल का सेवन करना अनिवार्य है। गर्मी की अनदेखी किसी बड़ी दुर्घटना को जन्म दे सकती है।
बारिश नहीं होने से तापमान में बढ़ोतरी, हीट स्ट्रोक का खतरा:
गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. उर्मिला कुमारी ने बताया कि जिले में बारिश की कमी के चलते गर्मी अपने चरम पर है। जिससे हीट स्ट्रोक, डायरिया, त्वचा रोग, डिहाइड्रेशन और फूड प्वाइजनिंग जैसी मौसमी बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि शरीर में पानी की कमी से सिर दर्द, उल्टी, तेज़ नब्ज, चक्कर आना और बेहोशी तक की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। इससे बचने के लिए जरूरी है कि लोग दोपहर में घर से बाहर न निकलें और तरल पदार्थों का भरपूर सेवन करें।
खानपान और जल शुद्धता पर दें विशेष ध्यान: सिविल सर्जन।
सिविल सर्जन डॉ. मंजर आलम ने जिलेवासियों से अपील की कि अधिक से अधिक शुद्ध पेयजल का सेवन करें और दूषित पानी या खुले में बिकने वाले खाद्य पदार्थों से परहेज करें। उन्होंने कहा कि नींबू, संतरा, गन्ना, अनानास जैसे फलों के जूस, छाछ और नारियल पानी जैसे तरल पदार्थों का सेवन गर्मी से शरीर को राहत देता है। साफ-सुथरे वातावरण में बना भोजन ही ग्रहण करें और बासी खाने से पूरी तरह बचें।
बच्चों व बुजुर्गों को दें विशेष सुरक्षा:
डॉ. उर्मिला कुमारी ने यह भी बताया कि मौसमी बदलाव का सर्वाधिक प्रभाव नवजात, छोटे बच्चे एवं बुजुर्गों पर होता है। ऐसे में इन आयु वर्ग के लोगों को बिना आवश्यकता घर से बाहर न निकालें। यदि बाहर जाना हो तो ढीले, हल्के रंग के कपड़े पहनाएं, छाते या टोपी का प्रयोग कराएं और चेहरा पूरी तरह ढंक कर ही बाहर निकलें।
जिला प्रशासन की अपील: ‘सावधानी ही सुरक्षा’
जिलाधिकारी विशाल राज ने जिले के नागरिकों से अपील की है कि गर्मी और लू को हल्के में न लें। स्वयं के साथ-साथ परिवार के अन्य सदस्यों विशेषकर बच्चों और बुजुर्गों की विशेष देखभाल करें। जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग द्वारा जागरूकता और स्वास्थ्य सुविधा दोनों स्तर पर हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
निम्न बातों का रखें खयाल:
सिविल सर्जन डॉ मंजर आलम ने बताया कि दोपहर 12 से 3 बजे के बीच घर से न निकलें।
अधिक से अधिक शुद्ध पेयजल व प्राकृतिक जूस का सेवन करें।
हल्के, सूती व ढीले कपड़े पहनें।
छाता, टोपी और तौलिया से सिर व चेहरा ढंकें।
बासी व खुले में बिकने वाले खाद्य पदार्थों से बचें।
किसी भी शारीरिक समस्या पर नजदीकी सरकारी अस्पताल से तुरंत संपर्क करें।
राहुल कुमार, सारस न्यूज, किशनगंज।
खानपान और जल शुद्धता पर दें विशेष ध्यान: सिविल सर्जन।
जिला प्रशासन की अपील: ‘सावधानी ही सुरक्षा।’
जिले में लगातार बढ़ते तापमान ने आम जनजीवन को प्रभावित करना शुरू कर दिया है। लू और भीषण गर्मी से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग एवं जिला प्रशासन की ओर से लगातार जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। सदर अस्पताल सहित कई प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में गर्मी से पीड़ित मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है।
गर्मी में कार्य के समय का करें समुचित निर्धारण:
सिविल सर्जन डॉ मंजर आलम ने बताया कि वर्तमान में जिले में कृषि, व्यापार, निर्माण एवं वैवाहिक गतिविधियाँ तेज़ी से चल रही हैं। ऐसे में दोपहर के समय कार्यों को टालना, छायादार स्थानों पर रुकना और अधिक से अधिक पेयजल का सेवन करना अनिवार्य है। गर्मी की अनदेखी किसी बड़ी दुर्घटना को जन्म दे सकती है।
बारिश नहीं होने से तापमान में बढ़ोतरी, हीट स्ट्रोक का खतरा:
गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. उर्मिला कुमारी ने बताया कि जिले में बारिश की कमी के चलते गर्मी अपने चरम पर है। जिससे हीट स्ट्रोक, डायरिया, त्वचा रोग, डिहाइड्रेशन और फूड प्वाइजनिंग जैसी मौसमी बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि शरीर में पानी की कमी से सिर दर्द, उल्टी, तेज़ नब्ज, चक्कर आना और बेहोशी तक की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। इससे बचने के लिए जरूरी है कि लोग दोपहर में घर से बाहर न निकलें और तरल पदार्थों का भरपूर सेवन करें।
खानपान और जल शुद्धता पर दें विशेष ध्यान: सिविल सर्जन।
सिविल सर्जन डॉ. मंजर आलम ने जिलेवासियों से अपील की कि अधिक से अधिक शुद्ध पेयजल का सेवन करें और दूषित पानी या खुले में बिकने वाले खाद्य पदार्थों से परहेज करें। उन्होंने कहा कि नींबू, संतरा, गन्ना, अनानास जैसे फलों के जूस, छाछ और नारियल पानी जैसे तरल पदार्थों का सेवन गर्मी से शरीर को राहत देता है। साफ-सुथरे वातावरण में बना भोजन ही ग्रहण करें और बासी खाने से पूरी तरह बचें।
बच्चों व बुजुर्गों को दें विशेष सुरक्षा:
डॉ. उर्मिला कुमारी ने यह भी बताया कि मौसमी बदलाव का सर्वाधिक प्रभाव नवजात, छोटे बच्चे एवं बुजुर्गों पर होता है। ऐसे में इन आयु वर्ग के लोगों को बिना आवश्यकता घर से बाहर न निकालें। यदि बाहर जाना हो तो ढीले, हल्के रंग के कपड़े पहनाएं, छाते या टोपी का प्रयोग कराएं और चेहरा पूरी तरह ढंक कर ही बाहर निकलें।
जिला प्रशासन की अपील: ‘सावधानी ही सुरक्षा’
जिलाधिकारी विशाल राज ने जिले के नागरिकों से अपील की है कि गर्मी और लू को हल्के में न लें। स्वयं के साथ-साथ परिवार के अन्य सदस्यों विशेषकर बच्चों और बुजुर्गों की विशेष देखभाल करें। जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग द्वारा जागरूकता और स्वास्थ्य सुविधा दोनों स्तर पर हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
निम्न बातों का रखें खयाल:
सिविल सर्जन डॉ मंजर आलम ने बताया कि दोपहर 12 से 3 बजे के बीच घर से न निकलें।
अधिक से अधिक शुद्ध पेयजल व प्राकृतिक जूस का सेवन करें।
हल्के, सूती व ढीले कपड़े पहनें।
छाता, टोपी और तौलिया से सिर व चेहरा ढंकें।
बासी व खुले में बिकने वाले खाद्य पदार्थों से बचें।
किसी भी शारीरिक समस्या पर नजदीकी सरकारी अस्पताल से तुरंत संपर्क करें।