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मात्स्यिकी महाविद्यालय तथा पशु चिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय, किशनगंज में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के तत्वावधान में रक्तदान शिविर आयोजित।


सारस न्यूज, किशनगंज।

बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, पटना के अंतर्गत संचालित मात्स्यिकी महाविद्यालय एवं पशु चिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय, अर्राबाड़ी, किशनगंज में राष्ट्रीय सेवा योजना (एन.एस.एस.) इकाई के तत्वावधान में एक भव्य रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। यह आयोजन न केवल चिकित्सा दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण रहा, बल्कि यह सामाजिक चेतना, सेवा भावना और मानवता के प्रति जिम्मेदारी का भी जीवंत उदाहरण बन गया।

इस शिविर में दोनों महाविद्यालयों के छात्र-छात्राओं, शिक्षकों और कर्मचारियों ने उत्साहपूर्वक भाग लेते हुए रक्तदान के पुनीत कार्य में अपनी सहभागिता दर्ज कराई। शिविर का उद्घाटन मात्स्यिकी महाविद्यालय के डीन डॉ. वी. पी. सैनी और पशु चिकित्सा महाविद्यालय के डीन डॉ. चंद्रहास की गरिमामयी उपस्थिति में संपन्न हुआ।

उद्घाटन अवसर पर डॉ. वी. पी. सैनी ने कहा कि रक्तदान निःस्वार्थ सेवा की सर्वोच्च अभिव्यक्ति है। यह किसी अनजान व्यक्ति को जीवनदान देने का सशक्त माध्यम है। उन्होंने छात्रों से इस प्रकार के मानवीय कार्यों में आगे आने का आह्वान किया। वहीं डॉ. चंद्रहास ने रक्तदान को मानवता की सच्ची सेवा की संज्ञा देते हुए इसे एक जिम्मेदार नागरिक के कर्तव्य के रूप में रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि यह समाज में सहयोग, समर्पण और एकजुटता की भावना को सुदृढ़ करता है।

इस रक्तदान शिविर के सफल आयोजन में एन.एस.एस. इकाई के प्रभारियों की सक्रिय भूमिका रही। इनमें डॉ. नरेश राजकीर (एन.एस.एस. प्रभारी, मात्स्यिकी महाविद्यालय), डॉ. राखी (एन.एस.एस. प्रभारी, पशु चिकित्सा महाविद्यालय), और डॉ. शिव वरण (एन.एस.एस. सह-प्रभारी) विशेष रूप से मौजूद रहे। इनके नेतृत्व में पूरा आयोजन अनुशासित, संगठित और प्रभावी ढंग से संपन्न हुआ।

इस अवसर पर अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद, किशनगंज शाखा के अध्यक्ष रोहित दफ्तरी एवं तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम के अध्यक्ष विनीत दफ्तरी का विशेष सहयोग रहा। परिषद को पूर्व में रक्तदान शिविरों के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान भी मिल चुका है, जिससे इस आयोजन की महत्ता और अधिक बढ़ गई।

शिविर में उपस्थित शिक्षकों में डॉ. नरेंद्र, डॉ. ममता, डॉ. शौकत, डॉ. अभिमान, भारतेन्दु विमल एवं राजेश कुमार आदि की सक्रिय भागीदारी रही। उनके सहयोग से यह शिविर न केवल सफल रहा, बल्कि सेवा भावना की मिसाल बन गया। यह आयोजन विश्वविद्यालय की सामाजिक प्रतिबद्धता और नैतिक मूल्यों को और भी मजबूत करने वाला सिद्ध हुआ। ऐसे प्रयास समाज में सकारात्मक ऊर्जा भरते हैं और युवाओं को जनसेवा के लिए प्रेरित करते हैं।


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