सारस न्यूज, वेब डेस्क।
जिले के तातपौवा पंचायत में एक 17 वर्षीय किशोरी की शादी को समय रहते रोक दिया गया, जिससे एक संभावित सामाजिक अपराध टल गया। यह कार्रवाई जिला प्रशासन और सामाजिक संगठन ‘जन निर्माण केंद्र’ की त्वरित पहल और सूझबूझ से संभव हो पाई।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, जब जन निर्माण केंद्र के जिला समन्वयक मोहम्मद मुजाहिद आलम को नाबालिग की शादी की खबर मिली, तो उन्होंने तुरंत इस मामले की जानकारी अनुमंडल पदाधिकारी को दी। अनुमंडल पदाधिकारी ने गंभीरता को समझते हुए एक विशेष जांच टीम का गठन किया।
इस टीम का नेतृत्व प्रभारी अंचल अधिकारी मोहित राज ने किया, जिसमें पुलिस प्रशासन के अधिकारी और जन निर्माण केंद्र के प्रतिनिधि भी शामिल थे। टीम ने मौके पर जाकर परिवार से बातचीत की और पूरे मामले की तह तक जाने की कोशिश की।
जांच में यह स्पष्ट हुआ कि लड़की की उम्र 18 वर्ष से कम है, जिसके आधार पर यह शादी कानूनन अवैध मानी जाती। अधिकारियों ने परिजनों को बाल विवाह की कानूनी और सामाजिक दुष्परिणामों से अवगत कराया। समझाइश के बाद परिवार ने शादी रोकने का निर्णय लिया।
जन निर्माण केंद्र की भूमिका रही अहम
इस पूरी कार्रवाई में जन निर्माण केंद्र की सक्रियता को काफी सराहा जा रहा है। संगठन समय-समय पर ग्रामीण क्षेत्रों में बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाता रहा है और इस बार भी उन्होंने सूचना मिलने पर तत्काल हस्तक्षेप कर एक नाबालिग लड़की का भविष्य संवारने में मदद की।
प्रशासन की सख्ती, समाज को मिला संदेश
इस घटना से यह संदेश साफ है कि जिला प्रशासन बाल विवाह जैसे सामाजिक अपराधों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रहा है। अधिकारी वर्ग ने यह भी चेतावनी दी है कि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोहराई गईं तो संबंधित पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
निष्कर्ष:
समाज में बदलाव तभी संभव है जब प्रशासन, सामाजिक संगठन और आम नागरिक मिलकर बाल विवाह जैसी कुप्रथाओं को जड़ से खत्म करने का प्रयास करें। इस संयुक्त कार्रवाई ने एक बार फिर साबित किया है कि सजगता और साहस से किसी भी गलत परंपरा को रोका जा सकता है।