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मुख्यमंत्री गुरु-शिष्य परंपरा योजना।

सारस न्यूज, किशनगंज।

कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, बिहार द्वारा कला-संस्कृति के संरक्षण, संवर्धन एवं विकास हेतु बिहार राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, दुर्लभ और विलुप्तप्राय कला रूपों को संरक्षित करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री गुरु-शिष्य परंपरा योजना प्रारंभ की गई है।

इस योजना के अंतर्गत दुर्लभ और विलुप्तप्राय कला रूपों को संरक्षित और प्रचारित करने के लिए युवा प्रतिभाओं को विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञों और गुरुओं के मार्गदर्शन में प्रशिक्षित किया जाएगा। बिहार राज्य की लोक कला और शास्त्रीय कलाओं के क्षेत्र में वैसी कलाओं को शामिल किया गया है जिन्हें संरक्षण और पोषण की आवश्यकता है।

कला क्षेत्र:

  1. विलुप्तप्राय लोक गाथा
    गौरियाबाबा, भरथरी बाबा, दीनाभद्री, राजा सलहेश, रेशमा-चूहड़मल, सती बिहुला, हिरनी-वीरनी
  2. विलुप्तप्राय लोकनाट्य
    विदेशिया, नारदी, डोमकुछ, बगुली, बिरहा, ज़ालिम सिंह, चकुली, बांका, कीर्तनियाँ
  3. विलुप्तप्राय लोक नृत्य
    पाईका, कर्मा, धोबिया, झरनी, करिया झूमर, झिझिया, पावरिया, कठघोड़वा
  4. विलुप्तप्राय लोक संगीत
    सुमंगली, रोपनी गीत, कटनी गीत, चैता, पूरबी, संस्कार गीत
  5. विलुप्तप्राय लोक वाद्य यंत्र
    सारंगी, विचित्र वीणा, रुद्र वीणा, ईसराज, वायलिन, शहनाई, बीन, नगाड़ा
  6. विलुप्तप्राय शास्त्रीय कला/विधा
    ख़्याल गायन, ध्रुपद-धमार गायन, पखावज, सितार, ठुमरी, दादरा, होरी, सतरिया
  7. विलुप्तप्राय चित्रकला
    पटना कलम, टेराकोटा, सिक्की कला, माली कला, भोजपुरी पीड़िया, भोजपुरी छापा कला

प्रशिक्षण अवधि:

  • दो वर्ष
  • माह में कम से कम 12 दिन

वित्तीय सहायता:

  • गुरुओं के लिए ₹15,000/- प्रति माह
  • संगत कलाकार के लिए ₹7,500/- प्रति माह
  • चयनित शिष्यों के लिए ₹3,000/- प्रति माह

चयन प्रक्रिया:

  • गुरुओं का चयन कला, संस्कृति एवं युवा विभाग द्वारा विशेषज्ञ समिति के माध्यम से किया जाएगा।
  • शिष्यों का चयन चयनित गुरुओं एवं ज़िला कला एवं संस्कृति पदाधिकारी द्वारा किया जाएगा।
  • संगत कलाकारों का चयन गुरुओं द्वारा किया जाएगा।

प्रशिक्षण समापन उपरांत विभाग द्वारा दीक्षांत समारोह का आयोजन किया जाएगा, जिसमें गुरु एवं प्रशिक्षित शिष्यों द्वारा विधावार प्रस्तुतिकरण किया जाएगा।

अधिक जानकारी के लिए ज़िला कला एवं संस्कृति पदाधिकारी, किशनगंज के कार्यालय (खेल भवन) में संपर्क किया जा सकता है।


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