दिनांक 19.09.2024 को किशनगंज के महानंदा सभागार, समाहरणालय में जिला पदाधिकारी विशाल राज की अध्यक्षता एवं उप विकास आयुक्त स्पर्श गुप्ता की विशिष्ट उपस्थिति में बाल संरक्षण से जुड़े मुद्दों जैसे बाल विवाह रोकथाम, बाल व्यापार, बाल श्रम निषेध आदि से संबंधित जिला स्तरीय कार्यशाला सह बैठक का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम कैलाश सत्यार्थी फाउंडेशन द्वारा संचालित जन निर्माण केंद्र, किशनगंज के सहयोग से आयोजित किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत में जन निर्माण केंद्र के सचिव राकेश सिंह ने अंग वस्त्र और मोमेंटो देकर जिला पदाधिकारी एवं अन्य अतिथियों का स्वागत किया। इसके बाद दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का औपचारिक शुभारंभ हुआ।
इस कार्यशाला में जिलाधिकारी विशाल राज ने बाल विवाह प्रतिषेध कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए इन मुद्दों पर जन जागरूकता फैलाने के लिए मीडिया, सोशल मीडिया, और अन्य माध्यमों का उपयोग करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जिले में बाल विवाह की रिपोर्टिंग की स्थिति संतोषजनक नहीं है, और इसे सख्ती से रोका जाना चाहिए। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि बाल विवाह की संभावना की सही जानकारी प्राप्त करना आवश्यक है और समय पर इसे रोकना जरूरी है। इसके लिए चाइल्डलाइन के नंबर 1098 का प्रचार-प्रसार आवश्यक बताया गया, ताकि संभावित बाल विवाह की सूचना मिलते ही तुरंत कार्यवाही की जा सके।
जिलाधिकारी ने बाल व्यापार रोकथाम के लिए हॉटस्पॉट्स को चिन्हित करने और रेलवे स्टेशन सहित प्रमुख स्थलों पर उद्घोषणा एवं बैनर के माध्यम से सतर्कता अभियान चलाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 के साथ महत्वपूर्ण निर्देश आधारित डिस्प्ले बोर्ड प्रमुख स्थलों पर लगाने की बात भी कही।
सहायक निदेशक, जिला बाल संरक्षण इकाई, रविशंकर तिवारी ने शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग की भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि बाल विवाह रोकने में इन विभागों का सहयोग महत्वपूर्ण है। उन्होंने विद्यालय स्तर पर बच्चों को जागरूक करने और विशेष रूप से बालिकाओं को स्कूल में बनाए रखने की आवश्यकता बताई ताकि वे ड्रॉपआउट न हों और उनका बाल विवाह होने की संभावना न के बराबर हो।
डा. उर्मिला ने बाल विवाह से बच्चियों के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले गंभीर दुष्प्रभावों जैसे गर्भवती महिला और नवजात की मृत्यु, दिव्यांगता, और कुपोषण पर प्रकाश डालते हुए सभी को इस समस्या के समाधान में योगदान देने का अनुरोध किया।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए जन निर्माण केंद्र के सचिव राकेश कुमार सिंह ने बताया कि 18 अक्टूबर 2024 से 25 अक्टूबर 2024 तक जिले में बाल विवाह मुक्त अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए सभी विभागों से दीप उत्सव, गोष्ठी, रैली, नुक्कड़ नाटक आदि आयोजन करने की अपील की गई।
इस अवसर पर जिला पंचायती राज पदाधिकारी जफर आलम, अनुमंडल पदाधिकारी लतीफ उर रहमान अंसारी, बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष एवं सदस्य, एसएसबी, बीएसएफ के कमांडेंट, जिला शिक्षा पदाधिकारी, श्रम अधीक्षक, सभी सीडीपीओ, सुरक्षित स्थान के अधीक्षक, बाल संरक्षण पदाधिकारी, जिला बाल संरक्षण इकाई के कर्मीगण, और जन निर्माण केंद्र के सभी कर्मीगण उपस्थित थे।
राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।
दिनांक 19.09.2024 को किशनगंज के महानंदा सभागार, समाहरणालय में जिला पदाधिकारी विशाल राज की अध्यक्षता एवं उप विकास आयुक्त स्पर्श गुप्ता की विशिष्ट उपस्थिति में बाल संरक्षण से जुड़े मुद्दों जैसे बाल विवाह रोकथाम, बाल व्यापार, बाल श्रम निषेध आदि से संबंधित जिला स्तरीय कार्यशाला सह बैठक का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम कैलाश सत्यार्थी फाउंडेशन द्वारा संचालित जन निर्माण केंद्र, किशनगंज के सहयोग से आयोजित किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत में जन निर्माण केंद्र के सचिव राकेश सिंह ने अंग वस्त्र और मोमेंटो देकर जिला पदाधिकारी एवं अन्य अतिथियों का स्वागत किया। इसके बाद दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का औपचारिक शुभारंभ हुआ।
इस कार्यशाला में जिलाधिकारी विशाल राज ने बाल विवाह प्रतिषेध कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए इन मुद्दों पर जन जागरूकता फैलाने के लिए मीडिया, सोशल मीडिया, और अन्य माध्यमों का उपयोग करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जिले में बाल विवाह की रिपोर्टिंग की स्थिति संतोषजनक नहीं है, और इसे सख्ती से रोका जाना चाहिए। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि बाल विवाह की संभावना की सही जानकारी प्राप्त करना आवश्यक है और समय पर इसे रोकना जरूरी है। इसके लिए चाइल्डलाइन के नंबर 1098 का प्रचार-प्रसार आवश्यक बताया गया, ताकि संभावित बाल विवाह की सूचना मिलते ही तुरंत कार्यवाही की जा सके।
जिलाधिकारी ने बाल व्यापार रोकथाम के लिए हॉटस्पॉट्स को चिन्हित करने और रेलवे स्टेशन सहित प्रमुख स्थलों पर उद्घोषणा एवं बैनर के माध्यम से सतर्कता अभियान चलाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 के साथ महत्वपूर्ण निर्देश आधारित डिस्प्ले बोर्ड प्रमुख स्थलों पर लगाने की बात भी कही।
सहायक निदेशक, जिला बाल संरक्षण इकाई, रविशंकर तिवारी ने शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग की भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि बाल विवाह रोकने में इन विभागों का सहयोग महत्वपूर्ण है। उन्होंने विद्यालय स्तर पर बच्चों को जागरूक करने और विशेष रूप से बालिकाओं को स्कूल में बनाए रखने की आवश्यकता बताई ताकि वे ड्रॉपआउट न हों और उनका बाल विवाह होने की संभावना न के बराबर हो।
डा. उर्मिला ने बाल विवाह से बच्चियों के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले गंभीर दुष्प्रभावों जैसे गर्भवती महिला और नवजात की मृत्यु, दिव्यांगता, और कुपोषण पर प्रकाश डालते हुए सभी को इस समस्या के समाधान में योगदान देने का अनुरोध किया।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए जन निर्माण केंद्र के सचिव राकेश कुमार सिंह ने बताया कि 18 अक्टूबर 2024 से 25 अक्टूबर 2024 तक जिले में बाल विवाह मुक्त अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए सभी विभागों से दीप उत्सव, गोष्ठी, रैली, नुक्कड़ नाटक आदि आयोजन करने की अपील की गई।
इस अवसर पर जिला पंचायती राज पदाधिकारी जफर आलम, अनुमंडल पदाधिकारी लतीफ उर रहमान अंसारी, बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष एवं सदस्य, एसएसबी, बीएसएफ के कमांडेंट, जिला शिक्षा पदाधिकारी, श्रम अधीक्षक, सभी सीडीपीओ, सुरक्षित स्थान के अधीक्षक, बाल संरक्षण पदाधिकारी, जिला बाल संरक्षण इकाई के कर्मीगण, और जन निर्माण केंद्र के सभी कर्मीगण उपस्थित थे।