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स्वच्छता ही सेवा 2024 कार्यक्रम में समुदाय की भागीदारी अहम-जिलाधिकारी।

राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।

जिले के सभी आंगनवाड़ी केंद्रों पर आगामी 2 अक्टूबर तक “स्वच्छता ही सेवा 2024” का किया जा रहा है आयोजन

• निदेशक, आई.सी.डी.एस. ने पत्र जारी कर दिया निर्देश

• “स्वभाव स्वच्छता, संस्कार स्वच्छता” थीम पर किया जायेगा आयोजन

जिला सहित सूबे के सभी आंगनवाड़ी केंद्रों पर 14 सितंबर से 2 अक्टूबर तक “स्वच्छता ही सेवा 2024” का आयोजन किया ज अरह है। डीपीओ आईसीडीएस अजमल खुर्शीद ने बताया कि इस बाबत डॉ. कौशल किशोर, निदेशक, समेकित बाल विकास निदेशालय, बिहार सरकार ने राज्य के सभी जिला प्रोग्राम पदाधिकारी एवं बाल विकास परियोजना पदाधिकारी को पत्र जारी कर आवश्यक निर्देश दिया है। उक्त कार्यक्रम में स्वच्छ भारत मिशन के तहत देश भर में चलाए जा रहे “स्वच्छता ही सेवा 2024” अभियान के अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्रों में स्वच्छता से संबंधित कई गतिविधियाँ आयोजित की जा रही हैं। इस पहल का उद्देश्य न केवल बच्चों में स्वच्छता की आदतों को विकसित करना है, बल्कि समुदाय के प्रत्येक व्यक्ति को स्वच्छता के प्रति जागरूक बनाना भी है।

स्वच्छता ही सेवा 2024 कार्यक्रम में समुदाय की भागीदारी अहम- जिलाधिकारी

जिला पदाधिकारी विशाल राज ने बताया की किसी भी अभियान को समुदाय की भागीदारी के बिना सफल नही बनाया जा सकता है इसलिए इस अभियान में स्थानीय समुदाय की सक्रिय भागीदारी काफी अहम् है , आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा लोगों को अपने घर और आसपास के क्षेत्रों को साफ रखने के लिए प्रेरित किया जाना है। साथ ही, सरकार द्वारा कचरा प्रबंधन और शौचालय के उपयोग पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। स्वच्छता ही सेवा 2024 के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों की ये गतिविधियाँ समाज के अन्य हिस्सों में भी स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाने का काम कर रही हैं। जिलाधिकारी ने सभी जिलेवासियो से से इस अभियान में भाग लेने और देश को स्वच्छ और स्वस्थ बनाने की अपील की है। इस प्रकार, आंगनबाड़ी केंद्रों में चलाए जा रहे ये कार्यक्रम बच्चों और समुदाय के अन्य सदस्यों को स्वच्छता की महत्ता समझाने और अपनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

“स्वभाव स्वच्छता, संस्कार स्वच्छता” थीम पर किया जायेगा आयोजन:

डीपीओ आईसीडीएस अजमल खुर्शीद ने बताया कि जारी पत्र में बताया गया है कि “स्वच्छ भारत मिशन” ग्रामीण के तहत 2017 से “स्वच्छता ही सेवा” अभियान का आयोजन किया जा रहा है। इस वर्ष “स्वच्छता ही सेवा 2024” की थीम “स्वभाव स्वच्छता, संस्कार स्वच्छता” है एवं इसका आयोजन 14 सितंबर से 2 अक्टूबर तक किया जाना है। इसमें व्यापक स्तर पर आंगनबाड़ी सेविकाओं तथा किशोरियों के द्वारा स्वच्छता ही सेवा अभियान में सक्रीय भागीदारी विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से किया जाना है।

स्वच्छता अभियान का आयोजन

डीपीओ आईसीडीएस अजमल खुर्शीद ने बताया कि 14 से 21 सितंबर तक सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में स्वच्छता अभियान आयोजित किया जायेगा. इसके अंतर्गत सभी आंगनबाड़ी केंद्रों की साफ़-सफाई, शौचालय की साफ़-सफाई, आंगनबाड़ी केंद्रों के आस पास जैसे सामुदायिक स्थल, स्थानीय जल स्रोतों- कुआँ, नल के आस पास, गौशाला आदि की साफ़-सफाई की जानी है। स्वच्छता कार्यक्रम के बारे में समुदाय को जागरूक करना एवं उनकी भागीदारी सुनिश्चित करना, अनुपयोगी वस्तुओं का उपयोग कर कलाकृति, खिलौने आदि का निर्माण करना, हमारा कचरा, हमारी जिम्मेदारी की भावना विकसित करने के लिए समुदाय के लोगों को घर में/ सामुदायिक स्थलों पर कचरा को अलग अलग करने व निपटारा करने के लिए जागरूक करना, हाथ धोने का अभ्यास के तहत शौच जाने से पहले एवं बाद, खाना खाने से पहले आदि के लिए जागरूक करना एवं स्थानीय जन समुदाय, बच्चों और उनके अभिभावकों के साथ सामूहिक स्वच्छता शपथ दिलवाना है।

वहीँ 21 सितंबर से 2 अक्टूबर तक किशोरियों के साथ माहवारी स्वच्छता व उपयोग किये गए माहवारी उत्पादों के सुरक्षित निष्पादन के बारे में जागरूकता लाने के लिए संवाद स्थापित करना है। किशोरियों को खुद की एवं आस-पास की सफाई के बारे में जागरूक करना एवं परामर्श देना जैसे आयोजन किया जाना है। की आदतों को विकसित करना है, बल्कि समुदाय के प्रत्येक व्यक्ति को स्वच्छता के प्रति जागरूक बनाना भी है।

स्वच्छता पर जागरूकता सत्र: आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों और माता-पिता के लिए स्वच्छता पर विशेष सत्र आयोजित किए जा रहे हैं। इन सत्रों में हाथ धोने की सही तकनीक, शौचालय की सफाई, और रोजमर्रा के जीवन में स्वच्छता के महत्व पर बल दिया जा रहा है।

व्यावहारिक प्रशिक्षण: बच्चों को हाथ धोने और सफाई रखने के व्यावहारिक प्रशिक्षण दिए जा रहे हैं, जिससे वे अपनी दिनचर्या में स्वच्छता को शामिल कर सकें।

स्वच्छता पर आधारित प्रतियोगिताएँ: केंद्रों में स्वच्छता से जुड़े चित्रकला, पोस्टर निर्माण और निबंध लेखन जैसे प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया है। इससे बच्चों में स्वच्छता के प्रति रचनात्मक रुचि विकसित हो रही है।

पोषण और स्वच्छता का संबंध: आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने स्वच्छता और पोषण के आपसी संबंध पर प्रकाश डालते हुए बताया कि स्वच्छ वातावरण बच्चों के समुचित शारीरिक और मानसिक विकास के लिए अत्यधिक आवश्यक है।

साफ-सफाई अभियान: आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, माता-पिता और समुदाय के सदस्य मिलकर केंद्रों और आसपास के क्षेत्रों में सफाई अभियान चला रहे हैं। इससे बच्चों को स्वच्छता का महत्व समझाने के साथ-साथ समुदाय के अन्य लोगों को भी प्रेरित किया जा रहा है।

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